शबे क़द्र की रात मुसलमानों के लिए एक बहुत बड़ा अहम दिन होता जिसमे हम लोग रातभर इबादत करके अपने गुनाहों की मग्फेरत Shab E Qadr ki Dua पढ़कर मांगते है तो अल्लाह सुभानाल्लाह ता’अला हमारी दुआ जरुर कबूल करता है.
आज की इस पोस्ट में आपको Laylatul Qadr Dua या Shab E Qadr ki Dua को पढने और सिखने को मिलने वाला है.
क़ुर्बान जाईये हम सब के आका हुजूर सल्लाहु अलैहि वसल्लम की जाते गिरामी पर जिन्होने हमें क़दम क़दम पर जीने का सही तरीका बताया और ऐसी तालीम अता फ़रमाई की जिसपे अमल करके है हम अपनी जिंदगी और आख़िरत दोनों को संवार सकते है.
Shab E Qadr ki Dua
Shab E Qadr ki Dua को आप याद कर ले या जब आप दुआ मांगने लगे तो इस दुआ को देखकर पढ़कर भी दुआ मांग सकते और अपने गुनाहो की मगफेरत करवा सकते है.
हज़रत आयशा सिद्दीक़ा रज़ियल लाहु तआला अन्हा ने हुज़ूर (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) से एक बार सवाल किया “ या रसूलल लाह अगर मुझे किसी रात के बारे में ये मालूम हो जाये कि ये लैलतुल क़द्र की रात है तो मैं उस में क्या करूँ” आप (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया कि तुम उस वक़्त में ये दुआ पढ़ो.
लैलतुल क़द्र पर फ़रिश्तो का नुज़ूल होता है और रहमत की बारिश होती है इस मुबारक रात में! तो इस मुबारक रात को यूँही ना गवाईये ! बल्कि इबादत में गुजारिये और अल्लाह तबारक वतआला से रो-रोकर मग़फ़िरत की दुआ कीजिये ! क्या पता अगले साल हमें नसीब हो नहो.
हुज़ूर सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया “जो शख्स शबे क़द्र में ईमान की हालत में और सवाब की नियत से (इबादत के लिए ) खड़ा हो तो उसके तमाम गुनाह माफ़ कर दिए जायेंगे”
एक रात ऐसी भी है जो हज़ार महीनों से बेहतर है जो शख्स इस रात से महरूम रह गया, गोया तमाम की तमाम भलाई से महरूम रह गया और इस की भलाई से महरूम नहीं रहता मगर वह शख्स जो हक़ीक़तन महरूम है।
ऐ हमारे प्यारे प्यारे अल्लाह ! अपने प्यारे हबीब सल्लाहु अलैहि व सल्लम के सदके तुफैल में हम गुनाहगारों को लय-लतुल क़द्र की बरकतों से मालामाल कर और ज्यादा से ज्यादा अपनी इबादत की तौफीक अता फ़रमा।
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आज अपने सीखा की Shab E Qadr ki Dua in Hindi क्या है और इसे पढने से क्या होता है और इसे कब पढने है अगर ये पोस्ट आपको अच्छा लगा होगा तो अपने social media में जरुर शेयर करना. और doubts हो तो निचे कमेंट करे.