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वित्र की नमाज़ पढ़ने का तरीका क्या है | Witr ki Namaz ka Tarika in Hindi

Witr ki Namaz ka Tarika: हेल्लो दोस्तों आज मै आपको वित्र की नमाज़ पढ़ने का तरीका के बारे में बताऊंगा की वित्र की नमाज़  क्या है और इसका तरीका क्या है और दुआए कुनुत की दुआ और दुआए कुनुत की तर्जुमा और वित्र की नमाज़ जमाअत के साथ कब पढ़ सकते ही तो चलिए शुरू करते है

वित्र एक इस्लामी इबादत है और इस इबादत को रात के वक्त किया जाता है। वित्र की नमाज़ दिन भर की 5 नमाजो की तरह फर्ज नहीं होती, बल्कि यह नमाज़ वाजिब होती है।

वित्र की नमाज़ को पढ़ने के कई तरीके हैं, अगर कोई चाहे तो 3 रकात नमाज वित्र भी पढ़ सकता है और चाहे तो 11 रकात नमाज वित्र भी पड़ सकता है या फिर अपनी इच्छा के हिसाब से बताए हुए अलग-अलग तरीकों से वित्र की नमाज पढ़ी जा सकती है।

आप चाहें तो वित्र की नमाज़ ईशा के फौरन बाद पढ़ सकते हैं और चाहें तो सोने से पहले वित्र की नमाज़ भी पढ़ी जा सकती है या फिर रात के आखिरी वक्त यानी सुबह सादिक़ से पहले भी वित्र की नमाज़ पढ़ी जा सकती है।

आप जिस तरह भी वित्र की नमाज़ पढ़ें, लेकिन यह बहुत जरूरी है कि आप की नियत दुरुस्त हो


वित्र नमाज़ की नियत कैसे करे (Witr Namaz ki Niyat)


वित्र की नमाज़ की नियत आप अरबी उर्दू और हिंदी में कर सकते हो आपको जिस भाषा में वित्र की नयात याद आप पढ़ सकते है। अगर हिंदी में पढ़ना चाहते है तो निचे दिया गया है।

नियत की मैंने तीन रकअत नमाज़ वित्र वाजिब की ! वास्ते अल्लाह तआला के ! वक्त इशा का ! मुह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ ! अल्लाहु-अकबर ।


वित्र की नमाज़ पढ़ने का तरीका (Witr ki Namaz ka Tarika)


वित्र की नमाज़ में कुल तीन रकातें होती हैं दो रकातें पढ़ कर बैठ जाये और फिर अत्ताहिय्यात पढ़ कर खड़ा हो जाये उसके बाद फिर सूरह फातिहा और कोई सूरत पढ़ने के बाद अल्लाहु अकबर कह कर अपने हांथो को कन्धों तक उठायें और फिर हाथ बाँध ले और फिर दुआए क़ुनूत पढ़े |

वित्र की नमाज़ ईशा की फ़र्ज़ नमाज़ के बाद कभी भी पढ़ सकते है। वित्र की नमाज़ पढ़ने का तरीका Step by Step बताया गया है।

वित्र की नमाज़ पढ़ने से सबसे पहले नियत करें जो ऊपर दिया गया है।

वित्र की नमाज़ की पहली रकात

  1. सबसे पहले आप सना पढ़ें यानि सुब्हानका अल्लहुमा वबी हमदिका
  2. दूसरा ताउज पढ़ें यानि के आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़ें |
  3. सूरह फातिहा पढ़ें यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें |
  4. क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें |

उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें

फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें |

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें |

फिर आप खड़े हो जाए दूसरा रकात पढ़ने के लिए

वित्र की नमाज़ की दूसरी रकात

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ दूसरे रकात में सिर्फ आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें|

इसके बाद आप रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुके में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें |

फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक बार रब्बना लकल हम्द भी कहें |

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ जैसे नमाज़ में बैठते है |

जब आप मुकम्मल तरीके से बैठ जाएँ तो अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुवे अपने शहादत ऊँगली को उठायें फिर अल्लाहु अकबर कहते हुवे तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएँ |

वित्र की नमाज़ की तीसरी रकात

तीसरी रकात में भी सबसे पहले आप बिस्मिल्लाहहिर्रहमा निर्रहीम पढ़ें इसके बाद सूरह फातिहा पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें |

यहाँ आप रुकू में ना जाएँ बल्कि अल्लाहु अकबर कहते हुए अपने दोनों हांथों को कानो के लॉ तक ले जाएँ और फिर अपने नाफ के निचे हाथ बाँध लें |

हाँथ बाँधने के बाद एक मर्तबा आप Dua E Qunoot पढ़ें |

दुआ ए क़ुनूत की दुआ (Dua Qunoot)

नमाज़ में पढ़ी जाने वाली दरूदे इब्राहिम
Daroode Ibrahim

दुआ ए कुनूत की दुआ हिंदी में

अल्लाहुम्मा इन्ना नस्तईनु क व नस-तग़-फिरू- क व  नु’अ मिनु बि-क व न तवक्कलु अलै-क व नुस्नी अलैकल खैर * व नश कुरु-क वला नकफुरु-क व नख्लऊ व नतरुकु मैय्यफ-जुरूक * अल्लाहुम्मा इय्या का न अ बुदु व ल-क- नुसल्ली व नस्जुदु व इलै-क नस्आ व नह-फिदु व नरजू रह-म-त-क व नख्शा अज़ा-ब-क इन्ना अज़ा-ब-क बिल क़ुफ़्फ़ारि मुलहिक़ *

अगर किसी को दुआ ए क़ुनूत याद न हो ये दुआ पढ़े

रब्बना आतैना फिद दुनिया हस न तौ वाफिल आखिरति हस नतौ वाकिना अज़ाबननार

जिस आदमी को ये भी दुआ याद न हो तो ये दुआ तिन बार पढ़े

अल्लाहुम फग्फिल्ली

उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें |

फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुवेहुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें |

फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें |

सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें |

उसके बाद एक मर्तबा दरूदे इब्राहिम पढ़ें |

उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें

और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें |


वित्र की नमाज़ कब जमाअत के साथ पढ़ सकते है


वित्र की नमाज़ जमाअत के साथ सिर्फ रमजान शरीफ में पढ़ी जाती है. इसके आलावा जमाअत के साथ पढ़ना मकरूह है. बलके उस मुबारक महीने में जमाअत ही से पढ़ना मुस्तहब है.

जिसने ईसा की फ़र्ज़ नमाज़ जमाअत के साथ नहीं पढ़ी तो वह वित्र की नमाज़ तनहा पढ़े अगर तरावीह जमाअत के साथ पढ़ी तो भी वित्र की नमाज़ तन्हा पढ़े.


वित्र की नमाज़ के कुछ मसाइल


दुआए कुनुत हमेसा हर सख्स आहिस्ता पढ़े खवाह वह इमाम हो या मुक्तदी- नमाज़ कज़ा हो या अदा – रमजान में हो या और दिनों में

वित्र के सिवा और किसी नमाज़ में दुआए कुनुत न पढ़े – हाँ अगर कोई हादसा हो तो फज़र में भी पढ़ सकते है और इसमें भी जाहिर ये है के रुकू से पहले पढ़े जैसा के वित्र में पढ़ा जाता  है.

अगर दुआए कुनुत भूल जाये और रुकू में याद आए तो न रुकू में पढ़े न कयाम की तरफ लौट कर खड़े हो कर पढ़े बलके छोड़ दे- और आखिर में सिजदा सहु करले नमाज़ हो जाएगी.

वित्र की तीनो रकअत में करायत फ़र्ज़ है और हर रकअत में अलहम्दो के बाद सूरत मिलाना वाजिब है.

वित्र की नमाज़ बैठ कर नहीं पढ़ सकते है.

अगर आप भूल कर नमाज़े वित्र ईशा से पहले पढ़ ली तो आपकी नमाज़ मुक़म्मल हो जाएगी |


Witr ki Namaz ka Tarika in Video


अगर आपको Witr ki Namaz ka Tarika Video में देखना चाहते है तो निचे इस वीडियो को प्ले करके देख सकते हो।

Witr ki Namaz ka Tarika

Frequently Asked Questions (FAQs)


वित्र की नमाज़ कितनी रकात होती है।

वित्र की नमाज़ तीन रकात होती है जो नमाज़ ईशा के बाद अकेला पढ़ी जाती है। और रमजान में इमाम के साथ पढ़ा जाता है।

क्या वित्र की नमाज़ ईशा की नमाज़ से पहले पढ़ सकते है ?

वित्र की नमाज़ ईशा की नमाज़ से पहले नहीं पढ़ सकते है। अगर आप भूल कर नमाज़े वित्र ईशा से पहले पढ़ ली तो आपकी वित्र की नमाज़ मुक़म्मल हो जाएगी |

वित्र की नमाज़ का वक्त कब से कब तक रहता है

वित्र की नमाज़ का वक़्त ईशा से लेकर फज़र से पहले तक रहता है लेकिन बेहतर ये है कि उसको Tahajjud के बाद पढ़ा जाए लेकिन अगर रात को उठने में किसी तरह की कोई शक हो तो ईशा की नमाज़ के बाद मुक़म्मल कर लेनी चाहिए |

Witr ki Namaz ka Tarika आपको कैसा लगा अगर कोई question है तो निचे कमेंट करे।

Shakil Ahmad

I am Shakil Ahmad Owner of this blog. I have my Team deep knowledge about Islam. I am interested in sharing information related to Islam.

This Post Has 4 Comments

  1. हाशिम हुसैन

    बहुत सही और सरल तरीके से जानकारी दी गयी
    शुक्रिया

  2. HUSSAIN

    Witir ki namaz agar banda se choot jata hai or fajar ji namaz ka waqt ho gaya hai to is haal me Witir kaise adaa kare

  3. HUSSAIN

    Maslan witir ki qaza kaise adaa kare

  4. MFKhan

    Assalamo Alaikum Warahmuttalhi wabarkatohu, sabase pehle to jazakalla, bohot bohot shukriya for the excellent, great efforts, ek small guzarish, upar dua e kunut me arbi me dua ki jagah durude Taz de diya hai use durust karde. Shukriya.

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