Eid ki Namaz ka Tarika, Niyat, Rakat, Waqt सब कुछ जाने

अस्सलाम अलैकुम उम्मीद करता हूँ की आप सब रमजान की रोज़े रखे होंगे और Eid ki Namaz ka Tarika सिखने के लिए namazquran वेबसाइट पर आए हो.

ईद और बकरीद साल में एक बार आता है इसी लिए ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीका बहुत से लोग भूल जाते है की नमाज़ का तरीका क्या है, नियत कैसे करते है, और ईद के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

इसीलिए इस वेबसाइट पर इस्लाम से संबंधित छोटे बड़े सवालो का जवाब दिया जाता है और इस्लामिक तरीका कुरान और हदीस की रोशनी में बताया जाता है.

पहले आपको समझना जरुरी है की इस पोस्ट में बताया क्या जाएगा क्युकी अगर आप ये समझ जाए तो आपके के लिए Eid namaz ka tarika सीखना बहुत असान हो जाएगा.

मै समझ कर चल रहा हूँ की आपको कुछ नहीं आता और शुरुआत से शुरू करते है की ईद कब है ईद की नमाज़ का सुन्नत तरीका क्या है, इमाम के पीछे या घर में नमाज़ का तरीका क्या है, और ईद से संबंधित बहुत कुछ सिखने को मिलने वाला है.

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Eid ki Namaz ka Tarika (ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीका)

ईद और बकरीद की नमाज़ का तरीका एक ही होता है बस जो फर्क होता है वो महीने और वक़्त का होता है.

नमाज का ये तरीका मर्द और औरत दोनों के लिए है क्योंकि एक भी सहीह हदीस से औरतों का तरीका अलग साबित नहीं है बल्कि नबी (ﷺ) का वाजेह हुक्म है- “नमाज़ उस तरह पढ़ो जिस तरह मुझे पढ़ते हुए देखते हो.” [सहीह बुख़ारी हदीस- 631]

Eid kab hai 2022

इंडिया में पहला रमजान का रोज़ा Sunday 3 April को रखा गया था अगर इसी date के अनुसार माने तो 30 रोज़े होने पर 3 May, Tuesday को होगा, और अगर 29 रोज़े होने पर 2 May, Monday को ईद की नमाज़ पढ़ा जाएगा.

ईद उल फ़ित्र की नमाज़ की कुछ जरुरी बाते

ईद उल फ़ित्र नमाज़ और पांच वक्त की नमाज़ से थोड़ा अलग होती है, जिनमे से कुछ अहम बाते निचे दी गई है।

  • सबसे पहले हम ये जान लें की ईद eid ul fitr की नमाज़ में न तो अज़ान होती है और ना ही इक़ामत पढ़ी जाती है।
  • ईद की नमाज़ में 6 तकबीरें होती है 3 तकबीर पहली रकअत के दरमियान सना पढ़ने के बाद होता है और 3 तकबीर दूसरी रकअत में रुके में जाने से पहले अदा की जाती है।
  • ईद के नमाज़ में खुत्बा नमाज़ के बाद पढ़ा जाता है।

Eid ul Fitr ki Namaz ka Waqt

ईदुल फ़ित्र की नमाज़ का वक़्त सूरज निकलने के तक़रीबन 20 मिनट बाद शुरू हो जाता है और दोपहर तक रहता है. ईद उल अज़्हा की नमाज़ कुछ सवेरे और ईद उल फ़ित्र की नमाज़ में कुछ देर करना सुन्नत है. ईद की नमाज़ से पहले न तकबीर है और न कोई नफिल नमाज़।

Eid Ki Namaz Ki Niyat

ईद की नमाज़ की नियत करे लेकिन याद रहे कि नियत दिल के इरादा को कहते है। नियत के लिए सिर्फ दिल में यह इरादा कर लेना काफी है कि मैं अल्लाह के लिए ईद की नमाज पढ़ रहा हूँ। तमाम आमाल का दोरमदार नियत पर है। [सहीह बुखारी हदीस-1]

नियत करता हु मैं 2 रकत नमाज़ ईद उल फ़ित्र की वाजिब साथ 6 जायज़ तक्बीरो के वास्ते अल्लाह तआला के पीछे इस इमाम के मुँह मेरा काबा शरीफ की तरफ” और अल्लाहु अकबर कहकर दोनों हाथ कानो तक उठा कर बांध लें।

ईद की नमाज़ का तरीका (Eid ki Namaz Padhne ka Tarika)

पहली रकात

  • फिर इमाम अल्लाह हु अकबर कहेंगा तो आप भी तकबीर कहें।
  • और हाथों को कंधे तक उठाय या कानों तक उठाये
  • फिर दायाँ हाथ बायाँ हाथ की जिराह(बीच वाली ऊगँली finger से लेकर कुहनी Elbow तक का हिस्सा) पर रखे।
  • फिर नाफ के निचे हाथ को बांध ले और सना पढ़े जैसे निचे दिया गया है

“सुबहानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दीका व तबारका इस्मुका व त’आला जद्दुका वाला इलाहा गैरुका”

  • फिर आहिस्ता आवाज में सना (यानी पुरा सुब्हानकल्लाहुमा) पढ़े।
  • इसके अलावा और भी जो दुआएँ सहीह अहादीस से साबित है वो पढ सकते है।
  • फिर आऊजूबिल्लाही मिनश् शैतानिर् रजीम पढ़े।
  • फिर बिस्मिल्लाहिर् रहमानिर् रहीम पढ़ें।
  • इसके बाद इमाम साहब तीन मर्तबा तक्बीर कहेगे अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर आप भी तकबीर कहेगे।
  • दो मर्तबा अल्लाहु अकबर कह कर कानों तक अपने दोनों हांथो को उठायें और फिर छोड़ दें।
  • तीसरी मर्तबा में अल्लाहु अकबर कह कर कानों तक अपने दोनों हांथो को उठायें और फिर हाथ बाँध लें।
  • इसके बाद फिर इमाम साहब सूरह फ़ातिहा पढ़ेंगे और फिर कोई दूसरी सूरह पढ़ेंगे आप खामोसी से सुने आप को कुछ नहीं पढ़ना है। इसके बाद इमाम साहब रुकू में जायेगे और फिर सजदे में जायेगे आप भी साथ में रुकू और सजदा करेंगे।
  • फिर इमाम साहब सजदे से उठ कर खड़े हो जायेगे और आप भी। इस तरह ये रकात आम नमाज़ों की तरह ही मुकम्मल करें।
  • इस तरह पहली रकात मुकमल हो जाएगी।

दूसरी रकात

  • पहली रकात पूरी होने के बाद अब इमाम साहब दूसरी रकात के लिए खड़े हो जायेगे और आप भी खड़े हो जाएगे।
  • इसके बाद पहली रकत की तरह इमाम साहब सूरह फ़ातिहा पढ़ेंगे और फिर कोई दूसरी सूरह पढ़ेंगे आप खामोसी से सुने आप को कुछ नहीं पढ़ना है। इसके बाद इमाम साहब रुकू में जायेगे और फिर सजदे में जायेगे आप भी साथ में रुकू और सजदा करेंगे।
  • फिर इमाम साहब चार तक्बीरें (अल्लाहु अकबर) कहेगे।
  • तीन तकबीरों में अपने हांथो को उठा कर छोड़ देना है और फिर चौथी तकबीर में बगैर हाथ उठाये रुकू में चले जाना है।
  • इसके बाद फिर आप आम नमाज़ों की तरह इस नमाज़ को मुक़म्मल करे है।
  • इस तरह ईद उल फ़ित्र की नमाज़ मुकमल हुई।
  • उसके बाद आपको दुआ मांगनी है।

मस्ला:- पहली रकअत में इमाम के तकबीर कहने के बाद कोई सामिल हुआ तो उसी वक्त तिन तकबीरे कह ले- अगर चाहे इमाम ने करायत शुरू कर दी हो.

मस्ला:- इमाम को रुकू में पाया तो पहले खड़े होकर तकबीर तहरिमा कहे फिर देखे के अगर ईद की तक्बिरे कह कर इमाम को रुकू में पाएगा तो ईद की तक्बिरे भी कहे और तब रुकू में सामिल हो और अगर ये समझे के ईद की तक्बिरे कहते कहते इमाम रुकू से सर उठा लेगा तो अल्लाह हुअक्बर कह कर रुकू में सामिल हो जाए और रुकू में बिना हाथ उठाए ईद की तक्बिरे कहे फिर अगर उसने रुकू में तक्बिरे पूरी ना की थी के इमाम ने सर उठा लिया तो इमाम के साथ सर उठाये और बाकि तक्बिरे छोड़ दे के ये साकित (हट ) हो गयी.

मस्ला:- दूसरी रकअत में सामिल हुआ तो पहली रकअत की तक्बिरे उस वक्त कहे जब अपनी छुटी हुई रकअत पूरा करने खड़ा हो.

मस्ला:- इमाम के रुकू से उठने के बाद सामिल हुआ तो अब तक्बिरे ना कहे बलके जब अपनी छुटी हुई रकअत पढ़े उस वक्त कहे.

मस्ला:- आखिर रकअत में सलाम फेरने से पहले सरिक हुआ तो अपनी दोनों रकअतो तक्बिरो के साथ पूरी करे.

ईद की नमाज घर पर कैसे अदा करें?

अभी तो आपने इमाम के पीछे मस्जिद या ईदगाह में नमाज़ का तरीका सीख लिया लेकिन किसी भी वजह से मस्जिद या ईदगाह में नमाज़ नहीं हुई और घर पर पढ़ने की नौबत आ गयी तो घर पर ईद की नमाज़ कैसे पढ़े? ये जानना आप सभी के लिए बहुत जरुरी है।

क्युकी ऐसी हालत इंडिया में बढ़ते जा रहे है और ईद के मौके पर प्रशासन और सरकार रोक लगा देती है ऐसी सूरत में घर पर ही नमाज़ को अदा करना बेहतर है।

ईद की नमाज़ घर पर पढ़ने के लिए कोई अलग तरीका नहीं है जो ऊपर बताया गया है वही तरीका सही है हाँ लेकिन नियत जब आप करेंगे उस वक़्त “पीछे इस इमाम” नहीं बोलेंगे क्युकी आप अकेले नमाज़ पढ़ रहे है।

ईद के दो खुत्बे

जब ईद की नमाज़ मुकम्मल हो जाए तो फिर इमाम साहब पहला ख़ुत्बा पढ़ेंगे, उसके 5,6 सेकंड बैठने के बाद दूसरा खुतबा पढेंगे जिसे गौर से सुन्ना चाहिए अब आपकी नमाज़ मुकम्मल हुई।

जुमा का खुत्बा वाजिब है जिसे सुन्ना जरुरी है , बहरहाल किसी मज़बूरी की वजह से ईद का खुत्बा नहीं भी सुना तो कोई बात नहीं ! लेकिन खुतबा सुन्ना अफजल है

Aurton ki Eid ki Namaz ka Tarika (औरतों की ईद की नमाज़ का तरीका)

ईद की नमाज़ पढ़ने का तरीका सिखने के बाद अब जानते है की Aurton ki Eid ki Namaz ka Tarika क्या है जिसको फॉलो करके वो नमाज़ पढ़ सकती है।

Eid ki Namaz ka Tarika for female औरतो के लिए ये मसअला है की ईदगाह में नमाज़ का अलग से इंतज़ाम हो तो वो वहा जाकर जमाअत से नमाज़ पढ़ सकती है परदे की हालत में हो और फ़ितने वगैरह का अंदेशा नहीं हो तो जमाअत में शामिल हो सकती है। बहरहाल अफजल यही है की वह घर पर ही रहकर नफ़्ल नमाज़ या चाशत की नमाज़ अदा करे। अल्लाह करीम है इसी से औरतों को ज्यादा सवाब हासिल हो जाएगा! इंशा-अल्लाह।

ईद की नमाज़ औरतों पर वाजिब नहीं है, अगर घर में जमात हो रही हो तो वो चाहें तो जमात में शामिल हो सकती हैं।

अगर ईद गाह में पर्दे का इंतज़ाम है तो औरते ईद गाह में जाके जमात के साथ नमाज़ पढ़ सकती हैं।

अफजल यही है की वह घर पर ही रहकर नफ़्ल नमाज़ या चास्त की नमाज़ अदा करे अल्लाह करीम है इसी से ख्वातइन को कसीर तादात में सवाब हासिल हो जाएगा! इंशा-अल्लाह।

Aurat ki Namaz ka Tarika

ईद और बकरीद के दिन की सुन्नते

  • सुबह जल्दी उठना 
  • ग़ुस्ल करना 
  • मिस्वाक करना 
  • आपके पास जो कपडे हैं उनमें सबसे अच्छे कपडे पहनना 
  • खुशबु लगाना 
  • ईद की नमाज़ ईद गाह में पढ़ना, बिना किसी मज़बूरी में शहर की मस्जिद में ना पढ़ना, अगर कोई मज़बूरी हैजैसे – बारिश, तूफान तब मस्जिद में पढ़ सकते हैं । 
  • ईद गाह में सुबह जल्दी जाना 
  • पैदल जाना 
  • ईद गाह जाने से पहले सदका फितरा अदा कर देना 
  • ईद गाह जाने से पहले ईद-उल-फितर में कोई मीठी चीज़ खा कर जाना और ईद-उल-अज़हा में  कोई चीज़ ना खाना 
  • रस्ते में तकबीर तशरीक पढ़ते हुए जाना 
  • जिस रस्ते जाना उस रस्ते से वापस ना आना रास्ता बदल के वापस आना ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोगो से मुलाकात हो सके।

Eid ki Namaz ka Tarika Related Questions (FAQs)

ईद की नमाज़ का वक़्त कब शुरू होता है ?

eid ki namaz का वक़्त सूरज निकलने के तक़रीबन 20 मिनट बाद शुरू हो जाता है इसके बाद ईद उल फ़ित्र की नमाज़ पढ़ सकते है लेकिन इस नमाज़ को जल्दी न पढ़े।

ईद उल फ़ित्र की नमाज़ फ़र्ज़ या वाजिब है ?

ईद या बकरीद की नमाज़ फ़र्ज़ नहीं बल्कि वाजिब है यानि फ़र्ज़ जो कुरान से साबित हो और वाजिब हो हदीस से साबित हो।

ईद की नमाज़ के लिए कितने लोगों का होना ज़रूरी है ?

ईद की नमाज़ के लिए कम से कम चार बालिग़ मर्दों का होना ज़रूरी है, ये नहीं कि दो मर्द हैं और दो औरतें मिलकर चार हो गए तो नमाज़ हो जाएगी, ऐसा नहीं है बल्कि 4 मर्दों का होना ज़रूरी है इसके बाद अगर औरतें चाहें तो नमाज़ में शरीक हो सकती हैं।

अगर घर में कोई अकेला हो या दो ही लोग हों तो क्या करें ?

उलमा ने इसका एक हल बताया है कि लॉक डाउन के चलते अगरमस्जिद या ईदगाह में नमाज़ पढने की कोई सूरत ना बन पा रही हो तो घर में चाश्त की नमाज़ पढ़ ले।

ईद की नमाज़ में कितनी रकातें होती हैं ?

ईद और बकरीद की नमाज़ में 2 रकात की होती है, जिसका तरीका ऊपर शुरुआत से बताया गया है।

क्या ईद की नमाज़ औरते भी पढ़ सकती हैं ?

ईद की नमाज़ औरतों पर वाजिब नहीं है, लेकिन घर में जमात हो रही हो तो अगर वो चाहें तो जमात में शामिल हो सकती हैं, लेकिन उनको जमात में सबसे पीछे रहना होगा।

eid ki namaz me kitni takbeer hai?

ईद उल फ़ित्र में 6 तकबीर होती है जिसे 2 रकात में पढ़नी होती है.

ईद और बकरीद की नमाज़ के लिए कितने लोगों का होना ज़रूरी है ?

ईद की नमाज़ के लिए कम से कम चार बालिग़ मर्दों का होना ज़रूरी है।

क्या ईद की नमाज़ घर पर पढ़ सकते हैं?

हाँ जरुर, अगर आप मस्जिद या ईदगाह में किसी भी वजह से नहीं पढ़ पा रहे है तो घर पर पढ़ सकते है।

Taraweeh ki Namaz ka Tarika

आज आपने क्या सिखा

चलिए जान लेते है की अभी तक आपने क्या क्या सिखा है तो मै आपको बता दू की हमने सबसे पहले शुरुआत में बताया की ईद की नमाज़ कब है उसके साथ Eid ki Namaz ka Tarika शरुआत से बताया.

उसके साथ ईद उल फ़ित्र की नियत, रकात, वक़्त, और उसी के साथ अकेले में ईद की नमाज़ पढ़ना चाहते है तो कैसे पढ़े.

अगर आप औरत (Female) है Aurton ki Eid ki Namaz ka Tarika तो आपके लिए भी ऊपर हमने तरीका बताया है जिससे घर में नमाज़ अदा किया जा सकता है.

ये पोस्ट Eid ki Namaz ka Tarika आप सभी को कैसा लगा कमेंट में जरुर बताए और अपने दोस्तों के साथ इस पोस्ट को जरुर शेयर करे.

खुदा हाफिज!!

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Shakil Ahmad

नमाज़क़ुरान.कॉम एक इस्लामिक वेबसाइट है जो शकील अहमद द्वारा 2021 में शुरू की गई है, ताकि दुनिया भर के लोगो तक ऑथेंटिक इस्लामिक दुआएं, नमाज़, कुरान और हदीस की रौशनी में जानकारी पहुंचाई जा सके।

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