क्या आपको पता है Musafa Karne ki Dua क्या है और इस दुआ को हिंदी, इंग्लिश में कैसे याद करे क्या सच में मुसाफा एक हाथ या दो हाथ से किया है।
अगर आपको भी जानना है मुसाफा क्या है और इसका मतलब है, या मुसाफा करने की सुन्नत तरीका क्या है तो आप इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़े तो समझ आ जाएगा की मुसाफा एक हाथ या दो हाथ से और तरीका क्या है।
मुसाफा का मतलब (Meaning of Musafa)
जब दो मुस्लिम भाई आपस में मिलते है तो सबसे पहले salam करते है और फिर दोनों हाथ मिलाते है इसी हाथ मिलाने को मुसाफा कहते है।
मुसाफा एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ होता है – समझौता या सौदा। यह आमतौर पर किसी विवाद या मतभेद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों द्वारा किया गया समझौता होता है।
मुसाफा करने में दोनों पक्ष एक-दूसरे की बातों को सुनते हैं और फिर किसी मध्यमार्ग पर पहुंचने की कोशिश करते हैं। इससे दोनों के हितों की रक्षा होती है और विवाद समाप्त हो जाता है।
कई बार मुसाफा में तीसरे पक्ष (मध्यस्थ) की भी भूमिका होती है जो दोनों पक्षों के बीच सेतु का काम करता है और समझौते में मदद करता है।
मुसाफा आमतौर पर लिखित समझौते के साथ समाप्त होता है ताकि भविष्य में किसी भी विवाद की स्थिति में इसे देखा जा सके। कुछ मामलों में मौखिक रूप से भी मुसाफा किया जा सकता है।
इस प्रकार, मुसाफा एक महत्वपूर्ण तरीका है जिसके द्वारा विवादों का समाधान किया जा सकता है और दोनों पक्षों के हितों की रक्षा की जा सकती है।
Musafa Karne ki Dua
तर्जुमा: या’नी अल्लाह हमारी और तुम्हारी मरिफ़रत फ़रमाए
मुसाफा एक हाथ या दो हाथ से?
अब चलिए जानते है मुसाफा एक हाथ से करना चाहिए या दोनों हाथो से करना है तो सही हदीसों की रोशनी में दोनों तरीको से मुसाफा करना सही है, हमें दो तरीके से मुसाफा करने की दलील मिलती हैं। इमाम बुखारी का भी यही अकीदा था।
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