Aurat ki Namaz ka Tarika | औरतों की नमाज़ पढ़ने का सही तरीक़ा

क्या आप Aurat ki Namaz ka Tarika सिखने के लिए आए हो तो आप सभी सही जगह नमाज़ सिखने के लिए आए हो।

औरतों की नमाज़ का सही तरीका सिखाने के लिए बहुत ही कम लोग youtube और गूगल पर है। परेशानी तो तब हो जाती है जब बचिया या औरते नमाज़ सिखने के लिए गूगल पर सर्च करते है उन्हें गिने चुने वेबसाइट ही मिलता है जो Step by Step Aurat ki Namaz उनके वेबसाइट पर नहीं मिलता है।

लड़के तो नमाज़ का तरीका सिखने के लिए मस्जिद के इमाम से राबता करके सीख जाते है लेकिन जो मस्जिद नहीं जा सकती उन्हें सिखाने के लिए कोई भी नहीं होता है।

यही सभी परेशानी को देखते हुए हमने Aurat ki Namaz ka Tarika पर ब्लॉग लिखने और आप सभी को सिखाने के लिए फिर से आ गया हूँ।

जिसमे आपको वजू का तरीका से लेकर नमाज़ का तरीका और दुआ मांगने तक सब कुछ सिखने को मिलने वाला है।

इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ते पढ़ते हमारे माँ, बहन को नमाज़ पढने का तरीका के बारे में बहुत कुछ जानकारी मिल जाएगा।

Aurat ka Wazu Karne ka Tarika

औरतों का वजू करने का तरीका वही है जो मर्द के लिए है लेकिन औरत के लिए थोड़ा फर्क है जिसपर अमल करके वजू मुकम्मल किया जाता है:

  • औरत चूड़ियां कंगन अंगूठी वगैरह पहनी हो तो उसके निचे तक पानी का पहुँचाना फ़र्ज़ है।
  • अंगूठी वगैरा ढीली हो तो उसे हिला कर उसके नीचे तक पानी पहुंचाना फर्ज है।
  • अंगूठी वगैरा बहुत सख्त हो तो उसे निकाल कर पानी पहुंचाना फर्ज है।

अगर किसी ने इसी तरीके से वजू किया की चूड़ी वगैरा पहने हो और उसके निचे पानी चला गया तो वजू हो जाएगा और पानी नहीं गया तो वजू नहीं होगा।

अगर आपको वजू का पूरी जानकारी चाहिए तो निचे लिंक पर click करके सीखे बस ऊपर जो तिन फर्क बताया गया है उसे follow करना है।

Click Here: wazu karne ka tarika step by step

Aurat ki Namaz ki Rakat कितनी होती है

बालिग मर्द व औरत पर हर दिन 5 वक़्त की नमाज़ फ़र्ज़ है जिसमे पहला नमाज़ फज़र से शुरू होता है और आखरी नमाज़ ईशा की होती है लेकिन इसके अलावा बहुत सारे नफिल नमाज़े होती है जैसे:- Tahajjud ki Namaz, चास्त की नमाज़, इस्ताखारा की नमाज़, इसराक की नमाज आदि।

पांचो नमाज़ की rakat अलग अलग होती है लेकिन आपको समझने वाली बात है की मर्द और औरत के लिए नमाज़ की rakat एक ही होता है।

अगर आपको नमाज़ की रकात के बारे में पूरी जानकारी जानना चाहते है तो निचे लिंक पर क्लिक करे।

Click Here: Namaz ki Rakat

Aurat ki Namaz ki Niyat

औरतें नमाज़ की नियत कैसे करे? यह जानने से पहले आपको जानना होगा की हर नमाज़ की रकात का अलग अलग नियत होता है जैसे:- अगर फजर की 2 रकात फ़र्ज़ पढ़ रहे है तो 2 रकात फ़र्ज़ की नियत करना होगा उसी तरह 4 रकात ईशा की सुन्नत पढ़ रहे है तो 4 रकात ईशा की नियत करना होगा।

औरत नमाज़ की नियत दिल में करे जबान से नियत करना जरुरी नहीं है अगर जबान से नियत करना है तो निचे दिया गया है।

Fajar ki Namaz ki Niyat

फज्र की दो रकअत सुन्नत

नियत की मैंने दो रकत नमाज़ फज्र की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर

फज्र की दो रकअत फ़र्ज़

नियत की मैंने दो रकत नमाज़ फजर की फ़र्ज़ के अल्लाह तआला के वास्ते मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर

इसी तरीके से बाकी सारे नमाजो की नियत किया जाता है अगर सभी की नियत यहाँ पर लिखा जाता है तो यह पोस्ट बहुत ही लम्बा हो जाएगा इसी लिए हमने नियत के लिए एक अच्छी सी पोस्ट आपके लिए तैयार किया हूँ। जो निचे लिंक पर click करके पढ़ सकते है।

Click Here: Namaz ki Niyat ka Tarika

Aurat ki Namaz ka Time

नमाज़ का वक़्त जो मर्दों के लिए है वही औरतों के लिए भी है फर्क बस इतना है की फ़र्ज़ की जमात के लिए एक वक़्त मुकरर होता और उसी वक़्त में जमा’अत के साथ यानि इमाम के पीछे फ़र्ज़ अदा करना होता है. लेकिन औरत के लिए घर में नमाज़ पढने को कहा गया है और औरत को भी चाहिए की उसी वक़्त में फ़र्ज़ नमाज़ अदा करना।

अगर आपको पांचो नमाज़ का वक़्त जानना है तो गूगल पर सर्च “namaz time” करे तो वह पर फर्स्ट पेज पर ही गूगल आपको आपके एरिया लोकेशन के अनुसार नमाज़ का टाइम बता देगा।

फिर भी आपको नहीं मिल रहा है तो गूगल पर “fajar namaz time” सर्च करे उसी आपको जिस नमाज़ के बारे में जानना है उसे namaz time से पहले लिखे जैसे बताया गया है।

क्या औरतों की नमाज़ मर्दों से अलग है?

हाँ औरत की नमाज़ मर्दों की नमाज़ से थोड़ा अलग है जो की फ़र्ज़ या वाजिब नहीं है बलके सुन्नत और मुस्तहब है आपको नमाज़ का तरीका के बारे में बताया जा रहा है जिसमे आपको फर्क देखने को मिलेगा।

Aurat ki Namaz Padhne ka Tarika

हम आपको फज़र की 2 rakat सुन्नत का तरीका बताने जा रहा हूँ.

नमाज़ की पहली रकात

फजर की नमाज़ पढ़ने के लिए सबसे पहले वज़ू कर ले फिर क़िबला रु खड़े हो जाए और सबसे पहले आप 2 रकअत सुन्नत पढ़े।

फजर की 2 रकअत सुन्नत पढ़ने के लिए आप को सबसे पहले नियत करना होगा। नियत का तरीका आपको ऊपर दिया गया है।

औरते तकबीर के वक्त कानो तक हाथ न उठाये बल्के मुंडे तक उठाये हाथ नाफ के निचे न बन्धे बल्के बाए हटेली सीना पर छाती के निचे रख कर उस की पीठ पर दाहिने हटेली रखे, निगाह सजदे की तरफ हो। जिस तरह से इमेज में दिखाया गया है।

aurat ka niyat ka tarika
Takbeer e Tahrima ka tarika
  • सबसे पहले आप सना पढ़ें यानि “सुबहानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दीका व तबारका इस्मुका व त’आला जद्दुका वाला इलाहा गैरुका”
  • दूसरा ताउज पढ़ें यानि के आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़ें |
  • सूरह फातिहा पढ़ें यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें |
  • क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें |

उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें

Rukoo ka Tarika

फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें।

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें।

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें |

Sajda ka Tarika

औरते सिमट कर सज्दा करे यानि बाजु और गर्दनो से मिला दे और पेट रान से और रान पिन्दिलियो से और पिन्दिलियो जमीन से और कायदा में रखे बाये कदम पर न बेठे बल्के दोनों पाओ दाहिने तरह निकल दे और बाए सुरिन पर बेठे।

फिर अल्लाह हु अकबर कहते हुए पहले पेशानी फिर नाक को उठाएं ,इसी तरह दूसरा सजदा भी पूरा करें और अल्लाह हु अकबर कहते हुए खड़े हो जाये, हाथ के सहारे से खड़े न हो हाँ अगर कोई उज़्र या खड़े होने में परेशानी हो तो अलग बात है।

ध्यान रहे दूसरी rakat में सना नहीं पढना होता है आप सीधे अलहम्दो लिल्लाहे से पढना शुरू करना।

पहली rakat ख़त्म हो जाने के बाद दूसरी rakat इसी तरह से पूरा करे लेकिन दूसरी rakat में तशद्दुद के हालत में बैठना होता है जिस तरीके से image में दिखाया गया है।

तशद्दुद के हालत में बैठना

Qadah Akheerah ka tarika
Qadah Akheerah ka tarika

दोनों सजदे पूरा करने के बाद अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ जैसे नमाज़ में बैठते है।

सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें।

अत्तहियात – अत्तहिय्यतो लिल्लाहि वस्सलवातो , वत्तैय्याबातो, अस्सलामो अलैका अइय्योहन्नबियो, वरहमतुल्लाहि व बराकातहु. अस्सलामो अलैना व आला ईबादिस्सालेहींन, अश्हदु अल्ला इलाह इल्ललाहु व अश्हदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुह व रसूलुहु.

Note – जब आप अश्हदु अल्ला इलाह इल्लल्लाहु पढें तो साथ में शहादत की उंगली को ऊपर सीधा सामने की तरफ इशारा करते हुए उठायें; यह जरूरी है।

अगर 4 रकात नमाज़ पढ़ रहे हों, तो तशद्दुद में शहादत उंगली निचे करने के बाद अल्लाह हु अकबर कहते हुए तीसरी रिकात के लिए खड़े हों और तीसरी और चौथी रकात पूरी करें

उसके बाद एक मर्तबा दरूदे इब्राहिम पढ़ें।

उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें।

और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें।

इस तरीके से Aurat ki Namaz ka Tarika मुकम्मल हो जाएगी।

इसके बाद दुआ के लिए हाथ उठाए और अल्लाह ता’अला से अपने परेशानी और मुसीबत की दुआ मांगे।

औरतों की नमाज़ के लिए क्या सर्त है?

औरत की नमाज़ पढने के लिए 13 सर्त है यानि इसमें से अगर एक भी नहीं पाई गई तो नमाज़ नहीं होगी। मतलब 13 सर्त होगा तभी नमाज़ होगा तो चलिए जानते है की वो 13 सर्त क्या है।

बदन का पाक होना:– नमाज़ पढ़ने के लिए बदन का पाक  होना यानी (हैज व निफास वगैरह) से पाक होना जरूरी है।

कपड़े का पाक होना:–  नापाक कपड़े पहन कर नमाज़ पढ़ने से नमाज़ नहीं होगी, जिन खवातीन के छोटे बच्चे होते हैं उनको पाकी का खास खयाल रखना चाहिए। क्युकि अक्सर ख़वातीन अपने छोटे बच्चों की वजह से नमाज़ें ज़ाया कर देतीं हैं।

जगह का पाक होना:– इसका मतलब यह है की जहां नमाज़ पढ़ी जाए वहां की जगह पाक होनी जरूरी है। गीली जगह या कोई गंदगी लगी हो वहां पढ़ना सही नहीं।

वक़्त का होना:– किसी भी नमाज़ को अपने मुकर्रर वक़्त पर ही पढ़ना चाहिए, किसी और वक़्त की नमाज़ कज़ा करके दुसरे वक़्त पढ़ना या नमाज़ में देरी करना गुनाह है। अगर किसी काम है और टाइम पर नमाज़ अदा नहीं कर सकते है तो कज़ा भी पढ़ सकते है।

क़िब्ला का मालूम होना:– क़िब्ले का रुख जानना ज़रूरी है, क्युकि हम जानते हैं की क़िब्ले की तरफ ही हमें नमाज़ पढ़ने का हुक्म है।

नमाज़ की नीयत करना:–  नमाज़ पढ़ने की नीयत करना जरुरी होता है क्युकी चीज़ नियत पर depand करता है क्युकी अगर आप फ़र्ज़ की सुन्नत पढ़ रहे है तो जोहर की सुन्नत की नियत नहीं करना होगा। हाँ, अगर दिल में फजर की नियत है और जुबान से जोहर या असर की सुन्नत का नियत निकल जाए तो कोई हर्ज़ नहीं है।

सतर  का छुपाना:– औरतों के नमाज़ में सतर का छुपाना बहुत ज़रूरी है बिगैर इसके नमाज़ नहीं होगी। कपड़ा या दुपट्टा इतना बारीक ना हो के बदन का हिस्सा या सर के बाल दिखाई दे, इससे नमाज़ नहीं होगी। सतर में पूरे बदन को कपड़े या चादर या मोटा दुपट्टे से छुपाना चाहिए, सिर्फ चेहरे और हाथों की कलाई और टखने के नीचे तक पाव खुले रखने की इजाजत है।

तकबीरे तहरीमा कहना:– तकबीरे ताहरीमा यानी अल्लाह हू अकबर कहना

कयाम करना:– सीधे खड़े रहना

किरात करना:– क़ुरान करीम की तिलावत करना

रुकु करना:– झुकना

सजदा करना:– दो सजदा करना

तशद्दुद  के हालत में बैठना:– दोनों पैरों पे बैठना

तो ये कुल 13 फराइज़ हैं जिन में एक भी ना करें तो नमाज़ नहीं होगी।

Aurat ki Namaz ka Tarika PDF

अगर आप उर्दू भाषा में Aurat ki Namaz ka Tarika सीखना चाहते और वो पीडीऍफ़ डाउनलोड करके तो निचे बटन पर click करे.

क्या औरत पर जुम्मा की नमाज़ फ़र्ज़ है?

नहीं है, औरतों पर जुम्मा की नमाज़ फ़र्ज़ नहीं है इसके बदले वो जोहर की नमाज़ घर में अदा करे।

क्या औरत पर ईद की फ़र्ज़ नमाज़ है?

औरत पर जुम्मे की नमाज़ की तरह ईद की नमाज़ भी फ़र्ज़ नहीं है क्यूंकि ईद की नमाज़ जमात के साथ अदा होती है और औरत को जमात में हाज़िर होने से मन किया गया है।

Conclusion: आज अपने क्या सीखा

आज अपने औरत की वजू का तरीका से लेकर Aurat ki Namaz ka Tarika तक आप सीखा जिसमे नमाज़ का टाइम, नमाज़ की rakat, और भी बहुत कुछ सीखा।

इस आर्टिकल में सब कुछ तो नहीं बताया गया है लेकिन step by step बताया गया है जो कम या थोड़ा बताया गया है उसके लिए proper आर्टिकल का लिंक दिया गया है जिस पर click करके अच्छी तरह से नमाज़ का तरीका सीख सकते है।

मुझे उम्मीद है Aurat ki Namaz ka Tarika आप सभी को बहुत पसंद आया होगा।

अगर इस पोस्ट से related कोई problem या question है तो प्लीज निचे कमेंट करे।

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