Shab E Qadr Kab Hai | यहाँ जाने शब ए कद्र की खास बाते

क्या आपको भी शबे कद्र यानि लैलतुल-क़द्र की इन्तेज़ार है? और यहाँ पर Shab E Qadr Kab Hai यह जानने के लिए आए है। और इस्लाम धर्म मे शब ए कद्र की रात का महत्व क्या है? अगर यह जानना चाहते है तो आप बिलकुल सही जगह पर आए हो।

यह अल्लाह की मेहरबानी से इस्लाम धर्म मुस्लिमों के लिए खास रात मानी जाती है, इस रात मे मुस्लिम समुदाय के लोग पूरी रात इबादत करते है, और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते है।

ऐसा भी कहा जाता है, इस रात को की गई इबादत से 83 साल और 4 महीनों का सवाब मिलता है, तो चलिए दोस्तों जानते है शब ए कद्र कब है? और इस रात का कितना महत्व है।

शब ए कद्र क्या है?

शब-ए-कद्र इस्लामी कैलेंडर के अनुसार वर्ष का 9वा महीना होता है। जिसे रमज़ान का महीना कहा जाता है। यह शाबान के बाद आता है और सव्वाल से पहले आता है। शब-ए-कद्र का मतलब ‘कद्र का महीना‘ होता है।

कुरआन के अनुसार रमज़ान के आखिरी अशरे की कोई भी रात हो सकती है। हदीस में यह रात आम तौर से 27वे रमज़ान और आखरी १० दिन में की भी मानी जाती है जिसमें मुसलमान जागते हैं और अपने गुनाहों के लिए अल्लाह से क्षमा माँगते हैं।

Shab E Qadr की रात को इस्लाम में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस रात को अल्लाह की रहमत और बरकत से भरी रात माना जाता है। इस रात में की गई इबादत का सवाब हजारों महीनों की इबादत के बराबर होता है। इस रात में अल्लाह तआला अपनी रहमत से अपने बंदों को मगफिरत फरमाते हैं।

शब ए कद्र की रात क्या पढ़ा जाता है?

दोस्तों शब ए कद्र की रात सबसे पाक और इस्लामिक कैलंडर मे शामिल होती है, ऐसा भी कहा जाता है, इस रात के जागने पर और दुआ मांगने पर कोई भी जायज दुआ कुबूल हो जाती है।

इंग्लिश मे शब ए कद्र की रात को नाइट ऑफ पावर, नाइट ऑफ डिक्री, या नाइट ऑफ वैल्यू भी कहा जाता है, लेकिन इस रात को मुस्लिम लोग क्या पढ़ते है, ये जानना बेहद जरूरी है।

दोस्तों रात में शब ए कद्र की नमाज़ पढ़ा जाता है, तो चलिए जानते है। किस तरह से इस नमाज को पढ़ा जाता है।

  • सबसे पहले 2 रकात नमाज की नियत करे, जिसे नफिल नमाज कहा जाता है, इस नमाज अल्हमदू की सूरत के साथ इसके बाद इन्ना अंजलना लेलातूल कद्र की सूरत पढ़ कर फिर सूरह इखलास पढे, फिर सलाम फेर कर दुआ मांग ले।
  • अब इसके बाद आपको 4 रकात नफिल नमाज की नियत को करना है, इसमे भी अल्हमदू की सूरत पढ़ कर हर रकात मे तीन बार इन्ना अंजलना लेलातूल कद्र की सूरत को पढ़ना है।
  • फिर उसी नमाज मे 7 बार सूरह इखलास की सूरत को पढ़ना है, इसकी बरकत से अल्लाह काफी सवाब देगा और मौत की सख्ती से बचाएगा।
  • अब इसके बाद आपको 3 रकात नफिल नमाज को भी इसी तरह से पढ़ना है, और अल्लाह से अपने रिश्तेदारों और मुस्लिम भाइयों जो इंतेकाल कर गए उनकी बख्शीश की दुआ करनी है।
  • फिर आपको फ़जर की नमाज से पहले 4 रकात नफिल नमाज को अदा करना है, लेकिन इस नमाज को आप सिर्फ एक सलाम से पढ़ सकते है, इसमे आप इन्ना अंजलना की सूरत को 5 या 6 बार पढ़ सकते है, उसके बाद सूरह इखलास पढ़ कर दुआ कर लेना है।

Shab E Qadr Kab Hai?

शब-ए-क़द्र की रात को मनाने के लिए मुसलमान लोग रमज़ान के आखिरी दस दिनों में, विशेष रूप से 21वीं, 23वीं, 25वीं, 27वीं और 29वीं तारीख की रात को इबादत, नमाज, कुरान की तिलावत, दुआ और ज़िक्र आदि करते हैं। इस रात को लोग जागते हैं और अल्लाह से अपनी दुआओं को मांगते हैं।

Shab E Qadr की रात का महत्व इस्लाम में इस कदर है कि हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया है कि “जो शख्स शबे क़द्र में इबादत करता है उसे अल्लाह तआला की तरफ से एक हजार महीने की इबादत का सवाब मिलता है और उसके गुनाह माफ़ कर दिए जाते हैं।

नाज़रीन Shab E Qadr Kab Hai? यह जानने से पहले आपको यह मालूम होना चाहिए की रमजान कब है? क्युकी जब यह मालूम हो जायेगा फिर आप रमजान के 21वीं रोज़े से शब ए कद्र की शुरुआत हो जाती है।

बेहतर समझने के लिए आपको निचे टेबल बनाया जा रहा है। जिसमे आपको अच्छी तरह से फाइनल डेट मालूम चल जायेगा।

शाबान 30 दिनों का होने पर – 02 अप्रैल

मैंने पिछले ब्लॉग में रमजान की मुकम्मल जानकारी दिया हूँ। अगर शाबान 30 दिनों का हुआ तो पहली रमजान 12 मार्च को होगा। अगर 29 दिनों का शाबान हुआ तो पहली रमजान 11 मार्च का होगा।

इस्लामिक तारीखअंग्रेजी तारीख
01 रमजान12 मार्च
0213
0314
0415
0516
0617
0718
0819
0920
1021
1122
1223
1324
1425
1526
1627
1728
1829
1930
2001 अप्रैल
2102 शबे कद्र की रात
2203
2304 शबे कद्र की रात
2405
2506 शबे कद्र की रात
2607
2708 शबे कद्र की रात
2809
2910 शबे कद्र की रात
3011

जरूरी सवाल जवाब

शब ए कद्र में कौन सी नमाज पढ़े?

दोस्तों शब ए कद्र की रात को लैलतुल-क़द्र की नमाज या जिसे नफली नमाज की इबादत भी कहा जाता है, उसमे यही नमाज अदा की जाती है।

शब ए कद्र में कौन सी दुआ पढ़नी है?

शब ए कद्र की रात को इस दुआ को पढ़ते रहना चाहिए अल्लाहुम्मा इन्नाका अफुव्वुन तुहिब्बुल अफवा फअफु अन्नी

शब ए कद्र में हमें क्या करना चाहिए?

शब ए कद्र मे मुस्लिम लोगों मे पुरुष मस्जिद मे जाकर एतकाफ मे 10 दिन के लिए बैठ जाते है और इस रात की भी इबादत करते है, इसके अलावा औरते घर मे एतकाफ मे बैठ जाती है।

आज की आखिरी बात

दोस्तों उम्मीद है, आपको Shab E Qadr Kab Hai? पोस्ट पढ़कर बेहद अच्छा लगा होगा, मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश की पूरी जानकारी को आपको दिया हूँ, इसके अलावा इस रात का कितना महत्व है, ये भी आपको बताया हूँ।

मुस्लिम धर्म मे शब ए कद्र की रात को बड़ी अफजल और अव्वल रात भी माना जाता है, आशा है दोस्तों मेरी द्वारा जानकारी को अपने पढ़ा होगा, यदि ये पोस्ट अच्छा लगा तो अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को शेयर कर सकते है, अथवा इस पोस्ट मे कोई डाउट है, तो नीचे कमेन्ट बॉक्स मे मैसेज कर सकते है।

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