जो लोग इस रात खूब इबादत करते हैं, और अल्लाह के जिक्र में मशगूल रहते हैं, तो उन्हें फ़रिश्ता सलाम पेश करते हैं
शबे कद्र की रात में कुरान शरीफ लोहे महफूज से आसमानी दुनिया पर नाजिल हुआ
रमजान में तमाम मुसलमान जो सच्ची पक्की इबादत करते है उनके गुनाहों को मग्फेरत होता है
तीसरा अशरा जहन्नम से आजादी का होता है; कोई शख्स इस अशरे में इबादत करता है तो वह खुद को जहन्नम की आग से बचा लेता है
शबे कदर की रात में हमारा रब तमाम मखलूक की किस्मत लिखता है, इसलिए शबे कदर की रात को किस्मत की रात भी कहा जाता है
हुजूर अनवर सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जिसने शबे कद्र को ईमान व यकीन के साथ ज़ीक्र, नमाज व इबादत में गुजारी उसके तमाम गुनाह बख्श दिए जाते हैं
जो शख्स शबे कद्र की रात को इबादत और तिलावत में गुजार देता है तो उसे उन तमाम इबादतों का सवाब 30,000 से ज्यादा मिलता है