क्या जब आप मुश्किल आता है तो Mushkil aur Pareshani ke Waqt ki Dua पढ़ते है, या टेंशन लेते रहते है.
कोई बात आज की पोस्ट mushkil waqt ki dua आपको सीखा देगा की क्यों ये दुआ इतना जरुरी है और ये dua नहीं पढ़ने से कितना कुछ खो रहे है.
तो चलिए जानते है Pareshani ke Waqt ki Dua क्या है, और इसे कैसे पढ़ा जाता है.
Mushkil Waqt ki Dua (मुश्किल वक़्त की दुआ)
Mushkil aur Pareshani ke Waqt ki Dua पढने के लिए निचे दिया गया है जिससे पढ़कर आप याद कर सकते है क्युकी बहुत छोटी दुआ है. क्युकी जब आपको दुआ याद रहेगा तो अगले बार जब मुश्किल वक़्त आए तो वेबसाइट ओपन करने की जरुरत न पड़े.
श्किल वक़्त में ही इंसान चीजो की अहमियत जान पता है। परशानी दूर करने की दुआ बिना मुश्किलों के खुशी भी बेरस लगती है। लेकिन कुछ मुश्किल आपकी जिंदगी से बड़ी हो जाती है। कुछ मुश्किल आपको जिंदगी जीने नहीं देती।
Mushkil aur Pareshani ke Waqt ki Dua का हदीस
अल क़ुरान : जिन लोगों ने अल्लाह और उसके रसूल का हुक्म माना , इसके बावजूद के उन्हे ज़ख़्म लगे हुए थे , जो उनमें से नेक और परहेजगार हुए उनके लिए बड़ा अजर है , जिन्हे (मुनाफ़िक़) लोगों ने कहा की लोगों ने (मुशरिकों और काफिरों ने ) तुम्हारे मुक़ाबले के लिए सामान जमा किया है , इसलिए तुम उनसे डरो तो (ये सुनकर) उनका ईमान और ज़्यादा हो गया और वो कहने लगे की हसबुनअल्लाहु वा निमल वकील ( हमको अल्लाह काफ़ी है और वो बेहतरीन कारसाज़ है)
सुराह आल-ए-इमरान , आयात 172-173
मुश्किल की दुआ कैसे पढ़ा जाता है?
mushkil waqt ki dua क्या है अपने ऊपर पढ़ लिया मुझे उम्मीद है की अपने dua को याद भी कर लिया होगा. अब जानते है की इस dua को कैसे पढ़ा जाए तो जब आपको लगे मुश्किल वक़्त में हूँ या परेशानी की वक़्त आने वाली है तो ये dua को फ़ौरन पढ़ ले.
आप निचे कमेंट में बताए की Pareshani ke Waqt ki Dua आपको कैसे लगा.
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