क्या आप 40 Rabbana Dua दुआ पढ़ते है और अगर पढ़ते है तो इसका मतलब जानते है और मतलब जानते है तो क्या मतलब को सामने रख कर पढ़ते है।
दुआ को हज़रत मुहम्मद सल्लाह अलैहे वसल्लम ने इबादत का मग्ज बताया है.
रब्बना दुआ क्या है?
रब्बना दुआ को Quranic Dua भी कहा जाता है ये कुरान शरीफ में 40 बार रब्बना से शुरू होता है, इसीलिए इसे Rabbana Duas कहते है.
Rabbana Dua 1
Rabbana taqabbal minnaa innaka Antas Samee’ul Aleem
ऐ हमारे रब हमारी (ये खिदमत) क़ुबूल कर बेशक़ तू ही (दुआ) का सुनने वाला है (और उसका) जानने वाला है। [2:127]
Rabbana Dua 2
Rabbana waj’alnaa muslimaini laka wa min zurriyyatinaaa ummatam muslimatal laka wa arinaa manaasikanaa wa tub ‘alainaa innaka antat Tawwaabur Raheem
“ऐ हमारे रब्ब हमें अपना फरमाबरदार बना दे और हमारी औलाद में से भी एक जम’आत को अपना फरमाबरदार बना और हमें हमारे हज के तारीके बता दे और हमारी तौबाह क़ुबूल फरमा बेशक़ तू बड़ा तौबाह क़ुबूल करने वाला निहायत रहम वाला है।” [2:128]
Rabbana Dua 3
Rabbana atina fid dunyaa hasanatanw wa fil aakhirati hasanatanw wa qinaa azaaban Naar
“ऐ हमारे रब्ब हमें दुनिया में नेकी और आख़िरत में भी नेकी दे और हमें दोज़ख ले अज़ाब से बचा।” [2:201]
Rabbana Dua 4
Rabbana afrigh ‘alainaa sabranw wa sabbit aqdaamanaa wansurnaa ‘alal qawmil kaafireen
“ऐ हमारे रब! हमपर धैर्य उडेल दे और हमारे क़दम जमा दे और इनकार करनेवाले लोगों पर हमें विजय प्रदान कर।” [2:250]
Rabbana Dua 5
Rabbana laa tu’aakhiznaaa in naseenaaa aw akhtaanaa
“ऐ हमारे रब अगर हम भूल जाये या ग़लती करें तो हमें न पकड़।” [2:286]
Rabbana Dua 6
Rabbana wa laa tahmil-‘alainaaa isran kamaa hamaltahoo ‘alal-lazeena min qablinaa
“ऐ हमारे रब और हम पर भारी बोझ न रख जैसा तूने हम से पहले लोगो पर रखा था।” [2:286]
Rabbana Dua 7
Rabbana wa laa tuhammilnaa maa laa taaqata lanaa bih; wa’fu ‘annaa waghfir lanaa warhamnaa; Anta mawlaanaa fansurnaa ‘alal qawmil kaafireen
“ऐ हमारे रब और हमसे वह बोझ न उठवा जिसकी हमें ताक़त नहीं और हमें मु’आफ़ कर दे और हमें बख़्श दे और हम पर रहम कर तू ही हमारा कारसाज़ है काफिरों के मुक़ाबले में तू हमारी मदद कर।” [2:286]
Rabbana Dua 8
Rabbana laa tuzigh quloobanaa ba’da iz hadaitanaa wa hab lanaa mil ladunka rahmah; innaka antal Wahhaab
“ऐ हमारे पालने वाले हमारे दिल को हिदायत करने के बाद डॉवाडोल न कर और अपनी बारगाह से हमें रहमत अता फ़रमा इसमें तो शक ही नहीं कि तू बड़ा देने वाला है।” [3:8]
Rabbana Dua 9
Rabbanaaa innaka jaami ‘un-naasil Yawmil laa raibafeeh; innal laaha laa yukhliful mee’aad
“ऐ हमारे रब! तू एक दिन सब लोगों को इकट्ठा करने वाला है जिसमें कोई शक़ नहीं बेशक़ अल्लाह अपने वादे के खिलाफ नहीं करता।” [3:9]
Rabbana Dua 10
Rabbanaaa innanaaa aamannaa faghfir lanaa zunoobanaa wa qinaa ‘azaaban Naar
“ऐ हमारे रब हम ईमान लाए है सो हमें हमारे गुनाह बख़्श दे और हमें दोज़ख के अज़ाब से बचा ले।” [3:16]
Rabbana Dua 11
Rabbanaaa aamannaa bimaaa anzalta wattaba’nar Rasoola faktubnaa ma’ash shaahideen
“ऐ हमारे रब हम इस चीज़ पर ईमान लाए जो तूने नाज़िल की और हम रसूल के ता’बेदार हुए सो तू हमें गवाही देने वालो में लिख ले।” [3:53]
Rabbana Dua 12
Rabbanagh fir lanaa zunoobanaa wa israafanaa feee amirnaa wa sabbit aqdaamanaa wansurnaa ‘alal qawmil kaafireen
“ऐ हमारे पालने वाले हमारे गुनाह और अपने कामों में हमारी ज्यादतियॉ माफ़ कर और दुश्मनों के मुक़ाबले में हमको साबित क़दम रख और काफ़िरों के गिरोह पर हमको फ़तेह दे|” [3:147]
Rabbana Dua 13
Rabbanaa maa khalaqta haaza baatilan Subhaanaka faqinaa ‘azaaban Naar
“ए हमारे रब ! तू ने इन को यूँ ही पैदा नहीं किया, तेरी ज़ात पाक है, बस तू हमें दोज़ख़ के अज़ाब से बचा ले” [3:191]
Rabbana Dua 14
“ऐ हमारे पालने वाले जिसको तूने दोज़ख़ में डाला तो यक़ीनन उसे रूसवा कर डाला और जुल्म करने वाले का कोई मददगार नहीं” [3:192]
Rabbana Dua 15
“ऐ हमारे पालने वाले (जब) हमने एक आवाज़ लगाने वाले (पैग़म्बर) को सुना कि वह (ईमान के वास्ते यूं पुकारता था) कि अपने परवरदिगार पर ईमान लाओ तो हम ईमान लाए” [3:193]
Rabbana Dua 16
“ए हमारे रब ! तू हमारे गुनाहों को बख्श दे और हमारी बुराइयों को धो दे और नेक लोगों के साथ हमें मौत दे” [3:193]
Rabbana Dua 17
“ए हमारे रब ! अपने रसूलों की मार्फत जो कुछ हमसे वायदा किया है हमें दे और हमें क़यामत के दिन रूसवा न कर तू तो वायदा ख़िलाफ़ी करता ही नहीं” [3:194]
Rabbana Dua 18
“ए हमारे रब ! हम तो ईमान ला चुके तो (रसूल की) तसदीक़ करने वालों के साथ हमें भी लिख रख” [5:83]
Rabbana Dua 19
“ए हमारे रब ! हम पर आसमान से एक ख्वान (नेअमत) नाज़िल फरमा कि वह दिन हम लोगों के लिए हमारे अगलों के लिए और हमारे पिछलों के लिए ईद का करार पाए (और हमारे हक़ में) तेरी तरफ से एक बड़ी निशानी हो और तू हमें रोज़ी दे और तू सब रोज़ी देने वालो से बेहतर है” [5:114]
Rabbana Dua 20
“ए हमारे रब ! हम ने अपने ऊपर बड़ा ज़ुल्म किया और अगर तू ने हमारी मगफिरत न की और हम पर रहम न फ़रमाया तो यक़ीनन हम बड़े घाटे में आ जाएंगे” [7:23]
Rabbana Dua 21
“ए हमारे रब ! हमें ज़ालिम लोगों का साथी न बनाना” [7:47]
Rabbana Dua 22
“ऐ हमारे परवरदिगार तू ही हमारे और हमारी क़ौम के दरमियान ठीक ठीक फैसला कर दे और तू सबसे बेहतर फ़ैसला करने वाला है” [7:89]
Rabbana Dua 23
“ऐ हमारे परवरदिगार हम पर सब्र (का मेंह बरसा) और हमने अपनी फरमाबरदारी की हालत में दुनिया से उठा ले” [7:126]
Rabbana Dua 24
“ऐ हमारे पालने वाले तू हमें ज़ालिम लोगों का (ज़रिया) इम्तिहान न बना और अपनी रहमत से हमें इन काफ़िर लोगों (के नीचे) से नजात दे” [10:85-86]
Rabbana Dua 25
“ए हमारे रब! जो कुछ हम छिपाते हैं और जो कुछ ज़ाहिर करते हैं तू (सबसे) खूब वाक़िफ है और अल्लाह से तो कोई चीज़ छिपी नहीं (न) ज़मीन में और न आसमान में” [14:38]
Rabbana Dua 26
“ए हमारे रब! जो कुछ हम छिपाते हैं और जो कुछ ज़ाहिर करते हैं तू (सबसे) खूब वाक़िफ है और अल्लाह से तो कोई चीज़ छिपी नहीं (न) ज़मीन में और न आसमान में” [14:38]
Rabbana Dua 27
“ए हमारे रब! जिस दिन (आमाल का) हिसाब होने लगे मुझको और मेरे माँ बाप को और सारे ईमानदारों को तू बख्श दे” [14:41]
Rabbana Dua 28
“ए हमारे रब! हमें अपनी बारगाह से रहमत अता फरमा-और हमारे वास्ते हमारे काम में कामयाबी इनायत कर” [18:10]
Rabbana Dua 29
“ए हमारे रब! हम डरते हैं कि कहीं वह हम पर ज्यादती (न) कर बैठे या ज्यादा सरकशी कर ले” [20:45]
Rabbana Dua 30
“ए हमारे रब! हम ईमान लाए तो तू हमको बख्श दे और हम पर रहम कर तू तो तमाम रहम करने वालों से बेहतर है” [23:109]
Rabbana Dua 31
“ए हमारे रब! हम से जहन्नुम का अज़ाब फेरे रहना क्योंकि उसका अज़ाब बहुत (सख्त और पाएदार होगा) बेशक वह बहुत बुरा ठिकाना और बुरा मक़ाम है” [25:65-66]
Rabbana Dua 32
“ए हमारे रब! हमें हमारी बीबियों और औलादों की तरफ से ऑंखों की ठन्डक अता फरमा और हमको परहेज़गारों का पेशवा बना” [25:74]
Rabbana Dua 33
“बेशक हमारा परवरदिगार बड़ा बख्शने वाला (और) क़दरदान है” [35:34]
Rabbana Dua 34
“परवरदिगार तेरी रहमत और तेरा इल्म हर चीज़ पर अहाता किए हुए हैं, तो जिन लोगों ने (सच्चे) दिल से तौबा कर ली और तेरे रास्ते पर चले उनको बख्श दे और उनको जहन्नुम के अज़ाब से बचा ले” [40:7]
Rabbana Dua 35
“ऐ हमारे पालने वाले इन को सदाबहार बाग़ों में जिनका तूने उन से वायदा किया है दाख़िल कर और उनके बाप दादाओं और उनकी बीवीयों और उनकी औलाद में से जो लोग नेक हो उनको (भी बख्श दें) बेशक तू ही ज़बरदस्त (और) हिकमत वाला है।”
“और उनको हर किस्म की बुराइयों से महफूज़ रख और जिसको तूने उस दिन ( कयामत ) के अज़ाबों से बचा लिया उस पर तूने बड़ा रहम किया और यही तो बड़ी कामयाबी है” [40:8-9]
Rabbana Dua 36
“ए हमारे रब ! हमें भी बख्श दीजिये और हमारे भाइयों को भी, जो हम से पहले ईमान लाये, और हमारे दिलों में मुसलमानों के बारे में कोई कीना न रहने दीजिये यक़ीनन आप ही शफीक और महेरबान हैं” [59:10]
Rabbana Dua 37
“ए हमारे रब ! बेशक तू बड़ा शफीक़ निहायत रहम वाला है” [59:10]
Rabbana Dua 38
“ए हमारे रब ! हमने तुझी पर भरोसा कर लिया है और तेरी ही तरफ हम रूजू करते हैं” [60:4]
Rabbana Dua 39
“ए हमारे रब ! तू हम लोगों को काफ़िरों की आज़माइश (का ज़रिया) न क़रार दे और परवरदिगार तू हमें बख्श दे बेशक तू ग़ालिब (और) हिकमत वाला है” [60:5]
Rabbana Dua 40
“ए हमारे रब ! हमारे लिए हमारा नूर पूरा कर और हमें बख्य दे बेशक तू हर चीज़ पर कादिर है” [66:8]
40 Rabbana Duas With URDU Translation PDF
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रब्बना दुआ को कब पढ़ा जाए
रब्बना दुआ पढने के लिए कोई भी हदीस में समय नहीं बताया गया है, इससे ये साबित होता है की आप जब जाए ये दुआ को पढ़ सकते है. लेकिन कोशिश करे के हर नमाज़ के बाद इस दुआ को पढ़े.
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Kya sari dua pdhnibgai har nmaz ke baad