अस्सलाम अलैकुम दोस्तों, अगर आप रमजान के रोज़े रखते है तो Iftar ki Dua या Iftar Kholne ki Dua आपको जानना बहुत जरुरी होता है.
इसीलिए हमने आज Iftar se Pehle ki Dua बताने जा रहा हूँ जिसको याद करके iftar kholne se pahle दुआ पढ़कर रोज़ा खोल सकते है.
चलिए जानते है की इफ्तार की दुआ क्या है और इसे पढ़ने से क्या क्या फायदे होते है.
Iftar ki Dua
मुझे मालूम है आप सिर्फ Roza Kholne ki Dua को पढ़ने और याद करने के लिए आए तो मै आपका ज्यादा समय नहीं लेते हुए बताता हूँ.
मैंने इफ्तार की दुआ को इमेजेज के साथ दिया हूँ उसके साथ हिंदी, अरबी, इंग्लिश, उर्दू भाषा में भी दिया हूँ जिससे आपको याद करने में परेशानी न हो.
इफ्तार की दुआ
अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुम्तु व बिका आमंतु व अलैका तवक्कल्तु व अला रिज़्क़िका अफ्तरतु
इफ्तार की दुआ का तर्जुमा
ऐ अल्लाह! बेशक मैं ने तेरे लिए रोज़ा रखा, और तुझ पर ईमान लाया, और तुझ पर भरोसा किया, और तेरे ही रिज़्क़ से इफ्तार किया।
Iftar ki Dua in Roman English
Allahumma Inni Laka Sumtu Wabika Aamantu Wa Alaika Tawakkaltu Wa Ala Rizqika Aftartu
Iftar se Pehle ki Dua with English Meaning
O Allah! I fasted for you and I believe in you and I put my trust in You and I break my fast with your sustenance.
Iftar Kholne ki Dua in URDU
’’اے اللہ!میں نے تیری خاطر روزہ رکھا اور تیرے اوپر ایمان لایا اور تجھ پر بھروسہ کیا اورتیرے رزق سے اسے کھول رہا ہوں۔‘‘
क्या इफ्तार के लिए अज़ान सर्त है?
नहीं, इफ्तार के लिए अज़ान सर्त नहीं है क्योंकी उन इलाको या सहरो में रोज़ा कैसे खुलेगा जहाँ पर मस्जिद नहीं है और अज़ान नहीं होती है.
रोजा रखने के फायदे और नुकसान
रमजान का रोजा सभी मुस्लिम भाई बहन रखते है लेकिन रोजा रखने से शारीरिक और मानसिक फायदे भी होते है आगे जाने रोजा रखने के फायदे और नुकसान क्या है?
- रोजा रखने से सबसे पहला फायदा अल्लाह पाक आपसे खुश होता है और आप पर अल्लाह की रहमत एंव हर एक नेकी का बदला 70 गुना मिलता है
- रमजान का रोजा बरकत का महीना है ऐसे में दिन भर रोजा रखकर शाम को ईशा एंव तरावीह की नमाज पढ़कर आप अपने सभी पिछले गुनाह की माफ़ी मागते है तो इस बरकत के महीने में अल्लाह पाक आपके गुनाह को माफ़ कर देता है क्योकि यह बरकत का महीना है एंव अल्लाह पाक बेशक रहम दिल वाला
- रोजा रखने से शारीरिक फायदा भी है जैसे दिन भर रोजा रहने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है एंव दिल से जुडी बीमारी को इससे काफी फायदा मिलता है
- रोजा रखने से गरीब जिनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है उनके भूख प्यास का एहसास होता है ऐसे में दान पुण्य पैसे वाले करते है और इस्लाम में जकात फितरा, दान पुण्य को इस नाम से जानते है
- रोजा रखने के नुकसान कुछ नहीं है लेकिन रोजा रखने के लिए अल्लाह पाक का डर इस्लाम धर्म से प्रेम होना जरुरी है क्योकि ऐसे बहुत से मुस्लिम भाई रोजा नहीं करते है साथ ही वह रोजेदार के सामने खाते पीते है ऐसे करने से बचे और रमजान के 29 या 30 रोजे रखने की नियत करे
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