अस्सलामु अलैकुम नाज़रीन, क्या आप गूगल पर Fatiha Ka Tarika सर्च कर रहे है। जिसमे शुरू से आखिर तक फातिहा पढ़ने आसान तरीका की तलाश में है, तो बिलकुल सही जगह पर आए है।
अगर आप भी अपने मरहुम की बक्सिश के लिए फातिहा का तरीका सीखना चाहते है, जिससे आप आसानी से अपने घर में ही खुद से फातिहा पढ़कर बक्सिश करा सकते है। जिसके लिए आपको इस आर्टिकल को शुरू से आखिर पढ़ना और सीखना होगा।
हम आपको बता देना चाहते हैं, कुछ लोग समझते हैं, कि सिर्फ आदमी (Men) ही फातिहा दे सकते हैं, पर ऐसा नहीं है। अगर किसी कारण से फातिहा देने के लिए मर्द (Men) नही है, तो औरत(Women) भी फातिहा दे सकती है।
फातिहा किसको कहते है?
सुरह और दरूद शरीफ पढ़कर किसी भी ख़ास मरहूम को सवाब पहुचना उसे फातिहा कहते है। दुसरे शब्दों में किसी नेक काम का सवाब जो हमको खुदा से मिलने वाला है वह किसी दुसरे को बक्स देना इसी का नाम फातिहा है।
फातिहा शब्द आम तौर पर कुरान का पहला सुरह का नाम है, जिसे “सुरह फातिहा” की नाम से जानते है, जो कुरान की सबसे पहला पारा यानि अध्याय में आता है।
fatiha karne ka tarika In hindi
फातिहा देने के लिए सबसे पहले वुजू का तरीका सीखे फिर वजू कर लें। वज़ू करने के बाद क़िब्ला रू (काबा शरीफ के तरफ मुंह करके) बैठ जाएँ जिस चीज़ पर फातिहा देना हो उसको सामने रख ले। सामने रखना सिर्फ मुबाह और जाइज़ है।
अगर वह चीज़ ढकी (Pack) है तो उसे खोल (Open) कर ले और लोबान अगरबत्ती सुलगाए (अगर मौजूद हो तो), और फातिहा की चीजों से दूर रखे। मुस्तहब तरीका पर फातिहा (Fatiha) दे सबसे पहले शुरू और आखिर में 3 – 3 मर्तबा दुरुद शरीफ पढ़े।
- दरूदे इब्राहिम 3 बार पढ़े
- सुरह काफिरून 1 बार पढ़े
- सूरए इख़्लास 3 बार पढ़े
- सूरह फ़लक़ 1 बार पढ़े
- सूरह नास 1 बार पढ़े
- सूरह फ़ातिहा 1 बार पढ़े
- सूरह बक़रह 1 बार पढ़े
- आयत ए खामसह 1 बार पढ़े
3 मर्तबा दुरूदे इब्राहिम पढ़ें
अगर आपको नमाज़ में पढ़ी जाने वाली बड़ी Durood E Ibrahim याद नहीं है तो, छोटी कोई भी दुरूद शरीफ पढ़ इसके जगह पर पढ़ सकते है।
अल्लाहुम्म सल्लिअला सैय्यिदिना मुहम्मदिंव व अला आलि सय्यिदिना मुहम्मदीन कमा सल्लै त अला सय्यिदिना इब्राहिम व अला आलि सय्यिदिना इब्राहिमा इन्नका हमीदुम मजीद अल्ला हुम्मा बारिक अल्ला सय्यिदिना मुहम्मदिंव व अला आलि सय्यिदिना मुहम्मदिन कमा बारकता अल्आ सय्यिदिना इब्राहिम व अला आलि सैय्यिदिना इब्राहिमा इन्नका हमीदुम मजीद।
Allahumma Sallialla Saiyyidina Muhamadiw W Ala Aali Saiyyidina Muhamadin Kamaa Salai T Ala Saiyyidina Ibrahim W Ala Saiyyidina Ibrahima Innka Hamidum Mazid Alla Humma Barik Alla Saiyyidina Muhamadiw W Ala Aali Saiyyidina Muhammadin Kamma Barktaa A’ala Saiyyidina Ibrahim W Ala Aali Saiyyidina Ibrahima innka Hamidum Mazid.
सुरह काफिरून 1 बार पढ़ें
नाज़रीन इसके बाद अउजू बिल्लाहि मिनश शैतानिर्रजीम फिर बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़कर 1 मर्तबा सुरह काफिरून पढ़ें।
कुल या अय्युहल काफिरून
ला अ अबुदु मा तअ’बुदून
व ला अन्तुम आ बिदूना मा अ’अबुद
व ला अना आबिदुम मा अबत तुम
व ला अन्तुम आबिदूना मा अअ’बुद
लकुम दीनुकुम वलिय दीन
Qul yaaa-ayyuhal kaafiroon
Laaa a’budu maa t’abudoon
Wa laaa antum ‘aabidoona maaa a’bud
Wa laaa ana ‘abidum maa ‘abattum
Wa laaa antum ‘aabidoona maaa a’bud
Lakum deenukum wa liya deen
सुरह इख़्लास तिन बार पढ़ें
सुरह काफिरून पढ़ने के बाद तिन मर्तबा सुरह इखलास पढ़े, लेकिन इससे पढ़े बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम जरुर पढ़े।
कुल हुवल लाहू अहद
अल्लाह हुस-समद
लम यलिद वलम यूलद
वलम यकूल लहू कुफुवन अहद
Qul huwal laahu ahad
Allah hus-samad
Lam yalid wa lam yoolad
Wa lam yakul-lahoo kufuwan ahad
सूरह फ़लक़ एक बार पढ़ें
सुरह इखलास पढ़ने के बाद एक मर्तबा सुरह फ़लक पढ़े, लेकिन इससे पढ़े बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम जरुर पढ़े।
कुल अऊजु बि रब्बिल-फलक
मिन शर्री मा खलक़
व मिन शर्री गासिकीन इजा वकब
व मिन शर्रीन नाफ्फासाती फिल उकद
व मिन शर्री हसिदिन इज़ा हसद
Qul a’oozu bi rabbil-falaq
Min sharri maa khalaq
Wa min sharri ghaasiqin izaa waqab
Wa min sharrin-naffaa-saati fil ‘uqad
Wa min sharri haasidin izaa hasad
सूरह नास एक बार पढ़ें
सुरह फ़लक पढ़ने के बाद एक मर्तबा सुरह नास पढ़े, लेकिन इससे पढ़े बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम जरुर पढ़े।
कुल अऊजु बि रब्बिन नास
मलिकिन नास
इलाहिन नास
मिन शर्रिल वसवासिल खन्नास
अल-लजी युवसविसु फी सुदूरिन्नास
मिनल जिन्नती वन्नास
Qul a’oozu birabbin naas
Malikin naas
Ilaahin naas
Min sharril waswaasil khannaas
Allazee yuwaswisu fee sudoorin naas
Minal jinnati wannaas
सूरह फ़ातिहा एक बार पढ़ें
सुरह नास पढ़ने के बाद एक मर्तबा सुरह फातिहा पढ़े, लेकिन इससे पढ़े बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम जरुर पढ़े।
अलहम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमिन
अर रहमानिर रहीम
मालिकि यौमिद्दीन
इय्याक नअबुदु व इय्याका नस्तईन
इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम
सिरातल लज़ीना अन अमता अलैहिम गैरिल मग़दूबी अल्लैहिम वलद्दाल्लीन (अमीन)
Alhamdu lillaahi Rabbil ‘aalameen
Ar-Rahmaanir-Raheem
Maaliki Yawmid-Deen
Iyyaaka na’budu wa iyyaaka nasta’een
Ihdinas-Siraatal-Mustaqeem
Siraatal-lazeena an’amta ‘alaihim ghayril-maghdoobi ‘alaihim wa lad-daaalleen
सूरह बक़रह एक बार पढ़े
सुरह फातिहा पढ़ने के बाद एक मर्तबा सुरह बक़रह यानि अलिफ़ लम मीम पढ़े, लेकिन इससे पढ़े बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम जरुर पढ़े।
अलीफ लाम मीम
ज़ालिकल किताबु ला रैब फ़ीह; हुदल लिल मुत्तकीन
अल्लज़ीना यूमिनूना बिलगैबि व युकिमुनस्सलाता व् मिम्मा रजकनाहुम् युनफिकुन
वल्ल्जीना यूमिनूना बिमा उन्ज़िला इलैका वमा उन्ज़िला मिन क़ब्लिक व बिल आख़िरति हुम् युकिनून
उलाइका अला हुदम मिर रब्बिहिम व उलाइका हुमुल मुफ़लिहून।
Alif-Laaam-Meeem
Zaalikal Kitaabu laa raiba feeh; hudal lilmuttaqeen
Allazeena yu’minoona bilghaibi wa yuqeemoonas salaata wa mimmaa razaqnaahum yunfiqoon
Wallazeena yu’minoona bimaa unzila ilaika wa maaa unzila min qablika wa bil Aakhirati hum yooqinoon
Ulaaa’ika ‘alaa hudam mir rabbihim wa ulaaa’ika humul muflihoon
आयत ए खामसह एक बार पढ़े
सुरह बक़रह पढ़ने के बाद एक मर्तबा Ayat e Khamsa पढ़े।
व इलाहुकुम इलाहुं वाहिद. लाइलाहा इल्ला हुवर्रहमानुर्रहीम
इन्ना रहमतल्लाहि क़रीबुम मिनल मुहसिनीन
वमा अरसल नाका इल्ला रहमतल लिल आलमीन
मा काना मुहम्मदुन अबा अहादिम मिंर रिजालिकुम वला किन रसूल्लाहि वखा तमन नबीय्यीन व कानल्लाहु बिकुल्लि शैइन अलीमा
इन्नल्लाहा व मलाई क त हू यूसल्लूना अलन्नबिय्यि या अय्युहल लज़ीना आमनू सल्लू अलैहि व सल्लिमू तस्लीमा।
इसे पढ़ने के बाद सुब्हाना रब्बिक व रब्बिल इज्जते अमा यसिफुन व सलामुन अलल मुरसलिम वल्हम्दुलिल्लाही रब्बिल आलमिन ये पढ़ कर अल फातिहा कहें। इसके बाद दुआ के लिए दोनों हाथो को उठाए।
बख़्शने के लिए दुआ का तरीका
ए अल्लाह मैंने तेरे बारगाह में कुरान शरीफ की तिलावत की और दरूद शरीफ पढ़ा, ए अल्लाह इसे पढ़ने में जो भी गलतिया हुई है इसे अपने फज्लो करम से माफ़ फरमा और इस सिरनि शरीफ और पानी का सबसे पहले इसका सवाब सरकारे दोआलम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के मुक़द्दस बारगाह में तोह्फतन हदियातन पेस करते है कबूल फरमा।
हज़रत आदम अलैहि वसल्लम से लेकर हज़रते इसा अलैहि वसल्लम तक कमो बेस एक लाख चौबीस हजार अम्बियाए मुर्सलीन के बारगाह में ये सिरनि शरीफ पेस करते है मौला कबूल फरमा हुजूर के शहाबा शहाबिया अहले बैत अतहार अज़्वाजे मोतहरात जुमला शहीदाने कर्बला जुमला शहाबा तबाईन तबे तबाईन आइममे मुजतहइन बुजुर्गाने दिन मुत्तक़ीन सालेहीन मोमेनीन के अरवाहे को पेस करते है कबूल फरमा।
इसका सवाब दस्तगीर रौशन जमीर हजरते गौसे आज़म रज़ि अल्लाहो तआला अन्हा और ख्वाजा ए ख्वाजा हिंदल वली अजमेरी चिस्ती के बारगाह में पेश करते है क़ुबूल फ़रमा इस दुनिया से जितनेभी मोमिन व् मोमिनात गुजर चुके है उनकी बखसीस फरमा और उनको जन्नत में आला से आला मकाम अता फरमा। ( आमीन सुम्मा आमीन )
बिल ख़ुसुस . . . . . . . . . . . . . . . . को इसका सवाब अता फरमा।
नोट – बिल ख़ुसुस के बाद जिसके नाम की फातिहा हो उसका नाम ले।
नोट – आप जिन जिन का नाम लेते है उनको ख़ुशी मिलती है अगर किसी का भी नाम ना ले सिर्फ इतना ही कह ले की या अल्लाह, इसका सवाब आज तक जितने अहले इमाम हुए उन सब को पहुंचा तब भी हर एक को पहुँच जाएगा।
अब दुआ ख़तम कर दीजिए। (अगर थोड़ा थोड़ा खाना और पानी निकला था तो वो दुसरे खानों और पानी में डाल दीजिए)।
कब्रिस्तान पर फातिहा पढ़ने का तरीका क्या है? फातिहा का तरीका सभी जगह एक ही पढ़ा जाता है हमने इस आर्टिकल के शुरू से एक एक बात बताया हूँ जिसको सीखकर आप भी कब्रिस्तान पर फातिहा पढ़ सकते है।
आखिरी बाते
नाज़रीन मुझे बेहद ख़ुशी हो रहा है की जो शख्स इस आर्टिकल को कम्पलीट पढ़ेगा उसको फातिहा करने का तरीका आसानी से याद हो जाएगा। क्युकी इस पोस्ट को हर एक बात अच्छी तरह से बताया गया है, जिसमे हर एक सुरह को अरबिक के साथ हिंदी और इंग्लिश में भी लिखा गया है।
जिससे फातिहा पढ़ने में कही भी किसी किस्म की उच्चारण की गलती का गुंजाईश बाकि ना रह पाए। इस तरीका को कही भी पढ़ सकते है चाहे अकेले फातिहा पढ़ रहे है या दस बीस लोगो का फातिहा पढ़ रहे है।
दोस्तों इस से सम्बंधित किसी भी प्रकार का सवाल या डाउट हो तो निचे कमेंट बॉक्स खुला है, उसमे लिख कर मुझे बताए, मै जवाब देने की पूरी कोशिश करूँगा। ज्यादा जानकारी के लिए हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करे।