Mushkil aur Pareshani ke Waqt ki Dua 2024

क्या जब आप मुश्किल आता है तो Mushkil aur Pareshani ke Waqt ki Dua पढ़ते है, या टेंशन लेते रहते है।

कोई बात आज की पोस्ट Mushkil Waqt ki Dua आपको सीखा देगा की क्यों ये दुआ इतना जरुरी है और ये Dua नहीं पढ़ने से कितना कुछ खो रहे है।

तो चलिए जानते है Pareshani ke Waqt ki Dua क्या है, और इसे कैसे पढ़ा जाता है।

Mushkil Waqt ki Dua क्या है?

मुश्किल वक्त की दुआ इस्लाम में उस दुआ को कहा जाता है जो किसी मुश्किल समय या परेशानी भरे हालात में पढ़ी जाती है। जब कोई व्यक्ति किसी परेशानी से जूझ रहा होता है, तो वह अल्लाह से मदद मांगता है।

मुश्किल वक्त की दुआ में व्यक्ति अल्लाह से अपनी परेशानियों को दूर करने और आसानी अता करने की प्रार्थना करता है। इसमें अल्लाह से हिदायत और मदद मांगी जाती है।

यह दुआ पढ़ने से व्यक्ति को भरोसा और शक्ति मिलती है कि वह मुश्किलों से निबट सकेगा। मुस्लिम मुश्किल वक्त में इस दुआ का सहारा लेते हैं।

Mushkil Waqt ki Dua (मुश्किल वक़्त की दुआ)

Mushkil aur Pareshani ke Waqt ki Dua पढने के लिए निचे दिया गया है जिससे पढ़कर आप याद कर सकते है क्युकी बहुत छोटी दुआ है. क्युकी जब आपको दुआ याद रहेगा तो अगले बार जब मुश्किल वक़्त आए तो वेबसाइट ओपन करने की जरुरत न पड़े।

श्किल वक़्त में ही इंसान चीजो की अहमियत जान पता है। परशानी दूर करने की दुआ बिना मुश्किलों के खुशी भी बेरस लगती है। लेकिन कुछ मुश्किल आपकी जिंदगी से बड़ी हो जाती है। कुछ मुश्किल आपको जिंदगी जीने नहीं देती।

Mushkil Waqt ki Dua in Arabic
إِنَّا لِلهِ وَ إِنَّا إِلَيْهِ رَاجِعُوْن. اَللّٰهُمَّ أْجُرْنِيْ فِيْ مُصِيبَتِيْ وَاخْلُفْ لِيْ خَيْرا مِنْهَا
Mushkil waqt ki dua with urdu translation
يقینا ہم اللہ ہى كى ملكيت ہیں اور اسى كى طرف لوٹ كر جانے والے ہیں۔اے اللہ مجھے ميرے اس صدمے یا تكليف كا اجر دے اور بدلے ميں مجھے اس سے زيادہ بہتر دے۔(صحیح مسلم)
Mushkil Waqt ki Dua in English
To Allaah we belong and unto Him is our return. O Allaah, recompense me for my affliction and replace it for me with something better

Mushkil aur Pareshani ke Waqt ki Dua का हदीस

अल क़ुरान : जिन लोगों ने अल्लाह और उसके रसूल का हुक्म माना , इसके बावजूद के उन्हे ज़ख़्म लगे हुए थे, जो उनमें से नेक और परहेजगार हुए उनके लिए बड़ा अजर है , जिन्हे (मुनाफ़िक़) लोगों ने कहा की लोगों ने (मुशरिकों और काफिरों ने ) तुम्हारे मुक़ाबले के लिए सामान जमा किया है।

इसलिए तुम उनसे डरो तो (ये सुनकर) उनका ईमान और ज़्यादा हो गया और वो कहने लगे की हसबुनअल्लाहु वा निमल वकील ( हमको अल्लाह काफ़ी है और वो बेहतरीन कारसाज़ है)
सुराह आल-ए-इमरान , आयात 172-173

मुश्किल की दुआ कैसे पढ़ा जाता है?

Mushkil Waqt ki Dua क्या है अपने ऊपर पढ़ लिया मुझे उम्मीद है की अपने दुआ को याद भी कर लिया होगा, अब जानते है की इस दुआ को कैसे पढ़ा जाए तो जब आपको लगे मुश्किल वक़्त में हूँ या परेशानी की वक़्त आने वाली है तो ये दुआ को फ़ौरन पढ़ ले।

Conclusion

उम्मीद है दोस्तों Mushkil Waqt ki Dua का पोस्ट पढ़कर अच्छा लगा होगा, हमने इस पोस्ट मे इस दुआ को पूर्ण रूप से बताया है, अथवा मुश्किल वक्त की दुआ को किसलिए भी पढ़ा जाता है, वो भी बताया है।

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