अस्सलामु अलैकुम, दोस्तों आज हम इस पोस्ट मे जानेंगे Surah Naas In Hindi के बारे मे और साथ ही जनेगे सूरह नास की कुछ और बातें तो इस पोस्ट को पूरा पड़ें।
जिससे आपको Surah Naas In Hindi के बारे मे सारी जानकारी मिल जाएगी और अगर आपको हमारी ये पोस्ट अच्छी लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें इसे हमे बहुत खुशी होगी।
Surah Naas in Arabic Text Form
Surah Naas In Hindi
दोस्तों हमने आपके लिए सूरह नास हिंदी में मौजूद करायी है, इसको पढ़कर आप सूरह नास की तिलावत आसानी से कर सकते हैं।
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
- कुल अऊजु बिरब्बिन नास
- मलिकिन नास
- इलाहिन नास
- मिन शर रिल वसवा सिल खन्नास
- अल्लज़ी युवस विसु फी सुदूरिन नास
- मिनल जिन्नति वन नास
सूरह नास का हिन्दी तर्जुमा
- (हे नबी!) कहो कि मैं इन्सानों के परवरदिगार की पनाह में आता हूँ।
- जो सारे इन्सानों का मालिक है।
- जो सारे इन्सानों का माबूद है।
- वस्वसा डालने वाले और छुप जाने वाले के बुराई शर से।
- जो लोगों के दिलों में भ्रम (वस्वसा) डालता रहता है।
- जो जिन्नों में से हो या फिर इंसानों मे से।
Surah Naas in English
Bismillaahir Rahmaanir Raheem
- Qul a’oozu birabbin naas
- Malikin naas
- Ilaahin naas
- Min sharril waswaasil khannaas
- Allazee yuwaswisu fee sudoorin naas
- Minal jinnati wannaas
Surah Naas in English Translation
In the name of Allah, Most Gracious, Most Merciful.
- Say: I seek refuge with the Lord and Cherisher of Mankind,
- The King (or Ruler) of Mankind,
- The god (or judge) of Mankind,-
- From the mischief of the Whisperer (of Evil), who withdraws (after his whisper),-
- (The same) who whispers into the hearts of Mankind,-
- Among Jinns and among men.
सूरह नास की हिंदी तफसीर
- ये दो आखिरी सूरतें (सूरह फलक सूरह नास) मुअव्वजातें कहलाती हैं ये उस वक़्त नाज़िल हुई थी जब हुज़ूर सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम पर यहूदियों की तरफ से जादू किया गया था। और उसके कुछ असरात आप पर ज़ाहिर हुए थे इन सूरतों में इस का इलाज बताया गया है। हदीसो से मालूम होता है कि इन सूरतों की तिलावत और इन से दम करना जादू के असरात दूर करने के लिए बेहतरीन अमल है हुज़ूर सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम इन सूरतो की तिलावत करके अपने जिस्म पर दम कर लिया करते थे।
- खन्नास शैतान को कहते हैं इसके मानी छुपने के हैं जब अल्लाह का ज़िक्र होता है तो वह छिप जाता है फिर जब मौक़ा मिलता है तो वस्वसे डालता रहता है।
- जिनो में तो शैतान होते ही हैं इंसानो में भी शयातीन होते हैं जो बहकाते रहते हैं उन कि बाते सुन सुन कर तरह तरह के बुरे खयालात और वस्वसे पैदा होते हैं इसीलिए आयत में दोनों तरह के वस्वसे डालने वालो से पनाह मांगी गयी है अल्लाह हम सब को अपनी पनाह में रखे और हर तरह के शर से बचाये आमीन।
- इस सूरह में बार बार लफ्ज़ नास ला कर तमाम इंसानियत को रब्बे कायनात से जुड़ने कि दावत है कि वही तमाम इंसानो का रब है बादशाह भी है माबूद भी है सब को उसी से लौ लगाने की ज़रुरत है।
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