क्या आप परेशानी या Musibat ki Dua तलाश रहे है तो आज आपकी तलाश ख़तम हो गई क्युकी आज की इस पोस्ट को आप को सिखने को मिलने वाला है Musibat ki Dua क्या है, इस दुआ को कब पढ़ा जाता है?, और आपको एक ऐसी दुआ मै बताऊंगा जो किसी भी तरह का परेशानी और मुसीबत के वक़्त पढ़ सकते है.
आज की दुनिया में शायद ही कोई ऐसा इन्सान होगा जो मुसीबत का सामना नहीं किया हो, क्युकी जब परेशानी छोटी होती है तो ज्यादा तकलीफ नहीं होता लेकिन जब बड़ा परेशानी सामने आ जाता है तो समझ ही नहीं आता की इस मुसीबत से छुटकारा कैसे पाए.
इसीलिए इस पोस्ट में आपको Musibat se Bachne ki Dua और इसका तरीका details में बताया गया है जिसे अगर अपनाया जाए तो परेशानी और मुसीबत से बचा जा सकता है.
Musibat ki Dua (मुसीबत की दुआ)
आप इन्टरनेट पर “musibat ki dua” सर्च करके बहुत सारे वेबसाइट पर गए होंगे और वह पर आपको अलग अलग दुआ पढने को मिलता है लेकिन उस दुआ को पढने से भी आपकी परेशानी हल नहीं मिल रहा है.
तो सबसे पहले अल्लाह ता’अला पर तवक्कुल करना होगा और अपने दिल व दिमाग में समझ लेना होगा की अल्लाह ही किसी बन्दे को मुसीबत में मुब्तला करता है और अल्लाह ही उस मुसीबत से छुटकारा देता है.
अब्दुल्लाह बिन कुयब रजी अल्लाह अन्हो एक अल्लाह के रसूल सल्लाह अलैहे वसल्लम से अर्ज़ की हुज़ूर मै क्या पढू परेशानी को दूर करने के लिए, मुसीबत को टालने के लिए.
तो अल्लाह के रसूल फरमाते है के तुम हर सुबह और शाम तिन तिन बार के अज्कार करो जो निचे बताया गए है.
दिल में नियत करने के बाद के निचे बताए गए हर एक स्टेप को ध्यान से follow करेंगे तो इंशाल्लाह आपकी मुसीबत ख़त्म हो जाएगी.
Musibat ki Dua in Hindi के लिए निम्न लिखित कदम उठाए.
- सबसे पहले 1 या 3 या 5 बार दरूद शरीफ पढ़े.
- 3 बार सुरह इखलास पढ़े.
- 3 बार सुरह फलक पढ़े.
- 3 बार सुरह नास पढ़े.
- फिर 1 या 3 या 5 पर दरूद शरीफ पढ़े.
ये वजीफा या अज्कार कोई भी मुसीबत में पढ़ा जा सकता है.
Pareshani ki Dua
अगर आप dua भी पढ़ना चाहते है तो ये दुआ पढ़े
Pareshani ki Dua पढने के फायदे
परेशानी की दुआ पढ़ने से बहुत सारे फायदे होते है लेकिन यहाँ पर कुछ फायदे बताए गए है.
- अगर आप बीमार हो गए तो बीमारी ने ठीक होने के लिए पढ़े.
- इसे पढने से बच्चो की नज़रबाद ठीक हो जाता है
- अंधी और तूफान आए तो ये दुआ पढ़े
- अगर किसी पर जादू हो गया है तो जादू भी ख़तम हो जाता है
Musibat ki Dua कब पढ़ा जाए?
Musibat se bachne ki dua को पढने के लिए कोई भी फिक्स नहीं है, लेकिन बेहतर ये की सुबह और शाम को पढ़े. सुबह फजर के नमाज़ के बाद और शाम मग़रिब के नमाज़ के बाद पढ़े.
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Mushkil aur Pareshani ke Waqt ki Dua
जजाकल्लाह आप ने ये दुआ के जरिए दीन की बात हम तक पहुंचाई अल्लाह आप को दुनिया आखिरात में बेहतरीन बदला नसीब फरमाए और आप के लिए ये दुआ सदका ए जरिया बने आमीन
Thankyou so much
Meri biwi ki kokh bandhwadi hai kisi ne mere khayal se is liye hamal pet me nahi rukta iska hal batay please
Me help krugi