अस्सलामु अलैकुम नाजरीन आज हम इस पोस्ट में बात करेंगे Sone ki dua के बारे में और साथ ही सोने की दुआ क्यो पढ़ी जाती है।
इसकी फजीलत क्या है सुन्नत नबवी के मुताबिक सोने की दुआ और तरीका अबू दाउद और तिरमिजी में ये सुन्नते रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वस्सलम ब्यान हुई है।
की जब आप सल्लल्लाहु अलैहि वस्सलम सोने के लिए इसताराहत फरमाना चाहते तो सीधी करवट लेट ते और सीधी हाँथ की हथेली अपने रुखसार मुबारक के निचे रख लेते और फिर ये दुआ पढ़ ते थे, सोने की दुआ को हमने आपके सहूलियत के मुताबिक निचे इमेज में अपलोड कर दिया है।
इस्लाम में सोने का तरीका क्या है और किन किन तरीको से सोया जाता है और सोते वक्त क्या क्या पढ़ना चाहिए और किस करवट सोना चाहिए और इनकी फजीलत क्या है तो चलिए शुरू करते है।
सोने से पहले तिन बार सूरए इख़्लास पढ़े
- कुल हुवल्लाहु अहद
- अल्लाहुस्समद
- लम यलिद वलम यूलद
- वलम यकूल लहू कुफुवन अहद
फिर एक बार सूरह फ़लक़ पढ़े
- कुल आ ऊजू बिरब्बिल फलक
- मिन शर्री मा खलक़
- वा मिन शर्री गासिकिन इजा वकब
- वा मिन शर्रीन नाफ्फासाती फिल उकद
- वा मिन शर्री हसिदिन इज़ा हसद
फिर एक बार सुरह अल नास पढ़े
- कुल आउज़ू बी रब्बिन्नास
- मलिकिन- नास
- इलाहिन- नास
- मिन शर्रिल वास्वसिल खन्नास
- अल- लजी युवास्विसू फी सुदुरिन्नास
- मीनल जिन्नती वन्नास
फिर एक बार सुरह फातिहा पढ़े
- अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन
- अर रहमा निर रहीम
- मालिकि यौमिद्दीन
- इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन
- इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम
- सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम
- गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन (अमीन)
ये सब पढ़ने से सोने वाला दुःख तखलीफ़ से महफूज रहता है और ये भी दुआ पढ़ना मस्नुन यानि सही है।
Sone ki dua hindi urdu mein (सोने की दुआ)
नाज़रीन इस्लाम मजहब कितना पाक और नेक मजहब है ये हमें बताने की जरुरत नहीं है ये हम सब जानते है इस्लाम में हर काम करने के तरीके को बताया गया है इसी तरह हमें सोने से पहले क्या क्या करना चाहिए।
ये भी हमें जरूर जानना चाहिए हर मुसलमान को बा वज़ू सोना चाहिए यानी के के सोने से पहले आप वज़ू बना कर सोएं अपने दाहिना हाँथ right hand अपने सर के निचे रख कर सोएं और अपना रुख क़िब्ले के तरफ रखे इससे अल्लाह राज़ी होता है और उस शख्स पर सवाब फरमाता है।
अल्हम्दो लिल्लाहि अल्लजी आह्यना
बादा मा आमा ताना व इलेयहील नुसुर
आप सभी नाजरीन को एक बात बतादू की सोने की दुआ और सो कर उठने के बाद की दुआ ये दोनों का इतना फजीलत है के ये हदीश पाक में फरमाया गया है ये दोनों दुआ हर मुस्लमान को पढ़ना चाहिए।
इससे आपकी नींद मुकम्मल होगी और बुरे खाब से भी निजात मिलेगा और सुबह उठने के द पढ़ने वाली दुआ पढ़ेंगे तो आपका पूरा दिन अच्छा गुजरे गा और आपके हर काम में इंशाअल्लाह कामयाबी मिलेगा।
Conclusion
दोस्तों हमारे द्वारा दी गई Sone ki Dua की जानकारी को अपने अच्छे से पढ़ा होगा, हमारी यही कोशिश रहती है, की आप तक सही जानकारी पहुच सके। हमने इस पोस्ट मे सोने की दुआ से Related और सभी सूरतों के बारे मे भी बताया है।
अगर आप इन दुआ को पढ़ते है, तो आप अल्लाह की बारगाह मे पूरी रात महफूज रह सकते है, इनको पढ़ने से सिर्फ एक मौत है, जो आपके पास आएगी अन्यथा इसके अलावा आपके पास कोई भी नहीं आ सकता।
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