अस्सलामु अलैकुम क्या आप भी डाउट में है की शबे बरात के लिए रोजा कब रखे हैं? या कौन सी इबादत करे? शब ए बारात के दिन मुस्लिम लोग क्या करते है, या फिर आप ये सोच रहे है, की वो शब ए बारात की रात मे क्या पढ़ते है।
तो आज की इस पोस्ट मे मुस्लिम लोगों के शब ए बारात जिसको लोग सुबरात भी कहकर पुकारते है, उसी के बारे मे बताया जा रहा है, मुस्लिम लोग इस दिन सुबह से ही इसकी तैयारिओ और इबादत मे मशगूल हो जाते है।
जो की ईशा की नमाज के बाद फिर पूरी रात जाग कर इबादत करते है, तो चलिए जानते है। इस रात को मुस्लिम लोग क्या क्या पढ़ते है, अथवा शब ए बारात का सबसे बड़ा महत्व क्या है?
शब ए बारात क्या है?
शब-ए-बारात इस्लाम धर्म का एक ख़ास पर्व है। जो रमज़ान के महीने के ठीक 15वीं दिन पहले मनाया जाता है। शब-ए-बारात से आशय उस ‘बरकत वाली रात’ से है जिसे इस्लामी परंपरा में वर्णित किया गया है।
मान्यतानुसार, जब पैग़म्बर मोहम्मद साहब को शब-ए-मे’राज पर दिव्य दर्शन हुए थे, तब ख़ुदा ने उनसे कहा था कि रमज़ान के महीने की 15वीं रात एक ऐसी मुबारक रात है कि उस रात मेरी हर बात को स्वीकार किया जाएगा।
इसी संदेश के मद्देनज़र मुसलमान रमज़ान के महीने की 15वीं रात को शब-ए-बारात के रूप में मनाते हैं और रातभर इबादत व ज़िक्र करते हैं। यह एक बहुत ही पावन रात है और मुसलमान इस दिन काफ़ी उत्साह के साथ मनाते हैं।
शब ए बारात की रात में क्या पढ़े
दोस्तों शब ए बारात बहुत बड़ी इबादत की होती है, जिसमे रात को मुस्लिम समुदाये के लोग अल्लाह की इबादत मे मशगूल रहते है, कोई नमाज पढ़ता है, तो कोई अल्लाह से अपने गुनाहों की रो रो कर माफी माँगता है।
कुछ लोग अपने इंतेकाल कर गए लोगों के लिए दुआ करते है, उनकी बख्शीश की दुआ करते है, अथवा कब्रिस्तान मे जाकर उनके लिए फातिहा को पढ़कर बख्शीश की दुआ करते है। तो आइए जानते है, मुस्लिम लोग इस रात को और क्या पढ़ते है।
कुरान पाक की तिलावात करना: इस रात मे कुरान पाक की ज्यादा से ज्यादा तिलावात की जाती है, कुछ लोग ज्यादा से ज्यादा कुरान शरीफ की पारो को मुकम्मल करते है, तो कुछ लोग पूरी रात मे ही पूरा कुरान को मुकम्मल करते है।
दरूद शरीफ को पढ़ना: इस रात को लोग ज्यादा से ज्यादा दरूद शरीफ भी पढ़ते है, दरूद शरीफ का पढ़ना मुस्तहब है, जिसे लोग पढ़कर पैगंबर मोहम्मद साहब पर दरूद भेजते है।
नमाज को पढ़ना: दोस्तों ईशा की नमाज के बाद कुछ लोग अपने घर जाकर शब ए बारात की रात इबादत करते है, तो कुछ लोग मस्जिद मे रह कर नफली नमाज को ज्यादा से ज्यादा से अदा करते है।
अल्लाह से दुआ करना: दोस्तों जब मुस्लिम लोग इस रात को जाग कर नमाज, कुरान और दरूद शरीफ पढ़ते है, तो इसके बाद दुआ भी करते है, कुछ लोग अल्लाह से रो रो कर अपने गुनाहों की बख्शीश करते है, जिससे वो फिर कभी गुनाह करने की कोशिश ना करे।
शब ए बारात पर रोज रखने की परंपरा क्या है?
मुस्लिम समुदाये के लोगों मे शब ए बारात के अगले दिन रोजा रखा जाता है, बेशक से ये रोजा फर्ज रोजा नहीं कहलाया जाता, लेकिन इसको नफली रोजा कहा जाता, जो अपने नफे के लिए अपने गुनाहों को माफ कराने के लिए रखा जाता है।
ऐसा कहा जाता है, इस दिन रोजा का रखने से इस शब ए बारात से पिछले शब ए बारात के सभी गुनाहों को माफ कराने के लिए भी ये रोजा रखा जाता है, लेकिन कुछ मुस्लिमों मे शब ए बारात के अगले दिन और उससे अगले दिन यानि 2 दिन रोजा रखते है।
फिर शब ए बारात से ही 15 दिन बाद रमजान का महिना शुरू हो जाते है, जो की पूरा के महीने के लिए मुस्लिम लोग रोजा रखते है, उसके एक महीने के बाद ईद उल फित्र यानि मीठी ईद होती है।
जरूरी प्रश्न
शबे बरात की रात को क्या क्या पढ़ा जाता है?
2024 में शुभ रात कब है?
शबे बरात में कितनी रकात नमाज पढ़ी जाती है?
शब ए बारात कहां कहां मनाई जाती है?
आज का आखिरी बात
दोस्तों उम्मीद है, आप जान गए होंगे की शब ए बारात की रात को क्या पढे? इसके अलावा आप जान गए होंगे हम इस रात को क्या क्या पढ़ सकते है, मई अपनी कोशिश इसकी पूरी जानकारी को आपको दिया हूँ, अथवा शब ए बारात का क्या महत्व ये भी बताया हूँ।
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