Alvida Jumma ki Namaz ka Tarika, Rakat, Niyat, Waqt

Alvida Jumma ki Namaz ka Tarika काफी लोग खोज रहे है क्युकी अलविदा जुम्मा आने वाला है और मुसलमानों के लिए माहे रमजान का आखिरी जुम्मा यानि अलविदा जुम्मा बहुत अहमियत रखता है।

Alvida Jumma ki Namaz Kaise Padhe हर कोई जानना चाहता है लेकिन शुरुआत से कहा पे सीखे ए सवाल है क्युकी गूगल पर अलविदा जुम्मा की नमाज़ कैसे पढ़े सर्च करने पर जो वेबसाइट आता है वो अच्छे से नहीं बताया है।

प्यारे दोस्तों रमजान शरीफ का बहुत ही पाक महिना रुखसत होने वाला है और आज रमजान मुबारक महीने का आखिरी जुमा है यानी अलविदा जुमा है। रोजेदारों के लिए इस जुमे की काफी अहमियत होती है क्युकी इसे भी ईद से कम अहमियत नहीं है।

चलिए जानते है की Alvida Jumma ki Namaz ka Niyat, Rakat, Waqt क्या है आप इस पोस्ट को आखिरी तक जरुर पढ़े।

अलविदा जुमा क्या है?

अलविदा का मतलब होता है किसी चीज के रुखसत होने का यानी रमजान हमसे रुखसत हो रहा है। इसलिए इस मौके पर जुमे में अल्लाह से खास दुआ की जाती है कि आने वाला रमजान हम सब को नसीब हो।

रमजान के महीने में आखिरी जुमा (शुक्रवार) को ही अलविदा जुमा कहा जाता है। अलविदा जुमे के बाद लोग ईद की तैयारियों में लग जाते है। अलविदा जुमा रमजान माह के तीसरे अशरे (आखिरी 10 दिन) में पड़ता है। यह जुमा बहुत ही अफज़ल होता है क्युकी इससे जहन्नम (दोजक) से निजात मिलती है।

Alvida Jumma Wishes

Alvida Jumma ki Namaz Kaise Padhe

Alvida jumma ki namaz बेहद ही फजीलत वाली होती है, क्योंकि यह रमजान के महीने में आती है और जुमे की फजीलत से तो हर कोई वाकिफ ही है।

बता दें रमजान का मुबारक महीना 1 महीने का होता है, रमजान 29 या 30 दिनों का होता है, ऐसे में इस मुबारक महीने में हम मुसलमानों को 4 जुम्मे नसीब होते हैं।

जुमे की फजीलत से तो हर कोई वाकिफ होगा लेकिन जुमे की नमाज की बरकत और रहमत रमजान के महीने में कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है।

ऐसे में जब रमजान के महीने की आखिरी जुम्मा जब हम अदा करते हैं, तो उसे हम अलविदा जुम्मा के नाम से बुलाते हैं; क्योंकि रमजान का यह आखरी जुम्मा होता है, उसके बाद हमें अगले साल रमजान के महीने में जुम्मा का दिन नसीब होता है।

इस वजह से Alvida Jumma ki Namaz अदा करना खास हो जाता है, और Alvida Jumma ki Namaz ka Tarika जानना हर के लिए जरूरी हो जाता है, ताकि वह इस नमाज को अदा करके ढेरों सवाब हासिल कर सकें।

Alvida jumma ki namaz kaise padhe तो आपको बता दें अलविदा जुमा की नमाज़ हम अपनी आम जुमे की नमाज की तरह ही अदा करते हैं, बस थोड़ी तब्दीलियां होती है, जैसे नियत में बाकी सभी चीजें लगभग एक जैसी ही होती है।

अलविदा जुमा की नमाज भी आम महीनों के जुमे की नमाज की तरह जमात के साथ अदा की जाती है; इस नमाज क छोड़ना गुना हासिल करने के बराबर है।

Alvida jumma ki Namaz ka Waqt kya Hai?

Alvida jumma ki namaz ka waqt kya hai? यह जानना बहुत जरुरी होता है क्युकी इस्लाम हर काम करने के लिए वक़्त मुकरर किया होता है। जैसा कि हमें मालूम है, कि जुमे की नमाज हम जोहर की नमाज के बदले में पढ़ते हैं, और जोहर की नमाज दोपहर में अदा की जाती है तो इसलिए अलविदा जुमा की नमाज़ का वक्त भी जोहर की नमाज का वक्त पर होता है।

Alvida Jumma ki Namaz me Kitni Rakat Hoti Hai

Alvida jumma ki namaz ki rakat kitni hoti hai? तो बता दे की जुम्मे की नमाज 12 रकात की होती है, जिसमे 2 रकात फ़र्ज़ यानि जमात के साथ अदा की जाती है।

यह जो रकात हमने आपको बता वह फर्ज नमाज है, जो जमात के साथ अदा की जाती है; इसके अलावा हम सुन्नत और नफिल नमाज अदा करते हैं, जो कि आम महीनों की जुमे की नमाज में अदा की जाती है।

Alvida Jumma ki Namaz ki Niyat

हमने आपको पहले भी बताया है, नियत दिल के इरादे का नाम है, आप अपने दिल में अलविदा जुमा की नमाज़ पढ़ने का इरादा कर लेंगे तो आपकी नियत हो जाएगी लेकिन मुंह से नियत बोलना मुस्तहब है, इसलिए हम आपको बता देते हैं।

नियत - नियत करता हूं मैं 2 रकात नमाज अलविदा जुमा की वास्ते अल्लाह तआला के पीछे मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाह हू अकबर।

Alvida Jumma ki Namaz ka Tarika

सबसे पहले आप घर में घुसल करें और पाक-साफ कपड़ा पहन कर घर में ही वज़ करें इसका अलग सवाब मिलता है या मस्जिद के वजू खाना में वजू करे।

मस्जिद में जब आप जाएंगे तो मस्जिद में जाने की दुआ जरुर पढ़े उस वक्त इमाम साहब हदीसों की रोशनी में कुछ बातें बता रहे होंगे जैसा हर जुम्मे को बताते हैं तो उन्हें आप ध्यान से इत्मीनान से बैठ कर सुनें।

मस्जिद के अंदर आने के बाद आपको चार रकात सुन्नत अदा कर लें उसके बाद आप बैठ जाइएगा फिर इमाम साहब खुतबा सुनाएंगे खुतबा आपको चुपचाप बैठ कर ध्यान से सुनना है, इससे भी सवाब हासिल होता है।

जैसे ही इमाम साहब खुतबा मुकम्मल पढ़ लेंगे तब आप जमात के साथ खड़े हो जाइएगा अब अलविदा जुम्मा की 2 रकात फर्ज नमाज अदा की जाएगी।

Alvida jumma ki namaz ka tarika बेहद ही आसान है, नमाज के लिए खड़े होते ही आपको अलविदा जुम्मा की नियत करनी है, नियत करने का तरीका हमने आपको बता दिया नियत करने के बाद आप अपने हाथों को कानों तक अल्लाह हू अकबर कहते हुए ले जाएं और फिर हाथ बांध लें।

हाथ बांधने के बाद आप सबसे पहले सना पढें, सना पढ़ने के बाद चुपचाप खड़े रहे अब इमाम साहब पहले अल्हम्दु शरीफ पढेंगे; उसके बाद कोई सुरह मिलाएंगे फिर अल्लाह हू अकबर कहते हुए रुकू में जाएंगे आप भी रुकू में जाइएगा और तीन बार सुबहाना रब्बी यल अज़ीम पढ़िएगा।

अब इमाम साहब समीअल्लाह होलमन हमीदह कहते हुए खड़े होंगे आप रब्बना लकल हम्द कहते हुए खड़े हो जाएगा; फिर अल्लाह हू अकबर कहते हुए इमाम साहब सजदे में जाएंगे आप भी सजदे में चले जाइएगा।

सज्दा दो बार होगा और दोनों बार आप सजदे में सुबहाना रब्बी यल अला पढ़ें; और फिर इमाम साहब अल्लाह हू अकबर कहते हुए दूसरी रकात में खड़े हो जाएंगे आप भी खड़े हो जाइएगा।

Alwida jumma ki namaz ka tarika

  • दूसरी रकात में आपको कुछ नहीं पढ़ना है, इमाम साहब पहले अलहम्दो शरीफ पढेंगे फिर एक सूरत मिलाएंगे उसके बाद अल्लाह हू अकबर कहते हुए रुकु में जाएंगे आप भी जाइएगा रुकु के बाद खड़े होंगे फिर सजदे में जाएंगे आप भी ऐसे ही कीजिएगा सजदा दो बार करिएगा दोनों ही बार सजदे की तस्बीह पढ़एगा उसके बाद तशहुद में बैठ जाइएगा।
  • तशहुद में बैठ कर आप सबसे पहले अत्ताहियात फिर दरूदे इब्राहिम और आखिर में दुआ ए मसुरा पढ़कर इमाम साहब के कहने पर सलाम फेर लीजियेगा।

यहा आपकी alvida jumma ki namaz मुकम्मल होती है, अब आप बाकी की बची हुई रकातो को अदा करें; पहले बाद आप 4 रकात सुन्नत फिर दो रकात सुन्नत और आखिर में 2 रकात नफिल पढ़ लीजियेग।

पांच वक्त की नमाज पढने का सही तरीका।

Alvida juma ki dua

अलविदा जुमे मे पढ़ी जाने वाली दुआ जिनका बहुत बड़ा सवाब है हमने नीचे बताई है जिन्हे पढ़ कर आप जुमे का दिन ओर भी अफजल बना सकते है।

  • जुमा के दिन Surah Kahf पढ़ने से दूसरे जुमे तक पढ़ने वाले के गुनाहों का कफ़फारह हो जाएगा और उसके लिए नूर चमकेगा।
  • इसी तरह जो भी जुमे के दिन 100 मर्तबा अल्लाह के इस नाम को पढ़ेगा तो उसके तमाम नेक आमाल मकबूल हो जाएंगे । (اَلْبَاقِىْ)
  • जुमे की नमाज़ के बाद 100 मर्तबा इस दुआ को पढ़ने से अल्लाह तआला उसकी मग़फिरत फरमा देंगे । (يَا غَفَّارُ اِغْفِرْلِىْ ذُنُوْبِىْ)

Alvida Jumma ki Namaz Ghar par Kaise Padhe

अलविदा जुम्मा की नमाज़ का तरीका क्या है आपने तो ऊपर पढ़ ही लिया होगा लेकिन वो तरीका मस्जिद के अन्दर इमाम के पीछे पढ़ने का तरीका है।

लेकिन यहाँ पर हम बात कर रहे है Alvida Juma ki Namaz Ghar par Kaise Padhe? क्युकी लॉक डाउन की वजह से मस्जिद के अन्दर नमाज़ पढना मना कर दिया है या किसी और प्रॉब्लम की वजह से मस्जिद नहीं जा सकते और इमाम के पाछे नमाज़ नहीं पढ़ सकते तो क्या करे।

क्या घर में अलविदा जुम्मा की नमाज़ पढ़ा जा सकता है तो हमारे दोस्तों अलविदा या जुम्मा की नमाज़ घर अदा नहीं किया जा सकता है क्युकी अलविदा की नमाज़ मस्जिद के अन्दर जमात के साथ पढ़ने का हुक्म हुआ है।

लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल भी नहीं की आपके जिम्मा से नमाज़ सकित हो गया जी नहीं उसके बदले आपको जोहर की नमाज़ अदा करना होगा. Zohar ki Namaz ka Tarika नहीं मालूम तो किसी से सीखे या मेरे वेबसाइट पर इसका तरीका डिटेल्स में दिया गया है।

अगर आप घर पर ही अलविदा नमाज़ जितना सवाब कमाना चाहते है तो निचे दिया गया स्टेप को फॉलो करे:

  • सबसे पहले जोहर की नमाज़ को मुकम्मल अदा कर ले
  • फिर उसके बाद चार रकात सुकराने की नमाज़ पढ़े
  • इसके बाद क़ज़ाये उमरी की नमाज़ पढ़े
  • इसके बाद सलातो हाजत की नमाज़ पढ़े

इस तरह से आपकी अलविदा की नमाज़ मुकम्मल हुई

Alvida jumma ki nafil namaz

वैसे तो दोस्तो juma tul wida की नफिल नमाज के लिए कोई मखसूस हदीस नहीं है इस दिन आप ज्यादा से ज्यादा दुरूद शरीफ पढ़ सकते है और इसका सवाब नबी पाक के लिए बक्श सकते है।

अक्सर देखा देखा गया है कुछ लोग व्हाट्सएप पर एक मैसेज वायरल करता हूं जिसमें लिखा होता है अलविदा जुम्मा के दिन 4 रकात नफिल नमाज पढ़ने से 700 साल की कजा नमाज अदा हो जाती है दोस्तों आपको बता दें यह किसी भी हदीस से वारिद नही है और ना ही किसी हदीस में ऐसा लिखा हुआ है।

इसलिए दोस्तों हमें चाहिए बिना फिजूल की बातों पर ध्यान ना दिया जाए क्योंकि दीन कुछ अपनी तरफ से बढ़ाकर बताना जहन्नुम में ले जाने का काम करेगा इसलिए दोस्तों आप भी इन फिजूल बातों से बचें और अपने घरवालों को बचाएं।

Juma tul wida में हम सब को चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा अल्लाह की इबादत करें कुरान की तिलावत करें और दुरूद शरीफ की कसरत करें।

अलविदा जुमा का महत्त्व (Importance of Alvida Juma)

अल्लाह सुबान ताला ने इस जुमे मुबारक को सबसे अफजल करार दिया है। हदीस शरीफ में इस जुमे को सय्यदुल अय्याम कहा गया है। माहे रमजान से मुहब्बत करने वाले कुछ लोग अलविदा के दिन गमगीन हो जाते हैं। यह आखिरी असरा है।

जिसमें एक ऐसी रात होती है, जिसे तलाशने पर हजारों महीने की इबादत का लाभ एक साथ मिलता है। यूं तो जुमे की नमाज पूरे साल ही खास होती है पर रमजान का आखिरी जुमा अलविदा सबसे खास होता है। अलविदा की नमाज में साफ दिल से जो भी दुआ की जाती है, वह जरूर पूरी होती है।

आज आपने क्या जाना?

दोस्तों आज हमने alvida jumma ki namaz ka tarika तफसील से और आसान लफ्जों में जाना उम्मीद है, आपको अलविदा जुम्मा से जुड़ी तमाम जानकारी सही से समझ में आ गई होगी।

दोस्तों यह जूमा रमजान के महीने का आखिरी जुमा है, इसलिए इस जुमे को ज़ाया ना होने दें आप इस जुमे खूब इबादत करें, और क्योंकि जुम्मे की रात में शबे कदर की रात यानी इसी रात में जागकर इबादत भी करते हैं, इसलिए आप इस दिन का पूरा फायदा उठाएं।

आज के लिए बस इतना ही आपका हमारी यह पोस्ट कैसी लगी और आप हमें क्या सलाह देना चाहते हैं? कमेंट में जरुर बताएं अल्लाह हाफिज अलविदा जुम्मा मुबारक

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