Masjid Me Dakhil Hone Aur Bahar Nikalne Ki Dua 2024

अस्सलाम अलैकुम दोस्तों, अगर आप Masjid Me Dakhil Hone Aur Bahar Nikalne Ki Dua के बारे में जानने के लिए आए हो तो सही जगह आए हो, क्युकी इस पोस्ट में आपको जानने को मिलेगा की Masjid me Dakhil hone ki Dua, Masjid se Nikalne ki Dua, और मस्जिद की दुआ क्यों पढ़ते है?

मस्जिद मे दाखिल होने की दुआ क्या है?

इस्लाम में मस्जिद में प्रवेश करने से पहले एक दुआ पढ़ी जाती है जिसे ‘दुआ दुखूल मस्जिद’ कहा जाता है, इस दुआ में अल्लाह से यह प्रार्थना की जाती है कि वह मस्जिद में प्रवेश करने वाले के गुनाहों को माफ़ करे।

इसमें अल्लाह से निवेदन किया जाता है कि वह मस्जिद को शांति और भक्ति का स्थान बनाए रखे, यह दुआ मस्जिद में प्रवेश करते समय ख़ुशू और आदर का भाव पैदा करती है, इसके पढ़ने से नमाज़ अदा करने के लिए सकारात्मक माहौल तैयार होता है।

Masjid Me Dakhil Hone Aur Bahar Nikalne Ki Dua

मस्जिद इबादत करने का जगह होगा है या मस्जिद अल्लाह सुभान ता’अला का घर है, और मस्जिद में किसी भी तरह का इबादत करना अल्लाह ता’अला को बहुत ज्यादा पसंद आता है।

इस्लाम में छोटे-छोटे अमल से भी बेशुमार नेकिया मिलती है! क्या पता रोज़ ए महशर कौन सी नेकी काम आ जाये! इसलिए जब भी घर से बाहर जाए तो घर के बाहर जाने वाली दुआ और घर में दाखिल होने की दुआ जरूर पढ़े।

Masjid me Dakhil Hone ki Dua

जब आप नमाज़ पढने या किसी वजह से जब मस्जिद के अंदर जाने लगे तो पहले दाहिना पैर (Right Feet) अंदर रखे और निचे दिया गया दुआ पढ़े।

Masjid me Dakhil Hone ki Dua In Arabic
Masjid me Dakhil Hone ki Dua In Arabic

Masjid se Nikalne ki Dua

जब आप मस्जिद से बाहर निकलने लगे तो सबसे पहले बयां पैर (Left Feet) बाहर निकाले और ये दुआ पढ़े।

Masjid se Nikalne ki Dua In Arabic
Masjid se Nikalne ki Dua In Arabic

मस्जिद की दुआ क्यों पढ़ते है?

अल्लाह ता’अला ने हमारे लिए बहुत सारे छोटे छोटे अमाल बताए है जिसको पढ़कर सवाब हासिल कर सकते है, जिसमे मस्जिद की दुआ भी सामिल है जिसे आपको पढने में 5 सेकंड भी नहीं लगेगा और सारे सवाब भी मिल जाएगा, इसीलिए हम मस्जिद की दुआ पढ़ते है।

क्या मस्जिद की दुआ नहीं पढ़ने से गुनाह होता है?

अगर सीधा सीधा बात करें तो, नहीं. जी आपने सही सुना मस्जिद से बाहर निकलते वक्त और अंदर दाखिल होते वक्त दुआ न पड़ने से गुनाह तो नहीं मिलता है।

आज अपने क्या सीखा

आज हमने सीखा की मस्जिद में दाखिल होने और मस्जिद से बाहर निकलते वक़्त की दुआ क्या है, और मस्जिद की दुआ क्यों पढते है, और ये भी जाना की मस्जिद की दुआ पढ़ने से सवाब मिलता है और नहीं पढ़ने से गुनाह भी नहीं होता है।

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