Asar ki Namaz कैसे पढ़े और उसका तरीका क्या है

अस्सलाम अलैकुम, आज हम जानेंगे कि Asar ki Namaz का तरीका क्या है और असर की नमाज़ को कैसे पढ़ा जाता है हम इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे, और इसे समझने का प्रयास करेंगे।

Hello दोस्तों मैं आपका NamazQuran में Welcome करता हूं आज हम असर की नमाज़ के तरीके , नमाज़ का टाइम , नमाज़ का फजीलत के बारे में चर्चा करने वाले हैं, हम इससे जुड़े और कई तथ्यों को भी जानेंगे जैसे।

असर की नमाज़ का Time कब Start होता है

जोहर नमाज़ का Time खत्म हो जाने के बाद असर की नमाज़ का Time Start होता है।

अब हम जान लेते है की जोहर का Time कब तक रहता है जब हर चीज़ का छाया (Shadow) उसके असली छाया (Shadow) से दो गुने से ज्यादा हो जाए तो असर जोहर की नमाज़ का Time End हो जाता है।

असर की नमाज़ का Time कब End होता है

असर की नमाज़ का Ending Time सूरज ढलने (Sunset) से पहले तक रहता है, लेकिन सूरज ढलने से 20 Minutes पहले नमाज़ पढ़ना जाइज़ नहीं है। अलग अलग शहर के अलग अलग असर की नमाज़ का Time रहता है , ज्यादा जानकारी (Information) के लिए अपने मोहल्ले के इमाम से पूछ सकते है।

Asar ki Namaz कितनी Rakat होती है

असर की नमाज़ 8 रकात होती है 4 रकात सुन्नत की नमाज़ और 4 रकात फ़र्ज़ की नमाज़ होती है।

  • 4 रकात सुन्नत
  • 4 रकात फ़र्ज़

असर की नमाज़ पढ़ने का सही तरीका

Asar ki Namaz दिन की तीसरी नमाज़ होती हैं, इससे भी पढ़ने का बहुत सारा फजीलत जो आपको निचे बताया गया है। तो चलो जानते है असर की नमाज़ सही तरीके से कैसे पढ़ा जाता है आप इससे ध्यान से पढ़ना।

असर की 4 रकात सुन्नत पढ़ने का तरीका

असर की 4 रकअत सुन्नत पढ़ने के लिए आप को सबसे पहले नियत करना होगा। नियत का तरीका निचे दिया गया है।

असर की 4 रकात सुन्नत की नियत

नियत की मैंने चार रकात नमाज़ असर की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

असर की नमाज़ की पहली रकात सुन्नत

  • सबसे पहले आप सना पढ़ें यानि सुब्हानका अल्लहुमा वबी हमदिका
  • दूसरा ताउज पढ़ें यानि के आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़ें
  • सूरह फातिहा पढ़ें यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें
  • क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें

उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।

फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें।

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें।

फिर आप खड़े हो जाए दूसरा रकात पढ़ने के लिए।

असर की नमाज़ की दूसरी रकात सुन्नत

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ दूसरे रकात में सिर्फ आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें।

इसके बाद आप रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुके में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।

फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक बार रब्बना लकल हम्द भी कहें।

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ जैसे नमाज़ में बैठते है।

सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें। फिर अल्लाहु अकबर कहते हुवे तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएँ।

असर की नमाज़ की तीसरी रकात सुन्नत

तीसरी रकात में भी सबसे पहले आप तस्मियाँ यानि बिस्मिल्लाहहिर्रहमा निर्रहीम पढ़ें इसके बाद सूरह फातिहा यानि के अल्हम्दुलिल्लाह  पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें।

उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।

फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुवे खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक बार रब्बना लकल हम्द भी कहें।

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए चौथी रकात के लिए खड़े हो जाएँ।

असर की नमाज़ की चौथी रकात सुन्नत

चौथी रकत में भी आपको सबसे पहले बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ना है इसके बाद सूरह फातिहा यानि के अल्हम्दुलिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें।

उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।

फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक बार रब्बना लकल हम्द भी कहें।

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ जैसे नमाज़ में बैठते है।

सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें।

उसके बाद एक मर्तबा दरूदे इब्राहिम पढ़ें।

उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें।

और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें।

इस तरह से आपकी असर की 4 रकात सुन्नत पूरी हो गयी।

असर की 4 रकात फर्ज पढ़ने का तरीका

अगर आप असर की फ़र्ज़ नमाज़ अकेले पढ़ रहे है तो जिस तरह से सुन्नत के बारे में ऊपर बताया गया है उसी तरह से फ़र्ज़ की नमाज़ पढ़ने से आपकी नमाज़ हो जाएगी। अगर इमाम के पीछे फ़र्ज़ की नमाज़ पढ़ रहे है तो निचे बताए गए स्टेप को फॉलो करे।

याद रहे फ़र्ज़ नमाज़ के तीसरी और चौथी रकात में सिर्फ और सिर्फ सूरह फातिहा पढ़ी जाती है उसके बाद बिना कोई सूरह पढ़ें रुकू के लिए चलें जाएँ।

असर की 4 रकअत फ़र्ज़ पढ़ने के लिए आप को सबसे पहले नियत करना होगा। नियत का तरीका निचे दिया गया है।

असर की 4 रकात फर्ज की नियत

नियत की मैंने चार रकात नमाज़ असर की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर

असर की नमाज़ की पहली रकात फर्ज

सबसे पहले आप इमाम के पीछे खड़े हो जाए और नियत करे जो ऊपर दिया गया है उसके बाद कानो के लो तक हाथ उठाकर नाफ के निचे बांध ले।

  • सबसे पहले आप सना पढ़ें यानि सुब्हानका अल्लहुमा वबी हमदिका
  • दूसरा ताउज पढ़ें यानि के आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़ें
  • सूरह फातिहा पढ़ें यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें
  • क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें

इसके बाद Wait करे इमाम जब तक रुकू में नहीं जाता फिर अल्लाह हुअक्बर कहते हुए रुकू में चले जाए, और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुकू में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।

फिर इमाम बोलेगा समी अल्लाह हुलेमन हमीदा तो आप कहेंगे रब्बना लकल हम्द फिर अल्लाह हुअक्बर कहते हुए सजदे में चले जाए।

सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें।

असर की नमाज़ की दूसरी रकात फर्ज

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ।

दूसरे रकात में सिर्फ आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें।

इसके बाद Wait करे इमाम जब तक रुकू में नहीं जाता फिर अल्लाह हुअक्बर कहते हुए रुकू में चले जाए। और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुकू में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।

फिर इमाम बोलेगा समी अल्लाह हुलेमन हमीदा तो आप कहेंगे रब्बना लकल हम्द फिर अल्लाह हुअक्बर कहते हुए सजदे में चले जाए।

सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें, फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ।

सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें।

असर की नमाज़ की तीसरी रकात फर्ज

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए तीसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ, फिर खामोसी के साथ सिर्फ आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ कर खामोश हो जाए। और इमाम का इंतजार करे रुकू में जाने के लिए।

इसके बाद अल्लाह हुअक्बर कहते हुए रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुकू में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें

फिर इमाम बोलेगा समी अल्लाह हुलेमन हमीदा तो आप कहेंगे रब्बना लकल हम्द फिर अल्लाह हुअक्बर कहते हुए सजदे में चले जाए।

सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें | फिर अल्लाह हुअक्बर कहते हुए खड़ा हो जाये।

असर की नमाज़ की चौथी रकात फर्ज

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए चौथी रकात के लिए खड़े हो जाएँ। फिर खामोसी के साथ सिर्फ आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ कर खामोश हो जाए। और इमाम का इंतजार करे रुकू में जाने के लिए।

इसके बाद अल्लाह हुअक्बर कहते हुए रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुकू में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।

फिर इमाम बोलेगा समी अल्लाह हुलेमन हमीदा तो आप कहेंगे रब्बना लकल हम्द फिर अल्लाह हुअक्बर कहते हुए सजदे में चले जाए।

सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें, फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ।

सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें।

उसके बाद एक मर्तबा दरूदे इब्राहिम पढ़ें।

उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें।

और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें।

इस तरह से आपकी असर की 4 रकात फ़र्ज़ पूरी हो गयी।

Asar ki Namaz Ka Video

अगर आप चाहते है की Video देख कर सीखे तो निचे Youtube Video दिया गया है जिसको देखकर आप Asar ki Namaz का तरीका आसानी से सिख सकते है।

Asar ki Namaz ka Video In Hindi

Frequently Asked Questions (FAQs)

असर की नमाज में कितनी रकात होती है?

असर की नमाज़ में 8 रकात होती हैं, ये रकात इस तरह अदा की जाती हैं, 4 सुन्नत, 4 रकात फर्ज।

अगर आप लोगो को ये ज्ञान अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्त, रिश्तेदार के साथ शेयर जरूर करें हो सकता है आपके एक शेयर से किसी को नमाज़ पढ़ना आ जाए अल्लाह हर मोमिन को पांचो वक़्तों का नमाज़ी बना दे।

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