अस्सलाम अलैकुम दोस्तों, इस वेबसाइट पर 99 names of allah का सीरीज स्टार्ट किया गया है जिसमे अल्लाह के 99 नाम के बारे में बताया जा रहा है जिसमे आज आपको Al Baseer के बारे में सिखने को मिलने वाला है.
आज आपको जानने को मिलेगा Al Baseer का मतलब क्या है, इसे कब और कितनी बार पढना चाहिए, और इसे पढने से क्या फायदा होने वाला है.
Al Baseer Meaning in Hindi
الْبَصِيرُ
AL-BASEER
(सब कुछ देखने वाला)
अल्लाह वो है के जिस की निगाह ने कायनात की पोशिदा और ज़हीर तमाम मौजूदात का घेराव कर रखा है, चाहे कितनी ही मक्फी तर या ज़ाहिर हो, नेज़ वो मकलूक़ चाहे कितनी ही छोटी या बड़ी हो।
अल बसीर को कब पढ़े?
Al Baseer पढने के लिए कोई भी समय मुक़र्रर नहीं है जब आपके पास समय हो पढ़ सकते है लेकिन बेहतर ये होता है की किसी भी नमाज़ के बाद पढ़े.
क्युकी नमाज़ के बाद पढने का मतलब यही है की आप पाक व साफ़ वजू के साथ होते है और इस हालत में पढ़ते है तो दुआ कुबूल होने का ज्यादा चांस ज्यादा होता है.
अगर आप चाहे तो नमाज़ के बाद अल मालिक को 100 बार पढ़ सकते है.
अल बसीर के फायदे और वजीफा क्या है?
benefits of reciting Al Baseer
- कोई शख्स अगर जुमे की नमाज़ से पहले या बाद सौ बार “या बसीरू” पढने की आदत बना ले अल्लाह तआला उसकी निगाह में रौशनी और दिल में नूर अता फ़रमाएंगे और नेक कामों की तौफ़ीक़ अता फ़रमाएंगे.
- अगर कोई अचानक मौत से बचना चाहता है तो उसे चाहिए कि रोज़ाना असर के वक़्त 7 बार इस नाम को पढ़ लिया करे इंशाअल्लाह वो अचानक हादसे से महफूज़ हो जायेगा.
- जो शख़्स इस इस्मे पाक को सुबह फ़र्ज़ और सुन्नत के दर्मियान 100 बार पढ़े अल्लाह के नज़दीक मकबूल व मंज़ूर हो! बेशक अल्लाह से कोई बात छिपी नहीं रह सकती! वह तो दिलो की बात भी जानता है!
- जो जुमा की नमाज़ से पहले या बाद में 100 बार “या बसीरू” पढ़ेगा अल्लाह तआला उसकी निगाह में रौशनी और दिल में नूर पैदा फरमा देंगे और नेक कामों की तौफ़ीक़ अता फ़रमाएंगे
- जो इस नाम को जुमा के ख़ुत्बे से पहले 100 बार पढ़ लिया करे वो अल्लाह का मंजूरे नज़र होगा