Dua E Qunoot in Hindi, English | दुआ ए कुनूत हिंदी में 2024

क्या आप जानते है Dua E Qunoot क्या है, दुआ ए क़ुनूत का तर्जुमा क्या है और इस Dua को क्यों पढ़ा जाता है इसको पढने का क्या फायदा है।

अगर आप को भी Dua E Qunoot Hindi English में सीखना में सीखना है इसके साथ इसके फायदे तर्जुमा सीखना है तो आप इस पोस्ट को पढ़ सकते है तो चलिए जानते है।

Dua E Qunoot क्या है?

दुआ ए क़ुनूत भी Dua जैसे इस्लाम में बाकि और दुआ है, लेकिन इस Dua का बहुत ज्यादा फ़ज़ीलत और फायदा है जो आपको निचे बताया गया है। कोई भी Dua को अरबी में पढना चाहिए जब आपको अरबी पढना नहीं आता हो या Arabic में याद न हो तो आप हिंदी, इंग्लिश में पढ़ सकते हो।

लेकिन आपको चिंता करने की जरुरत नहीं है Namaz Quran Blog आपके लिए Dua E Qunoot Arabic, Hindi, English में लेकर आया है बस आपको इस पोस्ट को धयान से पढना है।

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दुआ ए क़ुनूत कब पढ़ी जाती है

Dua Qunoot को आप कभी भी पढ़ सकते हो लेकिन इस Fua को ईशा की वित्र नमाज़ में पढ़ा जाता है। वित्र की तीसरी रकात में अलहम्दो लिल्लाह पढने के बाद पढ़ा जाता है लेकिन अगर यह Dua याद नहीं है तो कोई बात नहीं निचे मैंने बताया हूँ दूसरा Dua भी पढ़ सकते है।

Dua E Qunoot in Arabic

दुआ ए क़ुनूत अरबी में याद करने के लिए निचे Image दिया गया है इसे देखकर याद कर सकते।

Dua e Qunoot In Arabic
Dua e Qunoot In Arabic

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Dua E Qunoot in Hindi

अगर आपको अरबी पढना नहीं आता है या आपको हिंदी में पढना अच्छा लगता है तो आप हिंदी में भी याद कर सकते हो निचे Image पर लिखा हुआ है।

Dua E Qunoot In Hindi
Dua E Qunoot In Hindi

Dua E Qunoot in English

अगर आपको इंग्लिश में पढना है तो निचे Image पर लिखा हुआ है पढ़ सकते हो

Dua E Qunoot In English
Dua E Qunoot In English

Dua e Qunoot Tarjuma in Hindi

आपको दुआए क़ुनूत पढना आता है तो आपको इसका तर्जुमा अर्थ भी समझ में आना चाहिए तभी तो आपको जानकारी होगी की इस दुआ की फ़ज़ीलत बरकत क्या है

तर्जुमा: ऐ अल्लाह, हम तुझ से मदद चाहते हैं ! और तूझ से माफी मांगते हैं तुझ पर ईमान रखते हैं और तुझ पर भरोसा करते हैं, और तेरी बहुत अच्छी तारीफ करते हैं और तेरा शुक्र करते हैं और तेरी नाशुकरी नहीं करते और अलग करते हैं और छोड़ते हैं, इस शख्स को जो तेरी नाफरमानी करें

ऐ अल्लाह, हम तेरी ही इबादत करते हैं और तेरे लिए ही नमाज़ पढ़ते हैं और सजदा करते हैं और तेरी तरफ दौड़ते और झपटते हैं और तेरी रहमत के उम्मीदवार हैं और तेरे आजाब़ से डरते हैं, बेशक तेरा आजाब़ काफिरों को पहुंचने वाला है।

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दुआ ए क़ुनूत पढ़ने के फायदे

इस दुआ में अल्लाह का आशीर्वाद पाने के लिए कलमे लिखे गए हैं, जिन्हें पढ़कर खुदा का आशीर्वाद पाया जा सकता है। पैगम्बर मोहम्मद भी इस दुआ को पढा करते थे, इससे ही इस दुआ की अहमियत का अंदाज़ा लगाया जा सकता है, इसलिए खुदा का आशीर्वाद पाने के लिए Dua Qunoot पढा करें।

दुआ ए क़ुनूत को ईशा के समय वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ने से घर मे बरक्कत आती है। लोगों का मानना है कि यह दुआ पढ़कर उनके घर मे बरक्कत हुई है, इसलिए अगर आप भी घर मे बरक्कत लाना चाहते हैं, तो पढ़ा करिए दुआ ए क़ुनूत।

दुआ ए क़ुनूत को ईशा के समय वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ने से स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। और बीमारियां दूर हो जाती है। कई बीमारियां ऐसी होती हैं, जो पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं लेती, ऐसी बीमारियां होने पर आपको यह दुआ (Dua Qunut) जरूर पढ़नी चाहिए।

दुआ ए कुनूत हिंदी में को ईशा के समय वित्र की नमाज़ के साथ पढ़ने से खुदा पढ़ने वाले को बुरी चीजों से और बुरी लोगों से दूर रखता है।

यह दुआ पढ़ने से काम या पढ़ाई में बरक्कत आती है। किताबों में लिखा है, और बहुत से लोगों का कहना है, की दुआ ए क़ुनूत पढ़ने से उनके काम/पढ़ाई में तरक्की आयी है। इसलिए अगर आप भी अपने काम या पढ़ाई में तरक्की पाना चाहते हैं तो यह दुआ जरूर पढ़ा करें।

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Dua e Qunoot याद न हो तो क्या पढ़े?

ईशा की नमाज़ में वित्र की नमाज़ पढ़ते वक्त दुआ ए क़ुनूत पढ़ना बहुत जरूरी है, लेकिन अगर आपको यह किसी भी कारण से याद नहीं हो पा रही है, या याद नही है, तो दुआ ए क़ुनूत याद करने की कोशिश करें, और जब तक दुआ ए क़ुनूत याद न हो तब तक आप वित्र की नमाज़ पढ़ते समय यह दुआ भी पढ़ सकते हैं जैसे-

रब्बना आतिना फिद दुनिया हसनतव वफिल आखिरति हसनतव वकिना अज़ाबन नार

Rabbana Aatina Fid-Dunya Hasanatanw Wa-fil Aakhirati Hasanatanw Waqina Azaaban Naar

तर्जुमा- ऐ हमारे रब्ब हमें दुनिया में नेकी और आख़िरत में भी नेकी दे और हमें दोज़ख ले अज़ाब से बचा।

दुआ ए क़ुनूत नमाज़ में भूल गए तो क्या होगा

ईशा की नमाज़ में वित्र की तीसरी रकात पढने के dua qunoot पढना भूल गए और नमाज़ पढने के baad याद आए तो आप सजदए सहव कर ले।

सजदए सहव करने का तरीका

जब आप  वित्र की तीसरी रकअत में दुआए क़ुनूत पढना भूल गए तब आप पहले बैठकर अत्ताहिय्यात पढ़ेंगे और फिर आप एक सलाम फेरेंगे और दूसरा सलाम ना फेरते हुए एक बार फिर से दो सजदे करेंगे ( सजदों में सजदों की तस्बीह ही पढ़ना है  ) और फिर अत्ताहिय्यात दुआए और दुरूदे इब्राहिम पढ़कर सलाम फेरेंगे।

Dua E Qunoot Related Question (FAQs)

क्या dua e qunoot कुरान शरीफ में मौजूद है?

dua e qunoot कुरान शरीफ में मौजूद नहीं है लेकिन ये dua हदीस मुबारक से साबित है

आज हमने क्या सीखा

आज हमने सीखा Dua E Qunoot Hindi में पढना और इसके साथ यह दुआ कब पढना चाहिए, इस दुआ का तर्जुमा क्या है क्युकी हम लोग दुआ पढने मगर तर्जुमा पता ही नहीं होता है। फिर दुआ क़ुनूत को पढने से क्या फायदा है, अपने दुआ ए qunoot को:

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आशा करते हैं आपको हमारी आज की पोस्ट दुआ ए क़ुनूत इन हिंदी पसन्द आयी होगी, और कुछ नया जानने को मिला। ऐसी ही अन्य पोस्ट पढ़ने के लिए बने रहें हमारे साथ।

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