अस्सलाम अलैकुम, आज हम जानेंगे कि Isha ki Namaz का तरीका क्या है और ईशा की नमाज़ को कैसे पढ़ा जाता है हम इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे, और इसे समझने का Try करेंगे।
Hello दोस्तों मैं आपका NamazQuran में Welcome करता हूं आज हम Isha Ki Namaz ka Tarika, नमाज़ का टाइम, नमाज़ का फजीलत के बारे में चर्चा करने वाले हैं, हम इससे जुड़े और कई तथ्यों को भी जानेंगे जैसे –
- नमाज़े ईशा की फ़ज़ीलत
- नमाज़े ईशा की नियत का तरीक़ा
- ईशा की नमाज का टाइम कब तक रहता है
- ईशा की नमाज़ कितनी रकत होती है
- ईशा की नमाज़ का वक्त कब खत्म होता है
नाजरीन पांच वक़्त की नमाज़ हर मुसलमान पर फ़र्ज़ है जिसे हर हाल में पढ़ना है चाहे आप कीसी भी हाल में हों दुनिया के कोई भी कोने में हों। इस पोस्ट ईशा नमाज़ की Information पुरे Details से निचे के Article में दे दिए है जिसे आप जरूर पढ़ें।
नमाज़ पढ़ने से पहले Important कुछ बातों का खासा ख्याल रखें नमाज़ पढ़ने के लिए सबसे पहले आपका जिस्म (Body) का पाक होना बहुत जरुरी है। दूसरा आप जो कपडा (cloth) ड्रेस पहने हुए है वो पाक साफ़ हो। और तीसरा जहाँ आप नमाज़ पढ़ रहे है उस जगह पर किसी तरह की कोई गन्दगी न हो उस जगह का पाक साफ़ होना जरुरी है तभी आपकी नमाज़ हो पाएगी।
Isha ki Namaz कितनी Rakat होती है
निचे आपको नमाज़ की रकात के बारे में समझाया गया है इससे आप ध्यान से पढ़े, ईशा की नमाज़ 17 Rakat होती है।
- 4 रकात सुन्नत
- 4 रकात फ़र्ज़
- 2 रकात सुन्नत
- 2 रकात नफिल
- 3 रकात वित्र
- 2 रकात नफिल
- (कुल = 17 रकात)
Isha ki Namaz ka Time
ईशा की नमाज़ का टाइम मग़रिब की नमाज़ के बाद से शुरू होता है और ईशा की नमाज़ का आखिरी टाइम सेहरी के वक़्त तक रहता है, यानि फज़र की नमाज़ से पहले तक रहता है।
Isha ki Namaz पढ़ने का सही तरीका क्या है
ईशा की नमाज़ दिन की पाँचवी नमाज़ होती हैं, इससे भी पढ़ने का बहुत सारा फजीलत जो आपको निचे बताया गया है, तो सबसे पहले जान लेते है की नमाज़ की नियत का तरीका क्या है।
ईशा की ४ रकात सुन्नत पढ़ने का तरीका
ईशा की 4 रकअत सुन्नत पढ़ने के लिए आप को सबसे पहले नियत करना होगा। नियत का तरीका निचे दिया गया है।
ईशा की 4 रकात सुन्नत की नियत
नियत की मैंने चार रकात नमाज़ ईशा की सुन्नत रसूलपाक के फर्ज से पहले वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर
ईशा की नमाज़ की पहली रकात सुन्नत
- सबसे पहले आप सना पढ़ें यानि सुब्हानका अल्लहुमा वबी हमदिका
- दूसरा ताउज पढ़ें यानि के आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़ें
- सूरह फातिहा पढ़ें यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें
- क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें
उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें।
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें।
फिर आप खड़े हो जाए दूसरा रकात पढ़ने के लिए।
ईशा की नमाज़ की दूसरी रकात सुन्नत
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ दूसरे रकात में सिर्फ आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें।
इसके बाद आप रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुके में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक बार रब्बना लकल हम्द भी कहें।
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ जैसे नमाज़ में बैठते है।
सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें, फिर अल्लाहु अकबर कहते हुवे तीसरी रकात के लिए खड़े हो जाएँ।
ईशा की नमाज़ की तीसरी रकात सुन्नत
तीसरी रकात में भी सबसे पहले आप तस्मियाँ यानि बिस्मिल्लाहहिर्रहमा निर्रहीम पढ़ें इसके बाद सूरह फातिहा यानि के अल्हम्दुलिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें।
उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुवे रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुवे खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक बार रब्बना लकल हम्द भी कहें।
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए चौथी रकात के लिए खड़े हो जाएँ।
ईशा की नमाज़ की चौथी रकात सुन्नत
चौथी रकत में भी आपको सबसे पहले बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ना है इसके बाद सूरह फातिहा यानि के अल्हम्दुलिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें।
उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन बार सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक बार रब्बना लकल हम्द भी कहें।
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ जैसे नमाज़ में बैठते है।
सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें।
उसके बाद एक मर्तबा दरूदे इब्राहिम पढ़ें।
उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें।
और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें।
इस तरह से आपकी ईशा की 4 रकात सुन्नत पूरी हो गयी।
ईशा की 4 रकात फर्ज पढ़ने का तरीका
अगर आप असर की फ़र्ज़ नमाज़ अकेले पढ़ रहे है तो जिस तरह से सुन्नत के बारे में ऊपर बताया गया है उसी तरह से फ़र्ज़ की नमाज़ पढ़ने से आपकी नमाज़ हो जाएगी। अगर इमाम के पीछे फ़र्ज़ की नमाज़ पढ़ रहे है तो निचे बताए गए स्टेप को फॉलो करे।
याद रहे फ़र्ज़ नमाज़ के तीसरी और चौथी रकात में सिर्फ और सिर्फ सूरह फातिहा पढ़ी जाती है उसके बाद बिना कोई सूरह पढ़ें रुकू के लिए चलें जाएँ।
ईशा की 4 रकअत फ़र्ज़ पढ़ने के लिए आप को सबसे पहले नियत करना होगा। नियत का तरीका निचे दिया गया है।
ईशा की 4 रकात फर्ज की नियत
नियत की मैंने चार रकात नमाज़ ईशा की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर
इस तरह नियत पढ़ कर नियत बांध ले।
अगर आप इमाम के पीछे नमाज़ अदा कर रहे हों तो ऐसे नियत करे।
नियत की मैंने चार रकात फ़र्ज़ नमाजे ईशा की वास्ते अल्लाह तआला के पीछे इस इमाम के रुख मेरा काबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर
इस तरह नियत कह कर अपने दोनों हांथों को अपने नाफ के निचे बाँध ले ये सिर्फ मर्द हजरात के लिए है औरतें अपने सीने पर हाँथ बांधें।
ईशा की नमाज़ की पहली रकात फ़र्ज़
- सबसे पहले आप सना पढ़ें यानि सुब्हानका अल्लहुमा वबी हमदिका
- दूसरा ताउज पढ़ें यानि के आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़ें
इसके बाद आप चुप हो जाए इमाम की अल्हम्दो लिल्लाहे खामोशी के साथ सुने फिर क़ुरान की सूरह भी सुने।
इसके बाद wait करे इमाम जब तक रुकू में नहीं जाता फिर अल्लाह हुअक्बर कहते हुए रुकू में चले जाए। और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुकू में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर इमाम बोलेगा समी अल्लाह हुलेमन हमीदा तो आप कहेंगे रब्बना लकल हम्द फिर अल्लाह हुअक्बर कहते हुए सजदे में चले जाए।
सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें।
ईशा की नमाज़ की दूसरी रकात फर्ज
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ दूसरे रकात में आपको चुप रहना है
इमाम जब अल्हम्दो लिल्लाहे और सूरह पढ़ लेगा तो अल्लाह हुअक्बर कहते हुए रुकू में चले जाओ।
इसके बाद आप रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुके में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर इमाम बोलेगा समी अल्लाह हुलेमन हमीदा तो आप कहेंगे रब्बना लकल हम्द फिर अल्लाह हुअक्बर कहते हुए सजदे में चले जाए।
सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें | फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ।
सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें।
ईशा की नमाज़ की तीसरी रकात फर्ज
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए तीसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ, फिर खामोसी के साथ सिर्फ आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ कर खामोश हो जाए। और इमाम का इंतजार करे रुकू में जाने के लिए।
इसके बाद अल्लाह हुअक्बर कहते हुए रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुकू में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर इमाम बोलेगा समी अल्लाह हुलेमन हमीदा तो आप कहेंगे रब्बना लकल हम्द फिर अल्लाह हुअक्बर कहते हुए सजदे में चले जाए।
सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें, फिर अल्लाह हुअक्बर कहते हुए खड़ा हो जाये।
ईशा की नमाज़ की चौथी रकात फर्ज
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए 4 रकात के लिए खड़े हो जाएँ। फिर खामोसी के साथ सिर्फ आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ कर खामोश हो जाए, और इमाम का इंतजार करे रुकू में जाने के लिए।
इसके बाद अल्लाह हुअक्बर कहते हुए रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुकू में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर इमाम बोलेगा समी अल्लाह हुलेमन हमीदा तो आप कहेंगे रब्बना लकल हम्द फिर अल्लाह हुअक्बर कहते हुए सजदे में चले जाए।
सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें, फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ।
सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें।
उसके बाद एक मर्तबा दरूदे इब्राहिम पढ़ें।
उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें।
और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें।
इस तरह से आपकी ईशा की 4 रकात फ़र्ज़ पूरी हो गयी।
ईशा की 2 रकात सुन्नत पढ़ने का तरीका
ईशा की 2 रकअत सुन्नत पढ़ने के लिए आप को सबसे पहले नियत करना होगा। नियत का तरीका निचे दिया गया है।
ईशा की 2 रकात सुन्नत की नियत
नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ ईशा की सुन्नत रसूलपाक के फर्ज के बाद वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर
ईशा की नमाज़ की पहली रकात सुन्नत
- सबसे पहले आप सना पढ़ें यानि सुब्हानका अल्लहुमा वबी हमदिका
- दूसरा ताउज पढ़ें यानि के आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़ें
- सूरह फातिहा पढ़ें यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें
- क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें
उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें।
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें।
फिर आप खड़े हो जाए दूसरा रकात पढ़ने के लिए।
ईशा की नमाज़ की दूसरी रकात सुन्नत
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ दूसरे रकात में सिर्फ आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें।
इसके बाद आप रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुके में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक बार रब्बना लकल हम्द भी कहें।
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ जैसे नमाज़ में बैठते है।
सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें।
उसके बाद एक मर्तबा दरूदे इब्राहिम पढ़ें।
उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें।
और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें।
इस तरह से आपकी ईशा की 2 रकात सुन्नत पूरी हो गयी।
ईशा की 2 रकात नफिल पढ़ने का तरीका
ईशा की 2 रकअत नफिल पढ़ने के लिए आप को सबसे पहले नियत करना होगा। नियत का तरीका निचे दिया गया है।
ईशा की 2 रकात नफिल की नियत
नियत की मैंने दो रकात नमाज़ ईशा की नफिल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर
ईशा की नमाज़ की पहली रकात नफिल
- सबसे पहले आप सना पढ़ें यानि सुब्हानका अल्लहुमा वबी हमदिका
- दूसरा ताउज पढ़ें यानि के आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़ें
- सूरह फातिहा पढ़ें यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें
- क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें
उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें।
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें।
फिर आप खड़े हो जाए दूसरा रकात पढ़ने के लिए।
ईशा की नमाज़ की दूसरी रकात नफिल
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ दूसरे रकात में सिर्फ आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें।
इसके बाद आप रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुके में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक बार रब्बना लकल हम्द भी कहें।
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ जैसे नमाज़ में बैठते है।
सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें।
उसके बाद एक मर्तबा दरूदे इब्राहिम पढ़ें।
उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें।
और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें।
इस तरह से आपकी ईशा की 2 रकात नफिल पूरी हो गयी।
ईशा की 3 रकात वित्र पढ़ने का तरीका
ईशा की 3 रकात वित्र की नमाज़ का तरीका अच्छी तरह से सिखने के लिए मैंने एक Seprate अलग पोस्ट लिखा है जिसको पढ़कर आप अच्छे तरीके से वित्र की नमाज़ का तरीका सिख सकते है।
उस पोस्ट को पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करे वित्र की नमाज़ पढ़ने का तरीका।
मस्जिद में दाखिल होने की ईशा की 2 रकात नफिल पढ़ने का तरीका
ईशा की 2 रकअत मस्जिद में दाखिल होने की नफिल पढ़ने के लिए आप को सबसे पहले नियत करना होगा। नियत का तरीका निचे दिया गया है।
ईशा की 2 रकात मस्जिद में दाखिल होने की नियत
नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ मस्जिद में दाखिल होने की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर
ईशा की नमाज़ की पहली रकात नफिल
- सबसे पहले आप सना पढ़ें यानि सुब्हानका अल्लहुमा वबी हमदिका
- दूसरा ताउज पढ़ें यानि के आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम पढ़ें
- सूरह फातिहा पढ़ें यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें
- क़ुरान शरीफ की कोई एक सूरह पढ़ें
उसके बाद आप अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ रुकू में जाने के बाद कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक मर्तबा रब्बना लकल हम्द भी कहें।
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें।
फिर आप खड़े हो जाए दूसरा रकात पढ़ने के लिए।
ईशा की नमाज़ की दूसरी रकात नफिल
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरे रकात के लिए खड़े हो जाएँ दूसरे रकात में सिर्फ आप बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्रहीम पढ़ कर सूरह फातिहा यानि अल्हम्दु लिल्लाह पढ़ें इसके बाद क़ुरान शरीफ का कोई एक सूरह पढ़ें।
इसके बाद आप रुकू के लिए जाएँ और जैसा की हमने पहले भी बताया है रुके में कम से कम तीन मर्तबा सुब्हान रब्बिल अजीम कहें।
फिर समी अल्लाह हुलेमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाएँ जब आप अच्छे से खड़े हो जाएँ तो एक बार रब्बना लकल हम्द भी कहें।
फिर आप अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे के लिए जाएँ सजदे के दरमियान कम से कम आप तीन मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला कहें फिर आप अल्लाहु अकबर कह कर अपने पंजो पर बैठ जाएँ जैसे नमाज़ में बैठते है।
सबसे पहले एक मर्तबा अत्तहियातु लिल्लाहि पढ़ते हुए अपने शहादत के ऊँगली को उठायें।
उसके बाद एक मर्तबा दरूदे इब्राहिम पढ़ें।
उसके बाद एक मर्तबा दुआ ए मासुरा पढ़ें।
और फिर सलाम फेरें अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह पहले दाएं जानिब मुंह फेरे फिर अस्सलामो अलैकुम वरहमतुल्लाह बाएं जानिब मुंह फेरें।
इस तरह से आपकी ईशा की 2 रकात नफिल पूरी हो गयी।