अस्सलाम अलैकुम, आज हम जानेंगे कि फजर की नमाज़ का तरीका क्या है और फजर की नमाज़ को कैसे पढ़ा जाता है हम इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे, और इसे समझने का प्रयास करेंगे।
Hello दोस्तों मैं आपका NamazQuran में Welcome करता हूं आज हम फजर की नमाज़ के तरीके , नमाज़ का टाइम , नमाज़ का फजीलत , और अदब के बारे में चर्चा करने वाले हैं, हम इससे जुड़े और कई तथ्यों को भी जानेंगे जैसे –
- नमाज़े फजर की फ़ज़ीलत
- नमाज़े फजर की नियत का तरीक़ा
- अगर फजर की नमाज़ छूट जाये तो क्या करें?
- फज्र में कौन कौन सी सूरतें पढ़ें
- फजर की नमाज का टाइम कब तक रहता है?
- फज्र की नमाज़ कितनी रकत होती है?
- फजर की नमाज़ कितने बजे होती है?
- फजर की नमाज़ कब तक पढ़ सकते है?
- फजर की अज़ान कितने बजे होती है?
- फजर की नमाज़ का वक्त कब खत्म होता है?
- फजर की नमाज पढ़ने से क्या होता है?
- फर्ज नमाज के बाद दुआ कैसे करें?
- सुबह की नमाज कितनी रकात होती है?
हम मुसलमानों को दिन की शुरुआत फजर की नमाज़ के साथ होनी चाहिए, फजर की नमाज़ बहुत फजीलत वाली है।
फजर की नमाज़ का तरीका
फजर की नमाज़ पढ़ने के लिए सबसे पहले वज़ू कर ले फिर क़िबला रु खड़े हो जाए और सबसे पहले आप 2 रकअत सुन्नत पढ़े फिर 2 रकअत फ़र्ज़ पढ़े।
फजर की 2 रकात सुन्नत पढ़ने का तरीका
फजर की 2 रकअत सुन्नत पढ़ने के लिए आप को सबसे पहले नियत करना होगा, नियत का तरीका निचे दिया गया है।
फजर की 2 रकात सुन्नत की नियत
नियत की मैंने दो रकत नमाज़ फजर की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर
नमाज़ की पहली रकात
- सबसे पहले आप सना पढ़ें यानि सुब्हानका अल्लहुमा वबी हमदिका
- दूसरा ताउज पढ़ें यानि के आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़ें
- सूरह फातिहा पढ़ें यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें
- क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें
उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें।
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें।
फिर आप खड़े हो जाए दूसरा रकात पढ़ने के लिए।
नमाज़ की दूसरी रकात
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ दूसरे रकात में सिर्फ आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें।
इसके बाद आप रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुके में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक बार रब्बना लकल हम्द भी कहें।
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ जैसे नमाज़ में बैठते है।
सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें।
उसके बाद एक मर्तबा दरूदे इब्राहिम पढ़ें।
उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें।
और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें।
इस तरह से आपकी फजर की 2 रकात सुन्नत पूरी हो गयी।
फजर की 2 रकात फर्ज पढ़ने का तरीका
अगर आप फजर की फ़र्ज़ नमाज़ अकेले पढ़ रहे है तो जिस तरह से सुन्नत के बारे ऊपर सीखा है उसी तरह से फ़र्ज़ की नमाज़ हो जाएगी। अगर इमाम के पीछे फ़र्ज़ की नमाज़ पढ़ रहे है तो निचे बताए गए स्टेप को फॉलो करे।
फजर की 2 रकअत फ़र्ज़ पढ़ने के लिए आप को सबसे पहले नियत करना होगा। नियत का तरीका निचे दिया गया है।
फजर की 2 रकात फर्ज की नियत
नियत की मैंने दो रकत नमाज़ फजर की फज्र के अल्लाह तआला के वास्ते मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर
नमाज़ की पहली रकात
सबसे पहले आप इमाम के पीछे खड़े हो जाए फिर बसे पहले आप सना पढ़ें यानि सुब्हानका अल्लहुमा वबी हमदिका। फिर दूसरा ताउज पढ़ें यानि के आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़ें | इसके बाद आप चुप हो जाए इमाम की अल्हम्दो लिल्लाहे सुने फिर सूरह सुने।
इसके बाद आप रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुके में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर इमाम बोलेगा समी अल्लाह हुलेमन हमीदा तो आप कहेंगे रब्बना लकल हम्द फिर अल्लाह हुअक्बर कहते हुए सजदे में चले जाए।
सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें।
नमाज़ की दूसरी रकात
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ दूसरे रकात में आपको चुप रहना है
इमाम जब अल्हम्दो लिल्लाहे और सूरह पढ़ लेगा तो अल्लाह हुअक्बर कहते हुए रुकू में चले जाओ।
इसके बाद आप रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुके में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर इमाम बोलेगा समी अल्लाह हुलेमन हमीदा तो आप कहेंगे रब्बना लकल हम्द फिर अल्लाह हुअक्बर कहते हुए सजदे में चले जाए।
सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें | फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ।
सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें।
उसके बाद एक मर्तबा दरूदे इब्राहिम पढ़ें।
उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें।
और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें।
इस तरह से आपकी फजर की 2 रकात फ़र्ज़ पूरी हो गयी।
फजर की नमाज़ जमाअत के खड़े हो गया तो क्या करे?
मस्जिद में दाखिल होने के बाद अगर जमात खड़ी हो और जमाअत पाने का थोड़ा भी Chance हो तब भी सुन्नत को छोड़ कर जमात में शामिल नहीं होना चाहिए। जबकि दूसरी सुन्नतों के बारे में यह है की अगर जमात खड़ी हो जाये तो सुन्नत छोड़ कर फ़र्ज़ नमाज़ जमाअत में शामिल हो जाए।
Frequently Asked Questions (FAQs)
फजर की सुन्नत में कौन सी सुरत पढ़े?
फजर की सुन्नत की पहली रकअत में अल्हम्दु लिल्लाहे के बाद “कुल या अय्युहल काफ़िरून” और दूसरी रकात में अल्हम्दु लिल्लाहे के बाद “कुल हुवल्लाहु अहद” पढ़ना मस्नून है।
क्या फजर की नमाज़ के बाद कोई नमाज़ पढ़ सकते हैं?
फजर की नमाज़ पढ़ने के बाद सूरज निकलने तक कोई भी सुन्नत और नफिल नमाज़ नहीं पढ़ना चाहिए। सूरज निकलने के बाद सुन्नत या नफिल नमाज़ पढ़ सकते है।
फजर की नमाज़ क़ज़ा हो जाए तो क्या करे?
अगर आपकी फजर की नमाज़ छूट जाए तो उसकी क़ज़ा पढ़ लेना चाहिए। फजर की नमाज़ की क़ज़ा पढ़ना चाहते हो तो sunrise (सूरज निकलने) के 20 मिनट के बाद पढ़ सकते है , या जब आपका दिल चाहे पढ़ सकते है इसमें कोई मसला नहीं है। लेकिन क़ज़ा नमाज़ की अदायगी जल्द से जल्द कर लेना चाहिए।
सुबह की नमाज कितनी रकात होती है?
सुबह की नमाज़ मतलब फजर की नमाज़ 4 रकात होती है। 2 रकअत सुन्नत होती है और 2 रकात फ़र्ज़ होती है।
अगर फज्र की नमाज़ छूट जाये तो क्या करें ?
अगर आपसे फ़र्ज़ की नमाज़ छूट जाए तो उसकी क़ज़ा पढ़ लेना चाहिए और जितना जल्दी हो क़ज़ा पढ़ लेना चाहिए।
फजर की नमाज का टाइम कब तक रहता है?
फजर की नमाज़ का आखिरी वक्त सूरज निकलने से पहले तक होता है, यानि सूरज निकलते ही फजर की नमाज़ का टाइम ख़तम हो जाता है। सूरज निकलने के बाद फजर की नमाज़ नहीं पढ़ सकते है।
फजर की नमाज़ कब तक पढ़ सकते है?
फजर की नमाज़ कब तक पढ़ सकते है, जब तक सूरज नहीं निकल जाता तब तक फजर की नमाज़ पढ़ सकते है।
फजर की नमाज़ कितने बजे होती है?
जब शहर का वक्त शुरू होता है तभी से फजर का भी वक्त शुरू हो जाता है।
फजर की नमाज पढ़ने से क्या होता है?
अल्लाह ताला फरमाते जिसने फजर की नमाज़ पढ़ लिया उसका जिम्मा (responsibility) हम लेते है। अगर आप नमाज पढ़ते है तो आपका शरीर अच्छा रहेगा क्योकि नमाज पढ़ने से आपके पूरे शरीर की एक्सरसाइज हो जाती है जिसे की आपका शरीर स्वस्थ्य रहेगा।