99 Names of Allah in Hindi के नामों के बारे में बुज़ुर्गों ने कहा है कि अल्लाह-तआला के तीन हज़ार नाम हैं । एक हज़ार अल्लाह के सिवा कोई नहीं जानता और एक हज़ार वह जो फरिश्तों के अलावा कोई नहीं जानता और एक हज़ार वे हैं जो पैगम्बरों से हम तक पहुंचे हैं जिनमे से तीन सौ तौरेत में, तीन सौ ज़बूर में, तीन सौ इंजील में और एक सौ क़ुरआन में दिए गए है।
मशहूर है कि क़ुरआन में 99 Names ऐसे है जो सब पर ज़ाहिर है और एक नाम ऐसा है जो रहस्य रखा है जो ‘Ism-e-Azam’ है । मुख़्तलिफ़ साहब-ए-कराम ने इस ‘Ism-e-Azam’ के जो संकेत दिए है वह किसी एक नाम से नहीं है।
भिन्न भिन्न नामों को Ism-e-Azam बताया गया है जिससे इस निर्णय पर पहुचना सरल है की हर नाम ‘Ism-e-Azam’ है और हर नाम किसी की ज़ात से सम्बन्ध होकर वह नाम उसके लिए ‘Ism-e-Azam’ का काम देता है।
इस्लाम में ईमान (विश्वास) का पहला आधार अल्लाह में विश्वास है। मुसलमानों के रूप में, हम अल्लाह में उसके सुंदर नामों और विशेषताओं के अनुसार विश्वास करते हैं। अल्लाह ने पवित्र कुरान में अपने नाम बार-बार ज़ाहिर किए हैं, मुख्य रूप से हमें यह समझने के लिए कि वह कौन है। अल्लाह के नाम सीखने और याद रखने से हमें उस पर विश्वास करने के सही तरीके की पहचान करने में मदद मिलेगी।
अल्लाह के नामों को समझने और उनके अनुसार जीने से ज्यादा पवित्र और सौभाग्यशाली कुछ भी नहीं है। हम अपने अल्लाह, सर्वशक्तिमान अल्लाह की इबादत, प्यार, डर और भरोसा करने की उम्मीद कैसे करते हैं, अगर हम नहीं जानते कि वह कौन है?
कुराने मजीद में अल्लाह तआला के नामों ( 99 Names Of Allah ) को अस्माए हुसना यानी सबसे अच्छे नाम कहा गया है इन नामों के शुरू में अब्द ,उबैद अता ,या आखिर में मुनासिब लफ़ज़ को जोड़ देना चाहिए जैसे अब्दुल्लाह, उबैदुर्रहमान, अताऊल बारी वगैरह।
इसलिए जब भी किसी बच्चे का नाम रखने की बारी आए तो सब से पहले अल्लाह के इन अच्छे नामों पर ध्यान दें और ऐसे ही नाम रखें ताकि इन के असरात भी बच्चे पर अच्छे पड़ें और हदीस में इन नामों के याद करने पर जन्नत का वादा भी बताया गया है।
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99 Names of Allah in Hindi List – Meaning and Explanation
#1 Ar Rahmaan
الرَّحْمَنُ
AR-RAHMAAN
(बहुत महेरबान)
अल्लाह का ये नाम अल्लाह के अपनी मखलूक़ के लिए कुशादा रहमत वाला होने पर दलील देता है, जिस की रहमत तमाम मखलोक़ात को शामिल है, और ये नाम अल्लाह तआला के लिए खास है।
#2 Ar Raheem
الرَّحِيمُ
AR-RAHEEM
(निहायत रहम वाला)
वो ज़ात के जो आपके मोमिन बन्दे पर बारोज़-ए-क़यामत रहम करने वाला है, और उसे बख्शने वाला है, चुनंचे अल्लाह ने अपनी इबादत की तौफ़ीक़ बख़्शी, और आख़िरत में अपनी इबादत से सिले जन्नत में दाखिल करके इन्हे इज्ज़त अता करेगा।
#3 Al Malik
الْمَلِكُ
AL-MALIK
(बादशाह)
अल्लाह ता’अला हक़ीक़त बादशाह है और उसी को ये हक़ है के वो जिस काम को चाहे अपने बन्दों को हुक्म करे और जिस काम को चाहे बन्दों को मना करे, वो अपने हुक्म से अपनी मख़लूक़ात में तसर्रुफ़ करता है।
#4 Al Quddus
الْقُدُّوسُ
AL-QUDDUS
(पाक ज़ात)
अल्लाह वो है के जो हर अयब और नुक्सान से बिलकुल पाक है।
#5 As Salam
السَّلاَمُ
AS-SALAM
(सलामती वाला)
अल्लाह वो है के जो अपनी बे-मिसाल जात अपने बुलंद औसाफ और अपने खूबसूरत नाम और अपने तमाम उम्दाह कामो में सलामती वाला है और दुनिया वा आखिरत की हर सलामती अल्लाह ही की मिल्कियत है और तमाम मखलोक़ात को हर चीज़ से महफूज़ वा सलामत रखने वाला है जो मखलूक़ को नुक़सान पहुँचाने वाली है।
#6 Al Mu’min
الْمُؤْمِنُ
AL-MU’MIN
(अमन देने वाला)
अल्लाह वो है जो अपने रसूलों और में के पैरो कारों की सच्चाई और इनकी सदाकत पर दलालत करने वाला दलील वा हुज्जतों की तस्दीक करने वाला है, और हर तरह का अमन भी इन्हें अल्लाह ही की जानिब से मिलता है।
अल्लाह ने अपने ईमान वाले बंदो को इस बात की जमानत दी है के वो इनपर जरा बराबर भी ज़ुल्म न करेगा, इनहे अज़ाब ना दूंगा, और ना बरोज़-ए-कयामत में कोई घबराहत वा परशानी की कैफ़ियात होगी।
#7 Al Muhaymin
الْمُهَيْمِنُ
AL-MUHAYMIN
(निगरानी करने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपनी तमाम मखलूक की अकेले ही निगरानी और हर एक की कमाल ए दारजे हिफाजत करने वाला
#8 Al Aziz
الْعَزِيزُ
AL-AZIZ
(ग़ालिब)
अल्लाह वो है की सारी इज्जत इसके लाएक हैं और वही इसके अकेले मुस्तहीक भी हैं, वो जिसे चाहे इज्जत दे, अल्लाह को क़ुव्वत की इज़्ज़त हासिल है, के कोई मख़लूक़ भी अल्लाह पर ग़लबा नहीं पा सकती, अल्लाह किसी का मोहताज नहीं है, कुव्वत वा गल्बे की इज्जत हासिल है के कोई चीज भी अल्लाह की इज्ज़त के बग़ैर ना कुछ कर सकती है और ना ही कुछ कह सकती है।
#9 Al Jabbar
الْجَبَّارُ
AL-JABBAR
(ज़बरदस्त)
अल्लाह वो है के जिस का हर इरादा वा चाहत नफीज होने वाली है, तमाम मख्लुकात अल्लाह ही के मोहताज हैं, अल्लाह के हुकुम के आगे बिलकुल बेबस व लाचार, अल्लाह ता’अला हर शिकस्त ए दिल को जोडने वाला है, फकीर को घनी करने वाला है, नेज़ मरीज़ को शिफ़ा याबी और मुसीबत ज़दा को राहत वा सलामती अता करने वाला है।
#10 Al Mutakabbir
الْمُتَكَبِّرُ
AL-MUTAKABBIR
(बड़ाई वाला)
अल्लाह अज़ीम है और अपनी तमाम बातों और कामों में बुराई से, नक़्स खामी से भूल चुक से नींद से कमज़ूरी वा बेबसी से कोसों दूर है, अपनी किसी भी मखलूक पर अदना तरीन ज़ुल्म करने से बहुत बुलंद है।
अपनी मखलूक पर पूरा कबू रखने वाला है, मखलूक में से अगर कोई बडाई की सिफत को अल्लाह से छीनने की जुर्रत करेगा तो अल्लाह इसके टुकड़े कर देगा और इसे अज़ाब देगा।
#11 Al Khaaliq
الْخَالِقُ
AL-KHAALIQ
(पैदा करने वाला)
अल्लाह ता’अला वो है के जिन्होन अपनी सारी मखलूक को अकेले ही सिर्फ 6 दिनो में पैदा फरमा दिया।
#12 Al Baari
الْبَارِئُ
AL-BAARI
(जान डालने वाला)
अल्लाह वो है के जो बगैर किसी मिसाल के जिस मखलूक को जैसा चाहा बनाने वाले और उसके वजूद का इजहार करने वाला है।
#13 Al Musawwir
الْمُصَوِّرُ
AL-MUSAWWIR
(सूरतें बनाने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपनी मखलूक में से हर एक को इसकी मुनसिब हाल सूरत वा शकल अता करने वाला है।
#14 Al Ghaffaar
الْغَفَّارُ
AL-GHAFFAAR
(बख्शने वाला)
वो गुनाहों की मुआफ़ी चाहने वाला गुनाहगार को मुआफ़ कर देता।
#15 Al Qahhar
الْقَهَّارُ
AL-QAHHAR
(सब को अपने काबू में रखने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपने बंदो का कमाल ए दरजा अपने काबू में रखने वाला और उनमें अपने फरमान का ताबे ‘करने वाला है, तमा’म मखलूक को अपनी बंदगी पर लगान वाला, ऐसे ज़बरदस्त घल्बे वाला है के तमाम की गर्दन अल्लाह के सामने झुकी हुई और तमाम चेहरे अल्लाह के ताबे हैं।
#16 Al Wahhab
الْوَهَّابُ
AL-WAHHAB
(बहुत अता करने वाला)
वह जो बिना किसी प्रतिफल के बहुत कुछ देने में उदार है। वह सब कुछ है जो हलाल या हराम को फायदा पहुंचाता है।
#17 Ar Razzaq
الرَّزَّاقُ
AR-RAZZAQ
(रिजक देने वाला)
ये अल्लाह का एक ऐसा नाम है जो अल्लाह के अपनी तमाम मखलोक़ात को रोज़ी फरहेम करने वाला होने पर दलालत करता है, अल्लाह के रोज़ी फराहम करने का अंदाज़ इस दरजे उम्दाह और बे-मिसाल है के, मखलूक के मांगे बगैर ही इन्हें रोजियां आता करता है, बालक मखलूक की न फरमानियां और गुनाहों के बा-वजूद इन्हें आता करता है।
#18 Al Fattah
الْفَتَّاحُ
AL-FATTAH
(खोलने वाला)
खोलने वाला मालिक, राहत देने वाला, न्यायाधीश, वह जो अपने दासों के लिए बंद दुनिया और धार्मिक मामलों को खोलता है।
#19 Al Alim
اَلْعَلِيْمُ
AL-ALIM
(खूब जानने वाला)
अल्लाह वो है के जिस के इल्म ने ज़हीर वा बातिन, पोशिदा वा आलानिया हर चीज़ का घेराव कर रखा है, और अल्लाह पर तमाम मखलोक़ात में से कोई एक भी चीज़ छिपी हुई नहीं हूँ।
#20 Al Qaabid
الْقَابِضُ
AL-QAABID
(नपी तुली रोज़ी देने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपनी मखलूक की रूह को कब्ज़ करता है, और वही अपनी ज़बरदस्त हिकमत वा खुदरथ के मुताबिक आजमाने के लिए मखलूक में जिस किसी को चाहे रिजक को रोकने वाले हैं।
#21 Al Basit
الْبَاسِطُ
AL-BASIT
(रोज़ी को फराख देने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपनी रहमत से अपने बंदो में जिस की चाहे रोज़ी में फ़राख़ी करता है, और अपनी हिकमत के मुताबिक (इस रोज़ी को पर तांग कर के) अपने गुनाहगार बंदो की तौबा को क़ुबूल करने के लिए अपने दोनो हाथ फैलाता है।
#22 Al Khaafid
الْخَافِضُ
AL-KHAAFID
(पस्त करने वाला)
वह जो अपने विनाश के द्वारा जिसे चाहता है उसे निचे करता है और वह जिसे अपने बंदोबस्ती से उसे ऊँचा उठाता है।
#23 Ar Rafi
الرَّافِعُ
AR-RAFI
(बलंद करने वाला)
अल्लाह वो है के जो लोगों के यहाँ कमज़ोर वा आजिज़ समझे जाने वाला इमानदार बंदो को सरबुलंदी और बालादस्ति अता करने वाला है।
#24 Al Muizz
الْمُعِزُّ
AL-MU’IZZ
(इज्ज़त देने वाला)
वह जिसे चाहता है उसे सम्मान देता है, इसलिए उसे नीचा दिखाने वाला कोई नहीं है, और वह जिसे चाहता है उसे नीचा करता है, इसलिए उसे सम्मान देने वाला कोई नहीं है।
#25 Al Muzil
المُذِلُّ
AL-MUZIL
(ज़िल्लत देने वाला)
अपमान करने वाला, वह जिसे चाहता है उसे सम्मान देता है, इसलिए उसे नीचा दिखाने वाला कोई नहीं है, और वह जिसे चाहता है उसे नीचा दिखाता है, इसलिए उसे सम्मान देने वाला कोई नहीं है।
#26 As Sami’
السَّمِيعُ
AS-SAMI’
(सब कुछ सुनने वाला)
सुनने वाला, वह जो बिना कान, यंत्र या अंग के उन सभी बातों को सुनता है जो उसके मखलूक द्वारा सुनी जाती हैं।
#27 Al Baseer
الْبَصِيرُ
AL-BASEER
(सब कुछ देखने वाला)
अल्लाह वो है के जिस की निगाह ने कायनात की पोशिदा और ज़हीर तमाम मौजूदात का घेराव कर रखा है, चाहे कितनी ही मक्फी तर या ज़ाहिर हो, नेज़ वो मकलूक़ चाहे कितनी ही छोटी या बड़ी हो।
#28 Al Hakam
الْحَكَمُ
AL-HAKAM
(फैसला करने वाला)
वो है के जो अपनी मखलूक के दरमियान निहायत अदल वा इंसाफ से फैसल फरमाता हैं, इनमे से किसी एक पर भी अदना तरीन ज़ुल्म नहीं करता, अल्लाह ही ने अपनी किताब नज़िल फरमाई ताकि वो लोगों के दरमियान फैसला कर सके।
#29 Al ADL
الْعَدْلُ
AL-ADL
(अदल करने वाला)
अल्लाह ही हकीकी बादशाह है के जो अपने तमाम बातो और कामों में अदल वा इंसाफ करने वाला शहंशाह है।
#30 Al Lateef
اللَّطِيفُ
AL-LATEEF
(सूक्ष्मताओं का ज्ञाता)
अल्लाह वो है के जो अपनी बनाए कायनात की तमाम मखलोक़ात की सभी बारिकियों को बा-खुबी जाने वाला है, लोगों से छुपा हुआ कोई भी मामला अल्लाह से छुपा हुआ नहीं है।
#31 Al Khabeer
الْخَبِيرُ
AL-KHABEER
(सब से बाखबर)
अल्लाह ही हकीकी बादशाह है के जो अपने तमाम बातो और कामों में अदल वा इंसाफ करने वाला शहंशाह है।
#32 Al Haleem
الْحَلِيمُ
AL-HALEEM
(निहायत बुरदबार)
अल्लाह वो है के जो अपनी बनाए कायनात की तमाम मखलोक़ात की सभी बारिकियों को बा-खुबी जाने वाला है, लोगों से छुपा हुआ कोई भी मामला अल्लाह से छुपा हुआ नहीं है।
#33 Al Azeem
الْعَظِيمُ
AL-AZEEM
(शानदार)
अल्लाह ही हकीकी बादशाह है के जो अपने तमाम बातो और कामों में अदल वा इंसाफ करने वाला शहंशाह है।
#34 Al Ghafoor
ٱلْغَفُورُ
AL-GHAFOOR
(गुनाहों को बख्शने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपनी बनाए कायनात की तमाम मखलोक़ात की सभी बारिकियों को बा-खुबी जाने वाला है, लोगों से छुपा हुआ कोई भी मामला अल्लाह से छुपा हुआ नहीं है।
#35 Ash Shakur
الشَّكُورُ
ASH-SHAKUR
(सबसे सराहनीय)
अल्लाह ही हकीकी बादशाह है के जो अपने तमाम बातो और कामों में अदल वा इंसाफ करने वाला शहंशाह है।
#36 Al Aliyy
الْعَلِيُّ
AL-ALIYY
(सबसे ऊंचा, सबसे बुलंद)
अल्लाह वो है के जो अपनी बनाए कायनात की तमाम मखलोक़ात की सभी बारिकियों को बा-खुबी जाने वाला है, लोगों से छुपा हुआ कोई भी मामला अल्लाह से छुपा हुआ नहीं है।
#37 Al Kabeer
الْكَبِيرُ
AL-KABEER
(बहुत बड़ा)
अल्लाह ही हकीकी बादशाह है के जो अपने तमाम बातो और कामों में अदल वा इंसाफ करने वाला शहंशाह है।
#38 Al Hafiz
الْحَفِيظُ
AL-HAFIZ
(निगेहबान)
अल्लाह वो है के जो अपनी बनाए कायनात की तमाम मखलोक़ात की सभी बारिकियों को बा-खुबी जाने वाला है, लोगों से छुपा हुआ कोई भी मामला अल्लाह से छुपा हुआ नहीं है।
#39 Al Muqeet
المُقيِت
AL-MUQEET
(सब को रोज़ी व तवानाई देने वाला)
अल्लाह ही हकीकी बादशाह है के जो अपने तमाम बातो और कामों में अदल वा इंसाफ करने वाला शहंशाह है।
#40 Al Haseeb
الْحسِيبُ
AL-HASEEB
(काफी)
अल्लाह वो है के जो अपनी बनाए कायनात की तमाम मखलोक़ात की सभी बारिकियों को बा-खुबी जाने वाला है, लोगों से छुपा हुआ कोई भी मामला अल्लाह से छुपा हुआ नहीं है।
#41 Al Jaleel
الْجَلِيلُ
Al-Jaleel
(आलीशान)
अल्लाह वो है की इसकी शान बड़ी ऊंची और निराली है।
#42 Al Karim
الْكَرِيمُ
AL-KARIM
(बेइंतिहा करम करने वाला)
अल्लाह वो है के जो बहुत ज्यादा खैर और अज़ीम एहसान अता करने वाला, जिसे जो चाहे, जैसे चाहे, मांगे और बिन मांगे अता करने वाला है, और (गुनहगारों को) अपने गुनाहों की माफ़ी मांगने पर मु’आफ करने वाला, और इनके एबो पर पर्दा डाल कर इन्हें छुपा देने वाला है।
#43 Ar Raqib
الرَّقِيبُ
AR-RAQIB
(निगेहबान)
पहरेदार, वह जो उसके पास से कुछ भी अनुपस्थित नहीं है। अत: इसका अर्थ ज्ञान के गुण से जुड़ा है।
#44 Al Mujeeb
الْمُجِيبُ
Al-Mujeeb
(दुआएं सुनने और कुबूल करने वाला)
सुनने वाला, वह जो जरूरतमंद को जवाब देता है अगर वह उससे पूछता है और अगर वह उसे बुलाता है तो उसे बचाता है।
#45 Al Waasi’
الْوَاسِعُ
AL-WAASI’
(फराखी देने वाला)
अल्लाह वो है के जिन्की सिफत बहुत ज्यादा है, किसी भी मखलूक के बस की ये बात नहीं के वो अल्लाह की कामहक्ख तारीफ कर सके, अल्लाह की अजमत वा सल्तनत सब पर वासी है, अल्लाह मघफिरत व रहमत और फज़ल व एहसान बहुत आम है।
#46 Al Hakeem
الْحَكِيمُ
Al-Hakeem
(हिकमत वाला)
अल्लाह वो है के जो तमाम मखलोक़ात को इनकी लायक़ जगह पर रखने वाला है, और अल्लाह की तड़बीर में किसी क़िस्म की ख़लल और कमज़ोरी नहीं होती।
#47 Al Wadud
الْوَدُودُ
Al-Wadud
(मुहब्बत करने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपने पसंददीदा फरमा’बरदार बंदो से मोहब्बत का इज़हार करने वाला है, फिर इनसे राज़ी होने वाला है, और इनके माल-ए-सालेहा को क़ुबूल करने वाला है, और ज़मीन में इन्हें अपने दूसरे बंदो के नज़दीक पसंददीदा बना देने वाला है।
#48 Al Majeed
الْمَجِيدُ
Al-Majeed
(बड़ी शान वाला)
अल्लाह वो है के जिसके लायक ज़मीन वा आसमान का हर फ़क़र वा इज्जत और रफ़ात है।
#49 Al Ba’ith
الْبَاعِثُ
AL-BA’ITH
(उठाने वाला)
अल्लाह वो है के जो बा-रोज़ क़यामत तमाम बंदो को इसकी क़ब्रों से उठा कर मैदान हैश में जजा वा सज़ा के लिए जमा करने वाले हैं।
#50 Ash Shaheed
الشَّهِيدُ
ASH-SHAHEED
(हाज़िर)
गवाही, वह जो उसके पास से कुछ भी गैर हाजिर नहीं है।
#51 Al Haqq
الْحَقُّ
AL-HAQQ
(सच्चा मालिक)
अल्लाह तो वो है के जिनकी बा-बरकत ज़ात, ख़ूबसूरत अस्मा वा बुलंद सिफ़ात और मबूद-ए-यकता होने में कोई शक नहीं है.
#52 Al Wakeel
الْوَكِيلُ
AL-WAKEEL
(काम बनाने वाला)
अल्लाह वो है के जिस ने अकेले ही तमाम जहानों की पैदाइश और इनकी तड़बीर की जिम्मेदारी ली है, अल्लाह ही पर तमाम मखलूक का भरोसा और एतमाद है। वो अकेले ही तमाम अहले ईमान के बहतरीन करसाज़ है, वो इमानदार (बंदे) के जिन्होन ने अल्लाह की तौफीक से अपने तमाम तर मालूमात अल्लाह के हवाला कर दिया।
#53 Al Qawiyy
الْقَوِيُّ
AL-QAWIYY
(मजबूत)
अल्लाह वो ज़ात-ए-बा-बरकत है के जिसे कमल-ए-दरजे की मशियत के साथ साथ क़ुदरत मुतलक़ भी हासिल है।
#54 Al Matin
المتين
AL-MATIN
(कुव्वत वाला)
अल्लाह वो ज़ात ए बा-बरकत है के जो अपनी क़ुदरत वा क़ुव्वत में बे-मिसाल और ज़बरदस्त है, अल्लाह (ﷻ) को अपनी शान के लायक किसी भी काम में ना कोई दुश्मनी होती है, ना तकलीफ होती है।
#55 Al Waliyy
الْوَلِيُّ
AL-WALIYY
(हिमायत करने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपनी मखलूक के तमाम कामो के खुद अकेला ही निगरान है, और कायनात की अकेला ही तड़बीर करने वाला है, वो अपने औलिया के मदद’गार और उनके पुश्त पानह है।
#56 Al Hameed
الْحَمِيدُ
AL-HAMEED
(खूबियों वाला)
अल्लाह वो है के जो अपने तमाम ख़ूबसूरत अस्मा वा बुलंद सिफ़ात और उमदा अफल में महमूद है, अल्लाह ही की आली शान ज़ात है के जिसकी असानी और तंगी नेज़ सक़्ती और अजमाइशमें खूब तारीफें की जाती है, हर तरह की तारिफें इसी के लायक है और वही इन तारीफों के अकेला मुस्तहिक भी है, क्यों के वो हर कमाल के साथ मुतासिफ है।
#57 Al Muhsi
الْمُحْصِي
AL-MUHSI
(गिनने वाला)
अल्लाह वो है के जो हर चीज को अपने इल्म से घेर लेने वाला है, कायनात में कोई एक चीज भी अल्लाह से पोशीदा नहीं है।
#58 Al Mubdi
الْمُبْدِئُ
AL-MUBDI
(पहली बार पैदा करने वाला)
अल्लाह वो है के जो बगैर किसी मिसाल के कायनात की हर चीज को आदम से वजूद में ले आने वाला है।
#59 Al Mu’id
الْمُعِيدُ
AL-MU’ID
(दोबारा पैदा करने वाला)
अल्लाह वो है के जो तमाम मुर्दे को बरोज़-ए-कयामत उनकी क़ब्रों से उठा खड़ा करेगा।
#60 Al Muhyi
الْمُحْيِي
AL-MUHYI
(जिंदा करने वाला)
अल्लाह वो है के जो मखलोक़ात को मौत देने के बाद इन्हें ज़िंदा करने वाला है।
#61 Al Mumeet
اَلْمُمِيتُ
AL-MUMEET
(मारने वाला)
अल्लाह वो है के जो जिंदा को मौत देने वाले है।
#62 Al Hayy
الْحَيُّ
AL-HAYY
(सदा जीवित रहने वाला)
अल्लाह वो है के जो खुद एक ज़िंदा ज़ात है, और हर एक को ज़िंदगी अता करने वाला है (और अल्लाह वो है के जिन्हें कभी मौत नहीं आने वाली है)।
#63 Al Qayyum
الْقَيُّومُ
AL-QAYYUM
(सब को कायम रखने और निभाने वाला)
अल्लाह जो है के खुद कयूम है और अपनी तमाम मखलूक को थामने वाला है।
#64 Al Wajid
الْوَاجِدُ
AL-WAJID
(हर चीज़ को पाने वाला)
अल्लाह वो के जिन्हें किसी भी चीज की हजत नहीं) सब के कायनात में मौजूद हर चीज अल्लाह की मोहताज है।
#65 Al Majid
الْمَاجِدُ
AL-MAJID
(बुज़ुर्गी और बड़ाई वाला)
अल्लाह वो है जो हर तरह की बुज़ुर्गी और बड़ाई वाला के मुस्तहक़ है।
#66 Al Wahid
الْواحِدُ
AL-WAHID
(एक अकेला)
अल्लाह वो है के जो अपने तमाम कमाल में मुनफर्द (यानि निराला और बे-मिसाल) और एकता है, और इनमे कोई शारिक नहीं, इससे ये लाजिम है के सिर्फ अकेलेअल्लाह ही की बंदगी वा इबादत की जाए और इसके साथ किसी भी मखलूक को सरिक न थैराया जाए।
#67 Al Ahad (99 Names of Allah in Hindi)
اَلاَحَدُ
AL-AHAD
(एक अकेला)
अल-अहद वह है जो अकेला था, है और हमेशा रहेगा। उनके सभी सुंदर गुणों के सार में कोई भी उनके बराबर नहीं हो सकता है!
#68 As Samad
الصَّمَدُ
AS-SAMAD
(बे नियाज़)
अल्लाह वो है के जो अपनी सरदारी और बुजरूगी में कमाल दर्गे पर फैज है और मखलूक अपनी शदीद ज़रूरत मंडी की वजह से अपनी जरूरतों के लिए अल्लाह ही की तरफ लपकती है।
#69 Al Qadir
الْقَادِرُ
AL-QADIR
(कुदरत रखने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपनी तमाम मखलूक पर पूरी कुदरत रखने वाला है जमीन वा आसमान की कोई चीज अल्लाह को आजिज वा बेबस नहीं कर सकती, वो हर चीज की तकदीर लिखने वाला है।
#70 Al Muqtadir
الْمُقْتَدِرُ
AL-MUQTADIR
(पूरी कुदरत रखने वाला)
अल्लाह का ये एक ऐसा नाम है जो अल्लाह तआला की खुदरत के कमाल और इन्तेहा पर दलालत करता है के वो अल्लाह अपने इल्म-ए-सबिक के मुताबिक अपना फैसला नफीज करने और तक्लीक करने (या’नी पैदा करने पर) कमिल कुदरत रखता है।
#71 Al Muqaddim
الْمُقَدِّمُ
AL-MUQADDIM
(आगे करने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपनी हिकमत वा मशियत (अपनी चाहत) के मुताबिक अपने बंदो में से जिसे चाहता है आगे करता है, और इन्हें इनकी मुनासिब जगह पर रखता है, और अपने इल्म व फज़ल के मुताबिक मख्लुकात एक दूसरे पर मुकद्दम करने वाला है।
#72 Al Mu’akhkhir
الْمُؤَخِّرُ
AL-MU’AKHKHIR
(देरी करने वाला, वह जो पीछे की ओर लाता है)
अल्लाह वो है के जो तमाम मखलोक़ात को अपनी अपनी हैसियत में रखता है और अपनी हिकमत के मुताबिक जिसको चाहता है पीछे कर देता है, और बंदो से अज़ाब को मु’ख-खिर करता है (यानि अपने अजाब को ताल देता है) ताके बंदे तौबा वा इस्तेगफार में जल्दी करे।
#73 Al Awwal
الأوَّلُ
AL-AWWAL
(सब से पहले)
अल्लाह वो है के जिसे पहले कोई चीज नहीं थी तमाम मखलोक़ात तो अल्लाह के पैदा करने के बाद वजूद में आई, और जहाँ तक अल्लाह की जात-ए-आला का ताल्लुक है तो अल्लाह की कोई इब्तेदा नहीं, बलके अल्लाह तो अज़ल से है (यानि हमेशा से है और हमेशा रहेगा)
#74 Al Akhir
الآخِرُ
AL-AKHIR
(सब के बाद)
अल्लाह वो है के जिस के बाद कुछ नहीं वो अकेला अल्लाह ही बाकी रहने वाला है, और वो ज़मीन पर मौजूद हर चीज़ को ख़तम करने वाला है, और फ़िर बिल-आखिर हर एक अल्लाह ही की तरफ लौट कर जाने वाला है।
अल्लाह के वजूद की कोई इंतहा नहीं (यानी दुनिया में अपनी मखलोक़ात से परदो के परे सब से खुद को मख़फ़ी वा पोशीदा रखता के बंदे इसको नूरानी वा ख़ूबसूरत चेहरे को देखने के शौक़में उम्र भर इसी की इबादत करते रहें।
#75 Az Zaahir
الظَّاهِرُ
AZ-ZAAHIR
(ज़ाहिर व आशकार)
अल्लाह वो है जो बज़ात-ए-खुद हर चीज़ के ऊपर बुलंदी पर (अपने अर्श पर मुस्तवी) है, और अल्लाह की कोई एक मख़लूक़ भी अल्लाह से बुलंद नहीं, वो हर चीज़ पर ग़ालिब है।
#76 Al Baatin
الْبَاطِنُ
AL-BAATIN
(छिपा हुआ; सभी को शामिल करने वाला)
अल्लाह वो है के जो जिससे पोशीदा तर कोई नहीं (यानि अल्लाह ने अपने नूरानी हिजाब में खुद को मखलूक से पोशीदा रखा), वो अपने (इल्म से) हर एक से करीब है, और हर चीज का (अपने इल्म से) घेराव किया हुआ है लेकिन वो दुनिया वालों से (अपने पर्दों के) पीछे पोशीदा है।
#77 Al Waali (99 Names of Allah)
الْوَالِي
AL-WAALI
(मुतवल्ली)
अल्लाह मालिक-ए-दो जहान और हर चीज को इसके अंजाम कर तक पहुंचने का जिम्मा लेने वाला
#78 Al Muta’ali
الْمُتَعَالِي
AL-MUTA’ALI
(सब से बलंद व बरतर)
अल्लाह वो है के जिस के बुलंदी के सामने हर मखलूक जलील वा पस्त है, और अल्लाह से ऊपर कोई चीज नहीं बलके हर चीज इसे नीचे और इस के गलबे और इक्तेदार के सामने निहायत मामूली है।
#79 Al Barr
الْبَرُّ
AL-BARR
(बड़ा अच्छा सलूक करने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपनी मख़लूक़ पर बेहद वा बे-हिसाब एहसान करने वाला है, वो इस क़दर नवाजता है के कोई अल्लाह की तमाम नेअमतो को गिनने या शुमार करने की भी इस्तेता नहीं रखता, वो अपने वादे का सच्चा है।
#80 At Tawwab
التَّوَابُ
AT-TAWWAB
(सब से ज्यादा कुबूल करने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपने बंदो में से जिस को चाहे तौबा की तौफीक दे कर इनसे इनकी तौबा को क़ुबूल फरमाता है।
#81 Al Muntaqim
الْمُنْتَقِمُ
AL-MUNTAQIM
(बदला लेने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपने मुजरिम बंदो से अकेला ही इन्तेकाम लेने वाला है।
#82 Al Afuw
العَفُوُّ
AL-AFUW
(बहुत ज्यादा माफ़ करने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपने बंदो के गुनाहों को मिटाता है और इनसे दार-गुजर फरमाता है, और इन्हें (गुनाह पर एक दम साजा नहीं देता) हलाके बंदा साजा का मुस्तहिक हुआ होता है।
#83 Ar Ra’uf
الرَّؤُوفُ
AR-RA’UF
(बहुत बड़ा मुश्फिक)
ये अल्लाह का ऐसा नाम है जो सिफत-ए-रैफत से मक़ूज़ है यानि ये अल्लाह की शफ़क़त और नर्मी पर दलील करने वाली सिफ़त से है, अल्लाह की सिफ़त का दरजा अल्लाह की रहमत से भी बढ़ा कर है, दुनिया में अल्लाह (ﷻ) तमाम मखलोक़ात पर रऊफ़ हैं और आखिरत में अपने खास बंदो यानि इमान वालों के लिए रऊफ़ होगा।
#84 Malikul Mulk
مَالِكُ الْمُلْكِ
MALIKUL-MULK
(मुल्कों का मालिक)
अल्लाह वो है के जो दुनिया और आखिरत में हकीकी फरमान-रवा और जी-शान इंसाफ परवार बादशाह है और वही अकेला बादेशाहत के मुस्तहिक भी है, क्योंके मखलूक की पैदाइश के आगाज में बादेशाहत इसी की थी और इसके सिवा कोई नहीं था।
#85 Zul Jalaali Wal Ikram
ذُوالْجَلاَلِ وَالإكْرَامِ
ZUL JALAALI WAL IKRAM
(अजमतो जलाल और इकराम वाला)
अल्लाह का इल्म कामिल और हर चीज़ को शमील है, हर चीज़ पर ग़ालिब, हर एक से बढ़ कर कुवत वाला, बुजुर्गीवाला है, अपने बंदो में से जिसे चाहता है बे-हिसाब ‘आता करने वाला है, और इसके खज़ानों में बा-वजूद है।
फ़याज़ी और अता के कुछ भी कमी नहीं आता, अपने इमानदार बंदो के’ ऐबू की परदा पोशीकरने वाला है, इन्हें उनकी नेकियों के भरपुर बदला देने वाला है और अपने न-फरमान बंदो को मोहलत देता है और अपने ‘अदल से इनका मुहासेबा करने वाला है।
#86 Al Muqsit (99 Names of Allah)
الْمُقْسِطُ
AL-MUQSIT
(अदलो इन्साफ कायम करने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपनी हर बात और हर काम में कमाल-ए-दारजे का इंसाफ करने वाला है।
#87 Al Jaami’
الْجَامِعُ
AL-JAAMI’
(सब को जमा करने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपनी सारी मखलूक को फना करने के बाद इन्हें बा-रोज कयामत जमा करने वाला है।
#88 Al Ghaniyy
الْغَنِيُّ
AL-GHANIYY
(आत्मनिर्भर)
अल्लाह वो है के जो अपनी कमाल-ए-सिफत और कमाल-ए-मुतलक की वजह से कभी किसी के मोहताज नहीं रहा और ना कभी मोहताज होगा और तमाम मख्लुकात अल्लाह की मोहताज है और अल्लाह के इनाम वा इकराम और मदद की हर लम्हे जरूरमंड है।
#89 Al Mughni
الْمُغْنِي
AL-MUGHNI
(बेनियाज़ व गनी बना देने वाला)
अल्लाह वो है के जिसे चाहा अपनी मखलूक में से बेपरवाह कर देने और अपने ज़िक्र से इसे इतमीनान वा सुखों ‘अता करने वाले है।
#90 Al Maani’
اَلْمَانِعُ
AL-MAANI’
(रोक देने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपनी मखलूक में जिस से चाहता है अपने खज़ानों में से अपनी नवाज़िशों को रोक लेता है।
#91 Ad Darr
الضَّارَّ
AD-DARR
(ज़रर पहुँचाने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपनी मखलूक में से जिसे चाहा ज़रर पहुंचा कर इसे आजमाता है।
#92 An Nafi’
النَّافِعُ
AN-NAFI’
(नफा पहुँचाने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपने बंदो में से जिसे चाहे नफा देकर इसे अजमाता है।
#93 An Noor
النُّورُ
AN-NOOR
(सर से पैर तक नूर बख्शने वाला)
अल्लाह वो है के जो खुद नूरानी चेहरे वाला है और अपने नूर से हर गुमराह को राह दिखाने वाला, और जमीन वा आसमान का नूर पैदा करने वाला है।
#94 Al Haadi (99 Names of Allah)
الْهَادِي
AL-HAADI
(सीधा रास्ता दिखाने और चलाने वाला)
अल्लाह वो है की जो अपने बंदो में से जिसे चाहे नेक और सीधी राह की तरफ रहनुमाई करने वाला और मंजिल-ए-मकसूद तक इन्हें पहुँचाने वाला है।
#95 Al Badi’
الْبَدِيعُ
AL-BADI’
(बेमिसाल चीज़ को इजाद करने वाला)
अल्लाह वो है के जो खुद बे-मिसाल है और अपनी तमाम मखलूक को अपने इल्म वा कुदरत के मुताबिक बगैर किसी नमूने और मिसाल के पैदा करने वाला है।
#96 Al Baaqi
اَلْبَاقِي
AL-BAAQI
(हमेशा रहने वाला)
अल्लाह वो है की जो हमेशा बाकी रहने वाला है कभी खतम न होगा और अपनी मखलूक में से जिसे चाहे बाकी रखने वाला है।
#97 Al Waarith
الْوَارِثُ
AL-WAARITH
(सब के बाद मौजूद रहने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपनी मखलूक को फना करने के बाद भी बाकी रहने वाला है, और हर फना होने वाली मखलूक को अल्लाह ही सामने पेश होना है, अल्लाह ने बंदो को जो कुछ दिया है वो अल्लाह ता’अला की अमानते है।
#98 Ar Rasheed
الرَّشِيدُ
AR-RASHEED
(बहुत रहनुमाई करने वाला)
अल्लाह वो है के जो अपने बंदो में से जिसे चाहता है सीधी राह दिखने वाला है।
#99 As Sabur
الصَّبُورُ
AS-SABUR
(बड़े तहम्मुल वाला)
अल्लाह वो है के जो अपने ना-फरमान बंदो की ना-फरमानियों पर कमाल दरजे का सबर करने वाला है, इन्हें जल्द ही इनके गुनाहों पर आज़ब नहीं देता बल्के इन्हें मोहलत देता है के अपनी ना-फरमानियों से और खराब-अमालियों से अल्लाह से तौबा वा इस्तेगफ़ार करने में जल्दी करे।
अल्लाह के 99 नाम पढने का तरीका
- जिस जगह पढ़ें वह जगह पाक व साफ़ होनी चाहिए।
- पढ़ने वाले का मुँह और ज़बान पाक व साफ़ होनी चाहिए।
- पढ़ते वक़्त मुँह क़िब्ले की तरफ होना चाहिए।
- विनम्र, विनीत, सुकून और निश्चित होकर पूरे ध्यान के साथ पढ़ें।
- संख्या की अधिकता के कारण जल्दी न करें।
- जिस व्यक्ति का कोई वज़ीफ़ा रात या दिन या किसी विशेष समय पर निश्चित हो और उसे पाबंदी से पढता हो, यदि किसी दिन छूट जाए, तो उसको जिस समय भी संभव हो पढ़ लेना चाहिए। उस दिन बिल्कुल ही न छोड़ देना चाहिए।
हर मर्ज की दवा Asma ul Husna
हर मर्ज की दवा अल्लाह तबारक व ताला के इन 99 Names of Allah में छुपी हुई है बस उसे समझने और जानने की जरूरत है।
आपको जो भी मर्ज हो दुनिया भी यह रूहानी जिस्मानी कोई भी परेशानी हो कारोबार की तंगी हो या घर परिवार की परेशानी या सवारी की परेशानी या मां बाप से परेशानी या औलाद से परेशान है हर मसले का हल अल्लाह तबारक व ताला के इन मुबारक नामों में है।
बस हमें इनको सही से समझना और जानना होगा कि कौन सा नाम किस मर्ज की दवा है वैसे तो जो भी नाम ले लो अल्लाह मदद ही फर्मआएगा।
I Hope 99 Names of Allah का list के साथ meaning देने की कोशिश किया हूँ आप कमेंट में बताए की मेरी ये कोशिश आपको कैसा लगा और इस आर्टिकल में Improvment की जरुरत है तो Comment Below.