Shab E Qadr ki Dua in Hindi, URDU | लैलतुल क़द्र की दुआ

शबे क़द्र की रात मुसलमानों के लिए एक बहुत बड़ा अहम दिन होता जिसमे हम लोग रातभर इबादत करके अपने गुनाहों की मग्फेरत Shab E Qadr ki Dua पढ़कर मांगते है तो अल्लाह सुभानाल्लाह ता’अला हमारी दुआ जरुर कबूल करता है।

आज की इस पोस्ट में आपको Laylatul Qadr Dua या Shab E Qadr ki Dua को पढने और सिखने को मिलने वाला है।

क़ुर्बान जाईये हम सब के आका हुजूर सल्लाहु अलैहि वसल्लम की जाते गिरामी पर जिन्होने हमें क़दम क़दम पर जीने का सही तरीका बताया और ऐसी तालीम अता फ़रमाई की जिसपे अमल करके है हम अपनी जिंदगी और आख़िरत दोनों को संवार सकते है।

Shab E Qadr क्या है?

शब-ए-क़द्र का अर्थ है ‘तक़दीर की रात’ यह रमजान के आखिरी 10 दिनों में आने वाली एक विशेष रात होती है। मान्यता है कि इस रात क़ुरआन की पहली आयतें भेजी गई थीं।

इस रात को ‘लैलतुल क़द्र’ भी कहा जाता है जिसका अर्थ है ‘मान-सम्मान वाली रात’। मुसलमान इस रात को इबादत और रोजे से गुजारते है।

शब-ए-क़द्र के जागरण से अल्लाह की नेमतें प्राप्त होने का विश्वास है। यह रात क़द्र और बरकत से भरपूर मानी जाती है। इसलिए मुसलमान इस रात को बहुत महत्व देते हैं।

Shab E Qadr ki Dua

Shab E Qadr ki Dua को आप याद कर ले या जब आप दुआ मांगने लगे तो इस दुआ को देखकर पढ़कर भी दुआ मांग सकते और अपने गुनाहो की मगफेरत करवा सकते है।

हज़रत आयशा सिद्दीक़ा रज़ियल लाहु तआला अन्हा ने हुज़ूर (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) से एक बार सवाल किया “ या रसूलल लाह अगर मुझे किसी रात के बारे में ये मालूम हो जाये कि ये लैलतुल क़द्र की रात है तो मैं उस में क्या करूँ” आप (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) ने फ़रमाया कि तुम उस वक़्त में ये दुआ पढ़ो।

Lailatul Qadr Ki Dua In Arabic
Lailatul Qadr Ki Dua In Arabic
Shab E Qadr ki Dua in Arabic
اللَّهُمَّ إِنَّكَ عَفُوٌّ كَرِيمٌ تُحِبُّ الْعَفْوَ فَاعْفُ عَنِّي
Shab E Qadr ki Dua in Hindi
अल्लाहुम्मा इन्नका अफुव्वुन तुहिब्बुल अफ्वा फ़अ’फु अन्नी
Lailatul Qadr ki Dua in URDU
الٰہی عزوجل تو بہت معاف فرمانے والا ہے، معاف کرنے کو پسند فرماتا ہے پس مجھے معاف فرمادے۔
शबे क़द्र की दुआ तर्जुमा के साथ
ए अल्लाह ! बेशक तू माफ़ करने वाला है, माफ़ करने को पसंद करता है तो मुझे भी माफ़ फरमा दे (तिरमिज़ी)

लैलतुल क़द्र पर फ़रिश्तो का नुज़ूल होता है और रहमत की बारिश होती है इस मुबारक रात में तो इस मुबारक रात को यूँही ना गवाईये बल्कि इबादत में गुजारिये और अल्लाह तबारक वतआला से रो-रोकर मग़फ़िरत की दुआ कीजिये क्या पता अगले साल हमें नसीब हो न हो।

हुज़ूर सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया “जो शख्स शबे क़द्र में ईमान की हालत में और सवाब की नियत से (इबादत के लिए ) खड़ा हो तो उसके तमाम गुनाह माफ़ कर दिए जायेंगे”

एक रात ऐसी भी है जो हज़ार महीनों से बेहतर है जो शख्स इस रात से महरूम रह गया, गोया तमाम की तमाम भलाई से महरूम रह गया और इस की भलाई से महरूम नहीं रहता मगर वह शख्स जो हक़ीक़तन महरूम है।

ऐ हमारे प्यारे प्यारे अल्लाह अपने प्यारे हबीब सल्लाहु अलैहि व सल्लम के सदके तुफैल में हम गुनाहगारों को लय-लतुल क़द्र की बरकतों से मालामाल कर और ज्यादा से ज्यादा अपनी इबादत की तौफीक अता फ़रमा।

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Conclusion

आज अपने सीखा की Shab E Qadr ki Dua in Hindi क्या है और इसे पढने से क्या होता है और इसे कब पढने है अगर ये पोस्ट आपको अच्छा लगा होगा तो अपने social media में जरुर शेयर करना और doubts हो तो निचे कमेंट करे।

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