अस्सलाम अलैकुम दोस्तों, क्या सच में कपड़े पहनने की दुआ की Dua होती है? इस्लाम में किसी काम को शुरू करने से पहले बिस्मिल्लाह पढना बताया है उसी तरह कुछ खास मोके पर खास dua भी बताया है।
अगर आपके मन (Mind) में सवाल आ रहा होगा की जब जब कपडे पहंगे तब तब कपड़े पहनने की दुआ को पढेंगे।
बिलकुल जब जब कपडे पहंगे तो दुआ पढेंगे क्युकी ये दुआ बहुत ही छोटा है जिसे पढने में 10 सेकंड से 10 सेकंड लगेगा।
या आप Libaas Pahantay Waqt Dua पढ़ सकते है मतलब कपडा पहनते पहनते दुआ भी पढ़ सकते है।
कपड़े पहनने की दुआ
English Me : Alhamdulil Lahil Lazi Kasani Haza Wa Razaqaneehi Min Gairi Haulim Minni Wala Quwwah
Hindi Me : अल्हम दुलिल लाहिल लज़ी कसानी हाज़ा व रज़क़निही मिन गैरी हव्लिम मिन्नी वला कुव्वह
तर्जुमा : तमाम तारीफ़ अल्लाह के लिए है जिस ने मुझे ये कपडा पहनाया और मेरी ताक़त o कुव्वत के बगैर मुझ को ये अत फरमाया।
नए कपड़े पहनने की दुआ
चलिए अब जानते है की नया कपड़े पहनने की क्या दुआ है क्या ऊपर बताए गए दुआ को पढ़ सकते है? हां जरुर पढ़ सकते हो, लेकिन नए कपड़े की ये स्पेशल dua है अगर आप चाहते है की ज्यादा सवाब मिले तो Naya kapda Pahnne ki Dua को पढ़ सकते है।
الحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي كَسَانِي مَا أُوَارِي بِهِ عَوْرَتِي، وَأَتَجَمَّلُ بِهِ فِي حَيَاتِي
English Me : Alhamdulil Lahil Lazi Kasani Ma Uwari Bihi Aurati Wa Atajammalu Bihi Fi Hayati
Hindi Me : अल्हम दुलिल लाहिल लज़ी कसानी मा उवारी बिही औरती व अताजम्मलू बिही फ़ी हयाती
तर्जुमा : तमाम तारीफें उस अल्लाह के लिए हैं जिस ने मुझे वो लिबास पहनाया जिस से मैं अपने सतर को छुपा सकूँ और अपनी ज़िन्दगी में जीनत कर सकूँ।
लिबास पहनते वक्त की दुआ पढ़ने के फायदे
दुआ एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है बुलाना या पुकारना। इसे प्रार्थना (Pray) के रूप में भी जाना जाता है, इस्लाम में इसका बहुत महत्व है।
पैगंबर मुहम्मद (Peace Be Upon Him) की एक हदीस में फरमाते है: जब कोई व्यक्ति सच्चे दिल से अल्लाह से dua करता है, तो यह उसके विश्वास को मजबूत करता है। ड्रेसिंग के समय की दुआ भी बहुत फायदेमंद होती है।
दुआ सबसे शक्तिशाली और प्रभावी इबादत में से एक है। यह किसी भी समय किसी भी स्थान पर अल्लाह के साथ यकीन देता है।
मुसलमान दिन और रात में कई बार अल्लाह को पुकारते हैं, पूरे पवित्र कुरान में, अल्लाह लोगों को अपने पास बुलाने के लिए प्रोत्साहित करता है क्योंकि वह अकेला है जो हमारी आशाओं, सपनों और भयों को स्थापित कर सकता है।
यह न केवल अल्लाह के साथ निकटता की भावना को बढ़ाता है, बल्कि विश्वास को भी बढ़ाता है और विश्वासियों को राहत और आशा प्रदान करता है।
हमारे नबी मुहम्मद सल्लाह अलैहे वसल्लम ने हमें परिवार, भोजन, यात्रा, बीमारी, ड्रेसिंग इत्यादि जैसे विभिन्न मामलों के लिए दुआ सिखाई। हालांकि, ड्रेसिंग के समय दुआ (लिबास पेहना वक्त की दुआ) ) प्रमुख इबादत में से एक है।
मुस्लिम होने के नाते हमें लिबास पहनते के समय दुआ सहित दुआओं को याद करना चाहिए। यहां, आप इस दुआ को आसानी से पढ़ सकते हैं और इसे अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ साझा कर सकते हैं।
आज अपने कपड़े पहनने की दुआ के बारे में जाना है और भी dua को पढने के लिए अलग अलग पेजेज को देख सकते है और निचे कमेंट में बताए की ये पोस्ट आपको कैसा लगा।
नए कपड़े पहनने की दुआ क्यों पढ़ी जाती है?
नए कपड़े पहनने की दुआ अल्लाह का आभार व्यक्त करने का एक तरीका है। जब हमें कोई नई चीज़ मिलती है तो एक मुस्लिम के लिए यह ज़रूरी है कि वह इसे देने वाले अल्लाह का शुक्रिया अदा करे। यह दुआ अल्लाह के प्रति हमारी कृतज्ञता प्रकट करती है।
इस दुआ के माध्यम से हम अल्लाह से नए कपड़े और उसमें लगे श्रम की भलाई मांगते हैं। हम चाहते हैं कि यह कपड़ा हमारे लिए फलदायी और गुणकारी साबित हो। यह दुआ कपड़े को बुरी नज़र और दुष्प्रभावों से बचाती है।
इस दुआ से पहनने वाले को यह याद दिलाया जाता है कि सब कुछ अल्लाह की देन है। यह हमारे अहंकार और घमंड को कम करने का सबक है। एक नम्र और कृतज्ञ रवैया सीखने की प्रेरणा मिलती है।
इस दुआ में कपड़े बनाने वालों और उसमें शामिल मजदूरों के लिए भी भलाई की कामना की जाती है। यह हमारे लिए दूसरों के प्रति कृतज्ञ बने रहने का संदेश लेकर आती है।
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